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मंगलवार, 5 जनवरी 2010

स्मरण करने को बहुत

बाइबल पाठ : नीतिवचन १०:११ -२१

जो अपने मुंह पर नियंत्रण रखता है, वह बुद्धी से काम करता है। - नीतिवचन १०:१९

"बहुत धन्यवाद", कतार में मुझ से आगे खड़े व्यक्ति से डाकखाने के पटल के पीछे बैठे क्लर्क ने कहा। उस क्लर्क जौन ने मुझे कतार में खड़े देख लिया था और उसका प्रयास था के मैं उसकी बात सुन लूँ। जब पंक्ति में मेरी बारी आयी तब मैं ने जौन से 'हैल्लो' बोला, वह मेरा विद्यार्थी रह चुका था, जब मैं १९८० के दशक में हाई स्कूल में पढ़ाता था।

जौन ने मुझसे पूछा "क्या आपने ध्यान दिया की मैं ने उस महिला से क्या कहा? मैं ने उस से कहा 'बहुत धन्यवाद' (thanks a lot)" मेरे चहरे पर उसकी बात को समझ पाने के भाव को देखकर उसने स्पष्ट किया 'क्या आपको ध्यान है की आपने हमें सिखाया था की "lot" का मतलब ज़मीन का टुकड़ा होता है की "much"(बहुत) के स्थान पर उपयोग होने वाला वाक्यांश।'

मुझे आश्चर्य हुआ की २५ साल से भी अधिक पुराना अंग्रेज़ी का पाठ जौन को अभी भी कैसा याद है। यह दिखाता है की दूसरों से बोले गए शब्दों का कितना महत्त्व है। यह कवी एमिली डिकिन्सन द्वारा कही और मेरी पसंद की इस बात को भी बल देता है: "कुछ लोग कहते हैं की एक शब्द जब कह दिया जाता है तो मर जाता है, मैं कहती हूँ कि वह उस दिन से जीना शुरू करता है।"

जो शब्द हम कहते हैं उनके परिणाम बहुत लम्बे समय तक हो सकते हैं। हमारे द्वारा व्यक्त करी गयी राय, दी गयी प्रशंसा, की गयी कटु आलोचना सुनाने वालों के साथ कई दशक तक बनी रह सकती है।

यही कारण है कि पवित्र शास्त्र सिखाता है "जो अपने मुंह पर नियंत्रण रखता है, वह बुद्धी से काम करता है। - नीतिवचन १०:१९" जो शब्द हम आज कहते है वे बने रहते हैं हम सुनिश्चित करें की वे "धर्मी के मुंह से निकले" (नीतिवचन १०:२०) शब्द हों - Dave Branon
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जीभ एक छोटा अंग है जो बड़े झगड़े या मेल उत्पन्न कर सकता है
एक साल में बाइबल:
  • उत्पत्ति १३ - १५
  • मत्ती : - २६

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