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मंगलवार, 26 मार्च 2013

सही पहचान


   प्रसिद्ध समुद्री यात्री क्रिस्टोफर कोलम्बस की यात्राओं के बारे में सभी ने पढ़ा होगा। उनकी एक यात्रा से संबंधित कहानी है कि जब उनके पोत जैमिका के तट के पास लंगर डाल कर खड़े हुए थे तो उनकी भोजन सामग्री लगभग समाप्त हो चली। ऐसे में वहाँ के मूल निवासीयों ने उन्हें भोजन उपलब्ध कराया, लेकिन धीरे धीरे यह भी घटने लगा और भोजन के आभाव में नाविकों को परेशानी होने लगी। खगोल विद्या की पुस्तकों के द्वारा कोलम्बस जानता था कि शीघ्र ही चन्द्रग्रहण आने वाला है। उसने द्वीप निवासीयों के अगुवों को बुलाया और उन से कहा कि परमेश्वर उनके इस स्वार्थी बर्ताव से खिन्न है और चेतावनी के रूप में शीघ्र ही चन्द्रमा को अंधेरा कर देगा। पहले तो द्वीप के निवासी कोलम्बस का उपहास करने लगे, परन्तु जब चन्द्र-ग्रहण लगा तो वे डर गए और उन्हें तुरंत भोजन वस्तुएं दे दीं। तब कोलम्बस ने उन से कहा कि वह परमेश्वर से प्रार्थना करेगा और परमेश्वर चन्द्रमा को फिर से रौशन कर देगा। चाहे कोलम्बस की परिस्थिति को देखते हुए उसकी इस कुटिलता के लिए हम उसके साथ सहानुभूति रख सकते हैं, परन्तु सत्य तो यही है कि उसने परमेश्वर के नाम को अपनी स्वार्थ सिद्धी के लिए प्रयोग किया, भोले और अनजान लोगों को परमेश्वर के नाम से धोखा दिया, जो सर्वथा अनुचित था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में इस प्रकार के व्यवहार का कोई समर्थन नहीं है। प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थुस की मण्डली को लिखी अपनी दूसरी पत्री में परमेश्वर के नाम द्वारा छलने वाले धूर्त लोगों के संबंध में लिखा: "क्योंकि हम उन बहुतों के समान नहीं, जो परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं; परन्तु मन की सच्चाई से, और परमेश्वर की ओर से परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं" (2 कुरिन्थियों 2:17)। अपनी अन्य पत्रियों में भी पौलुस ने इस बात के बारे में चिताया है।

   हम मसीही विश्वासियों को बहुत चौंकन्ना रहना है कि हम अपनी मनसा को ऊपर रखने के लिए परमेश्वर के वचन का दुरूपयोग नहीं करें, और ना ही इस पवित्र वचन की व्याख्या स्वार्थ-सिद्धी के लिए करें वरन परमेश्वर को समर्पित मन और जीवन के अनुरूप परमेश्वर के वचन के सत्य लोगों के साथ ईमानदारी और खराई के साथ बाँटें। अपने वचन और व्यवहार, दोनो के द्वारा संसार को जगत के उद्धारकर्ता मसीह यीशु की सही पहचान देना हमारा कर्तव्य है। - डेनिस फिशर


परमेश्वर के वचन को लोगों के साथ बाँटने का उद्देश्य अपनी समृद्धि नहीं लोगों की उन्नति है।

और मैं तुम से कहता हूं, कि जो जो निकम्मी बातें मनुष्य कहेंगे, न्याय के दिन हर एक बात का लेखा देंगे। - मत्ती 12:36

बाइबल पाठ: रोमियों 16:17-18; फिलिप्पियों 3:17-19
Romans 16:17 अब हे भाइयो, मैं तुम से बिनती करता हूं, कि जो लोग उस शिक्षा के विपरीत जो तुम ने पाई है, फूट पड़ने, और ठोकर खाने के कारण होते हैं, उन्हें ताड़ लिया करो; और उन से दूर रहो।
Romans 16:18 क्योंकि ऐसे लोग हमारे प्रभु मसीह की नहीं, परन्तु अपने पेट की सेवा करते है; और चिकनी चुपड़ी बातों से सीधे सादे मन के लोगों को बहका देते हैं।

Philippians 3:17 हे भाइयो, तुम सब मिलकर मेरी सी चाल चलो, और उन्हें पहिचान रखो, जो इस रीति पर चलते हैं जिस का उदाहरण तुम हम में पाते हो।
Philippians 3:18 क्योंकि बहुतेरे ऐसी चाल चलते हैं, जिन की चर्चा मैं ने तुम से बार बार किया है और अब भी रो रोकर कहता हूं, कि वे अपनी चालचलन से मसीह के क्रूस के बैरी हैं।
Philippians 3:19 उन का अन्‍त विनाश है, उन का ईश्वर पेट है, वे अपनी लज्ज़ा की बातों पर घमण्‍ड करते हैं, और पृथ्वी की वस्‍तुओं पर मन लगाए रहते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 22-24 
  • लूका 3