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सोमवार, 4 जनवरी 2010

धोखेबाज़ जीवन

बाइबल पाठ: २ तीमुथियुस ३: १० - १७

बालकपन से पवित्रशास्त्र तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिए बुद्धिमान बना सकता है। - २ तीमुथियुस ३:१५

वर्ष २००७ दक्षिण कोरिया में "धोखे के जीवन का साल" बुलाया गया, क्योंकि देश में शिक्षा और राजनीति के क्षेत्रों में धोखे और भ्रष्टाचार का बोलबाला था. एक ३४० प्रोफेसरों पर किये गए सर्वेक्षण के अनुसार, उनहोंने इसे चीनी भाषा के एक वाक्य "जा-गी-गी-इन" अर्थात "अपने आप और दूसरों को धोखा देना" की संज्ञा में संक्षिप्त किया।

ऐसी ठगी की कहानी से हमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए, क्योंकि अंत के दिनों का वर्णन बताते समय पौलूस प्रेरित ने कहा था की "दुष्ट और बहकाने वाले धोखा देते हुए और धोखा खाते हुए बिगड़ते चले जायेंगे" - २ तीमुथियुस ३:१३। धोखा देना, यानी दूसरों को असत्य को सत्य के रूप में स्वीकार करवाना या गलत को सही के रूप में स्वीकार कराना है।

धोखे का शिकार होने से बचने का एक उपाय है परमेश्वर का वचन जानना, क्योंकि "हर एक पवित्र शास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से लिखा गया है और धर्म की शिक्षा, सुधारने, समझाने, और नैतिक मार्ग सीखने के लिए लाभदायक है।" 'सुधारना' का अर्थ है गलत मार्ग को सही करना और 'धर्म की शिक्षा' का अर्थ है सही बात सिखाना। परमेश्वर का वचन न सिर्फ हमें गलतियों से अवगत कराता है, वह हमें उन्हें ठीक करने की प्रेरणा और शिक्षा भी देता है।

क्या आपका नए साल का निर्णय परमेश्वर और मनुष्यों के सन्मुख सही मार्ग पर चलना और 'हरेक भले काम के लिए तत्पर होना' है? यदि है तो परमेश्वर के वचन को पढ़ें और उसपर अमल भी करें, तथा परमेश्वर से प्रार्थना करें की वो आपको एक इमानदार व्यक्ति बनाए। - AL

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हम जितना परमेश्वर के वचन पर मनन करेंगे, उतनी तत्परता से हम अपनी गलतियों को पहिचानेंगे
एक साल में बाइबल:
  • उत्पत्ती १० -१२
  • मत्ती

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