एक समय था जब मैं प्रभु यीशु द्वारा मत्ती ५:३-१२ में कहे धन्य वचनों को ऐसे देखता था मानो वे अभागे व्यक्तियों को सांत्वना देने और उनका मन बहलाने के लिये प्रभु द्वारा कही गई कुछ भली बातें हों - "ओ गरीबों, बीमारों, दुखियों और रोने वालों, मैं तुम्हें थोड़ा अच्छा महसूस कराने के लिये, कुछ भली बातें बताता हूँ।"
पुराने समय के राजा, अपनी प्रजा के गरिब लोगों के बीच कुछ सिक्के फेंक दिया करते थे, किंतु यीशु इस योग्य है कि वह अपने लोगों को वास्तविक उपहार बांट सके। क्योंकि वह स्वर्ग से आया था, वह भली भांति जानता था कि स्वर्ग की महिमामय वस्तुओं का सुख इस संसार के दुख-क्लेशों से कहीं अधिक बढ़कर और उत्तम है।
आज के समय में बहुतेरे मसीहीयों के अन्दर से भविष्य के प्रतिफलों की लालसा जाती रही है। मेरे पूर्व पास्टर बिल लेस्ली कहते थे "जैसे जैसे चर्चों में धन और ऐश्वर्य बढ़ता जाता है, उनका स्तुति गीत भी बदल जाता है; फिर वे यह नहीं गाते कि ’संसार मेरा घर नहीं है, मैं तो इसमें केवल यात्री के समान हूँ’ वरन वे गाने लगते हैं कि ’यह संसार तो मेरे पिता का है’"।
भविष्य के प्रतिफलों की कीमत को हम कभी कम करके न आंकें। उन प्रतिफलों को ध्यान में रखने से मिलने वाली आशा और सांत्वना का उदाहरण हम अमेरिका के गुलाम विश्वासियों के गीतों में देख सकते हैं, जिन्होंने अपनी बदहाली में निराशाओं से निकलने के लिये अपने भविष्य के प्रतिफलों को याद किया और उसी के अनुसार गीत गाये, जैसे: "हे आशा के सुन्दर रथ, नीचे आ और मुझे मेरे स्थायी घर ले चल" ; "मेरे दुख को कोई नहीं जानता, कोई नहीं जानता, केवल यीशु"।
समय के साथ मैंने सीख लिया है कि यीशु द्वारा दिये जाने वाले भावी प्रतिफलों का न केवल आदर करूं, वरन उन की लालसा भी करूं। - फिलिप यैनसी
धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है। - मत्ती ५:३
बाइबल पाठ: मत्ती ५:३-१२
धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे।
धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिक्कारी होंगे।
धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।
धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।
धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे।
धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण झूठ बोल बोलकर तुम्हरे विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें।
आनन्दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था।
तुम पृथ्वी के नमक हो, परन्तु यदि नमक का स्वाद बिगड़ जाए, तो वह फिर किस वस्तु से नमकीन किया जाएगा?
एक साल में बाइबल:
पुराने समय के राजा, अपनी प्रजा के गरिब लोगों के बीच कुछ सिक्के फेंक दिया करते थे, किंतु यीशु इस योग्य है कि वह अपने लोगों को वास्तविक उपहार बांट सके। क्योंकि वह स्वर्ग से आया था, वह भली भांति जानता था कि स्वर्ग की महिमामय वस्तुओं का सुख इस संसार के दुख-क्लेशों से कहीं अधिक बढ़कर और उत्तम है।
आज के समय में बहुतेरे मसीहीयों के अन्दर से भविष्य के प्रतिफलों की लालसा जाती रही है। मेरे पूर्व पास्टर बिल लेस्ली कहते थे "जैसे जैसे चर्चों में धन और ऐश्वर्य बढ़ता जाता है, उनका स्तुति गीत भी बदल जाता है; फिर वे यह नहीं गाते कि ’संसार मेरा घर नहीं है, मैं तो इसमें केवल यात्री के समान हूँ’ वरन वे गाने लगते हैं कि ’यह संसार तो मेरे पिता का है’"।
भविष्य के प्रतिफलों की कीमत को हम कभी कम करके न आंकें। उन प्रतिफलों को ध्यान में रखने से मिलने वाली आशा और सांत्वना का उदाहरण हम अमेरिका के गुलाम विश्वासियों के गीतों में देख सकते हैं, जिन्होंने अपनी बदहाली में निराशाओं से निकलने के लिये अपने भविष्य के प्रतिफलों को याद किया और उसी के अनुसार गीत गाये, जैसे: "हे आशा के सुन्दर रथ, नीचे आ और मुझे मेरे स्थायी घर ले चल" ; "मेरे दुख को कोई नहीं जानता, कोई नहीं जानता, केवल यीशु"।
समय के साथ मैंने सीख लिया है कि यीशु द्वारा दिये जाने वाले भावी प्रतिफलों का न केवल आदर करूं, वरन उन की लालसा भी करूं। - फिलिप यैनसी
काले क्लेशों का प्रतिफल उज्जवल मुकुट होगा।
धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है। - मत्ती ५:३
बाइबल पाठ: मत्ती ५:३-१२
धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे।
धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिक्कारी होंगे।
धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।
धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।
धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे।
धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण झूठ बोल बोलकर तुम्हरे विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें।
आनन्दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था।
तुम पृथ्वी के नमक हो, परन्तु यदि नमक का स्वाद बिगड़ जाए, तो वह फिर किस वस्तु से नमकीन किया जाएगा?
एक साल में बाइबल:
- भजन १०७-१०९ १
- कुरिन्थियों ४
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