ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 3 मार्च 2012

प्रबल प्रवाह

   जब मैं किशोरावस्था में था तो मैं, मेरे पिता और अन्य परिवार के सदस्यों के साथ कलिफोर्निया की सैक्रेमैन्टो नदी के उदगम के निकट ट्राउट मछली पकड़ने गया। उस नदी का उदगम बर्फ पिघलने से होता है इसलिए वहां उसका पानी स्वच्छ, प्रबल प्रवाह वाला और ठंडा होता है। मैं और मेरे परिवार के लोग मछली पकड़ते समय उस पानी में उतरने और तरोताज़ा होने से अपने को रोक नहीं पाए।

   घर वापस लौटते समय, हम एक तालाब के पास भी रुके और नहाने के लिए उसमें उतरे। तालाब का पानी वैस आनन्दायक नहीं था, निश्चल होने के कारण स्वच्छ भी नहीं था तथा उस नदी के पानी की तुलना में वह स्फूर्तिदायक भी नहीं था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में आमोस भविष्यद्वक्ता ने धार्मिकता द्वारा परिवर्तित होने की सामर्थ को नदी के प्रवाह के प्रभाव द्वारा दर्शाया। इस्त्राएल के प्रभावहीन धार्मिक रीतियों के व्यर्थ पालन और ग़रीबों के शोषण से विस्मित होकर आमोस ने परमेश्वर की ओर से इस्त्राएल में न्याय और धार्मिकता के प्रवाहित होने देने का आवाहन किया (आमोस २:६-८; ५:२१-२७)। उसने कहा कि परमेश्वर के लोग अधर्म और अन्याय के निश्चल और बासी पानी में पड़े हुए हैं जबकि परमेश्वर चाहता है कि वे अपने जीवनों में "न्याय को नदी की नाईं, और धर्म महानद की नाईं बहने दो" (अमोस ५:२४)।

   ना केवल तब के इस्त्राएलियों से वरन आज के लोगों से भी परमेश्वर की यही आशा है कि उनके जीवन में भी न्याय नदी के समान और धर्म महानद के समान बहे, ना कि व्यर्थ रीति-रिवाज़ों और गढ़ी हुई निष्फल धार्मिकता के सहारे लोग अपने आप को सही ठहराने के प्रयास करें। पाप से ग्रसित मन कभी सच्ची धार्मिकता को मन में स्थान पाने नहीं देगा, चाहे कितने भी नियम, कानून, दण्ड, विधि-विधान स्थापित क्यों ना किए जाएं। जब तक मन से पापों का निवारण नहीं होगा, मन स्वच्छ नहीं होगा तब तक उस में न्याय तथा धर्म का स्थिर और अटल स्थान भी नहीं होगा।

   समस्त संसार के हर जन के प्रत्येक पापों के निवारण के लिए कलवरी के क्रूस से प्रभु यीशु के लहु की जीवन दायक धारा ज़ारी है जिसके प्रबल प्रवाह में हर पाप धुल जाता है, और उसमें स्नान करने वाला पापों से शुद्ध होकर निर्मल और स्फूर्तीमान हो जाता है, एक नया जन हो जाता है, परमेश्वर की सन्तान बन जाता है - बस स्वेच्छा और विश्वास से उस धारा में उतरने भर की देर है।

   आज प्रभु यीशु का निमंत्रण संसार के हर एक जन के लिए खुला है कि वह उस प्रबल प्रवाह में धुलकर अपने पापों से स्वच्छ और निर्मल हो जाए। क्या आप ने इस उपल्ब्ध अवसर का लाभ उठाया? - डेनिस फिशर

जहां सत्य प्रवाहित होगा, वहां धार्मिकता भी होगी।

परन्तु न्याय को नदी की नाईं, और धर्म महानद की नाईं बहने दो। - अमोस ५:२४
 
बाइबल पाठ: अमोस ५:२१-२७
Amo 5:21  मैं तुम्हारे पर्वों से बैर रखता, और उन्हें निकम्मा जानता हूं, और तुम्हारी महासभाओं से मैं प्रसन्न नहीं।
Amo 5:22  चाहे तुम मेरे लिये होमबलि और अन्नबलि चढ़ाओ, तौभी मैं प्रसन्न न हूंगा, और तुम्हारे पाले हुए पशुओं के मेल बलियों की ओर न ताकूंगा।
Amo 5:23  अपने गीतों का कोलाहल मुझ से दूर करो; तुम्हारी सारंगियों का सुर मैं न सुनूंगा।
Amo 5:24  परन्तु न्याय को नदी की नाईं, और धर्म महानद की नाईं बहने दो।
Amo 5:25  हे इस्राएल के घराने, तुम जंगल में चालीस वर्ष तक पशुबलि और अन्नबलि क्या मुझी को चढ़ाते रहे?
Amo 5:26  नहीं, तुम तो अपने राजा का तम्बू, और अपनी मूरतों को चरणपीठ, और अपने देवता का तारा लिए फिरते रहे।
Amo 5:27  इस कारण मैं तुम को दमिश्क के उस पार बंधुआई में कर दूंगा, सेनाओं के परमेश्वर यहोवा का यही वचन है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • गिनती २८-३० 
  • मरकुस ८:२२-३८