ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 13 दिसंबर 2010

विश्राम का समय

पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में ३६५ और १/४ दिन लगते हैं। इस कारण हर चौथे साल वर्ष में ३६६ दिन गिने जाते हैं और यह अतिरिक्त दिन फरवरी महीने में जोड़ दिया जाता है। इस प्रकार हमारा कैलेन्डर का नक्षत्रों से निर्धारित समय से सामन्जस्य बना रहता है।

प्राचीन इस्त्राएल के कैलेन्डर में प्रमेश्वर ने एक अद्भुत रीति से सामाजिक बातों को फिर से सही सामन्जस्य में लाने की विधि ठहराई थी। जैसे मनुष्य के लिये सप्ताह का सातवां दिन विश्राम का दिन निर्धारित किया गया (निर्गमन २०:८-१०), वैसे ही भूमि के लिये भी सातवां वर्ष विश्राम का वर्ष ठहराया गया (लैव्यवस्था २५:४) जिससे उसकी उर्वरता की परिपूर्ति हो सके। इसके साथ ही इस विश्राम के सातवें वर्ष में लोगों के कर्ज़ भी माफ होने थे (व्यवस्थाविवरण १५:१-११) और इब्रानी दास भी स्वतंत्र किये जाने थे। अर्थात, यह विश्राम का वर्ष, भूमि और समाज को एक नई शुरूआत देता था।

हमारे व्यस्त कार्यक्रमों और भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में हमें भी जीवन की कई बातों में सामन्जस्य बैठाने और व्यवसाय, परिवार, मण्डली के कामों को सुचारू रूप से चलाने के लिये उनका पुनःअवलोकन करने की आवश्यक्ता होती है। इसके लिये परमेश्वर की इस विश्राम विधि का पालन करना लाभदायक है; इसके द्वारा अपने लिये विश्राम और प्रार्थना सहित अपने कार्यों और अपनी प्रथमिकताओं पर विचार करके आगे बढ़ने के लिये सामर्थ पुनः प्राप्त करी जा सकती है। प्रभु यीशु ने अपने जीवन से इसे दिखाया - वह स्वयं प्रार्थना करने के लिये एकान्त में जाया करता था (लूका ६:१२, मरकुस १:३५) और उसने अपने चेलों को भी ऐसा करने की शिक्षा दी "प्रेरितों ने यीशु के पास इकट्ठे होकर, जो कुछ उन्‍होंने किया, और सिखाया था, सब उस को बता दिया। उस ने उन से कहा, तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो; क्‍योंकि बहुत लोग आते जाते थे, और उन्‍हें खाने का अवसर भी नहीं मिलता था। (मरकुस ६:३०, ३१)

ये विश्राम और प्रार्थना के समय हमारे थकित जीवनों में नई जान डालने और हमें अपने कार्य तथा ज़िम्मेदारियों के निर्वाह में और अधिक कार्यकुशल बनाने के लिये आवश्यक हैं, क्योंकि ये हमारे शरीरों की रचना में परमेश्वर द्वारा स्थापित किये गये हैं।

अपने जीवन में विश्राम के उचित समय बनाए रखिये - ये आपके, आपके परिवार के और समाज के भले के लिये परमेश्वर की व्यवस्था हैं। - डेनिस फिशर


अपने समय का सर्वोत्तम प्रयोग करने के लिये प्रार्थना में समय लगाना सीखिये।

परन्तु सातवें वर्ष भूमि को यहोवा के लिये परमविश्रामकाल मिला करे। - लैव्यवस्था २५:४


बाइबल पाठ: लैव्यवस्था २५:१-७

फिर यहोवा ने सीनै पर्वत के पास मूसा से कहा,
इस्त्राएलियों से कह, कि जब तुम उस देश में प्रवेश करो जो मैं तुम्हें देता हूं, तब भूमि को यहोवा के लिये विश्राम मिला करे।
छ: वर्ष तो अपना अपना खेत बोया करना, और छहों वर्ष अपनी अपनी दाख की बारी छांट छांटकर देश की उपज इकट्ठी किया करना;
परन्तु सातवें वर्ष भूमि को यहोवा के लिये परमविश्रामकाल मिला करे। उस में न तो अपना खेत बोना और न अपनी दाख की बारी छांटना।
जो कुछ काटे हुए खेत में अपने आप से उगे उसे न काटना, और अपनी बिन छांटी हुई दाखलता की दाखों को न तोड़ना; क्योंकि वह भूमि के लिये परमविश्राम का वर्ष होगा।
और भूमि के विश्रामकाल ही की उपज से तुम को, और तुम्हारे दास-दासी को, और तुम्हारे साथ रहने वाले मजदूरों और परदेशियों को भी भोजन मिलेगा;
और तुम्हारे पशुओं का और देश में जितने जीवजन्तु हों उनका भी भोजन भूमि की सब उपज से होगा।

एक साल में बाइबल:
  • होशै १२-१४
  • प्रकाशितवाक्य ४