पतरस ने नए नियम की दो पत्रियाँ लिखीं, किंतु उसने यह एहसास किया कि वह केवल एक माध्यम भर है, जिसके द्वारा परमेश्वर अपना संदेश लोगों तक पहुंचा रहा है। पतरस ने अपने पाठकों को लिखा, " क्योंकि कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्छा से कभी नहीं हुई पर भक्त जन पवित्र आत्मा के द्वारा उभारे जाकर परमेश्वर की ओर से बोलते थे" (२ पतरस १:२१)।
विख्यात सुसमाचार प्रचारक और बाइबल के ज्ञाता सी. एच. स्परजन ने लिखा, "बाइबल जीवित परमेश्वर की कृति है। उसने मूसा को नियुक्त किया कि उसकी प्रजा का इतिहास लिखे और परमेश्वर ने ही मूसा की कलम को निर्देशित किया। अवश्य ही दाउद ने अपनी वीणा के तारों को छेड़ा और मधुर भजन उसके हाथों से निकले, लेकिन परमेश्वर ही उसके हाथों की उंगलियों को वीणा पर चला रहा था और उसके मन में उन भजनों को भर रहा था। सुलेमान ने प्रेम के श्रेष्ठगीत गाए और उत्कॄष्ठ ज्ञान से भरे नीतिवचन बोले, लेकिन परमेश्वर ही था जो उसके होठों का निर्देशन कर उसे सुवक्ता बना रहा था। जब मैं नहूम की गर्जन और हबक्कूक के भविष्यदर्शन को पढ़ता हूँ, या मलाकी में लिखे पृथ्वी के अन्त समय की भविष्यवाणी को देखता हूँ, या पतरस की पत्रियों में परमेश्वर के शत्रुओं के आग में भस्म होने को पाता हूँ, या यहूदा की पत्री में परमेश्वर के विरोधियों पर घोर श्राप को पढ़ता हूँ - तो इन सब में मैं परमेश्वर की वाणी ही को पाता हूँ। हर पुस्तक में परमेश्वर ही बोल रहा है, कोई मनुष्य नहीं!"
"हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है..." (२ तिमुथियुस ३:१६); लेकिन महत्वपूर्ण है यह बात कि पवित्रशास्त्र बाइबल हमारे लिए रचि गई है, बाइबल के द्वारा परमेश्वर हमसे बातें करता है।
क्या अपने परमेश्वर की आवाज़ की ओर ध्यान दिया है? - रिचर्ड डी हॉन
हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। - २ तिमुथियुस ३:१६
बाइबल पाठ: २ पतरस १:१६-२१
2Pe 1:16 क्योंकि जब हम ने तुम्हें अपने प्रभु यीशु मसीह की सामर्थ का, और आगमन का समाचार दिया था तो वह चतुराई से गढ़ी हुई कहानियों का अनुकरण नहीं किया था वरन हम ने आप ही उसके प्रताप को देखा था।
2Pe 1:17 कि उस ने परमेश्वर पिता से आदर, और महिमा पाई जब उस प्रतापमय महिमा में से यह वाणी आई कि यह मेरा प्रिय पुत्र है जिस से मैं प्रसन्न हूं।
2Pe 1:18 और जब हम उसके साथ पवित्र पहाड़ पर थे, तो स्वर्ग से यही वाणी आते सुना।
2Pe 1:19 और हमारे पास जो भविष्यद्वक्ताओं का वचन है, वह इस घटना से दृढ़ ठहरा है और तुम यह अच्छा करते हो, कि जो यह समझकर उस पर ध्यान करते हो, कि वह एक दीया है, जो अन्धियारे स्थान में उस समय तक प्रकाश देता रहता है जब तक कि पौ न फटे, और भोर का तारा तुम्हारे हृदयों में न चमक उठे।
2Pe 1:20 पर पहिले यह जान लो कि पवित्र शास्त्र की कोई भी भविष्यद्वाणी किसी के अपने ही विचारधारा के आधार पर पूर्ण नहीं होती।
2Pe 1:21 क्योंकि कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्छा से कभी नहीं हुई पर भक्त जन पवित्र आत्मा के द्वारा उभारे जाकर परमेश्वर की ओर से बोलते थे।
एक साल में बाइबल:
विख्यात सुसमाचार प्रचारक और बाइबल के ज्ञाता सी. एच. स्परजन ने लिखा, "बाइबल जीवित परमेश्वर की कृति है। उसने मूसा को नियुक्त किया कि उसकी प्रजा का इतिहास लिखे और परमेश्वर ने ही मूसा की कलम को निर्देशित किया। अवश्य ही दाउद ने अपनी वीणा के तारों को छेड़ा और मधुर भजन उसके हाथों से निकले, लेकिन परमेश्वर ही उसके हाथों की उंगलियों को वीणा पर चला रहा था और उसके मन में उन भजनों को भर रहा था। सुलेमान ने प्रेम के श्रेष्ठगीत गाए और उत्कॄष्ठ ज्ञान से भरे नीतिवचन बोले, लेकिन परमेश्वर ही था जो उसके होठों का निर्देशन कर उसे सुवक्ता बना रहा था। जब मैं नहूम की गर्जन और हबक्कूक के भविष्यदर्शन को पढ़ता हूँ, या मलाकी में लिखे पृथ्वी के अन्त समय की भविष्यवाणी को देखता हूँ, या पतरस की पत्रियों में परमेश्वर के शत्रुओं के आग में भस्म होने को पाता हूँ, या यहूदा की पत्री में परमेश्वर के विरोधियों पर घोर श्राप को पढ़ता हूँ - तो इन सब में मैं परमेश्वर की वाणी ही को पाता हूँ। हर पुस्तक में परमेश्वर ही बोल रहा है, कोई मनुष्य नहीं!"
"हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है..." (२ तिमुथियुस ३:१६); लेकिन महत्वपूर्ण है यह बात कि पवित्रशास्त्र बाइबल हमारे लिए रचि गई है, बाइबल के द्वारा परमेश्वर हमसे बातें करता है।
क्या अपने परमेश्वर की आवाज़ की ओर ध्यान दिया है? - रिचर्ड डी हॉन
बाइबल ही एक ऐसी पुस्तक है जिसका लेखक सदा वर्तमान है और अपने पाठकों के साथ विद्यमान रहता है।
हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। - २ तिमुथियुस ३:१६
बाइबल पाठ: २ पतरस १:१६-२१
2Pe 1:16 क्योंकि जब हम ने तुम्हें अपने प्रभु यीशु मसीह की सामर्थ का, और आगमन का समाचार दिया था तो वह चतुराई से गढ़ी हुई कहानियों का अनुकरण नहीं किया था वरन हम ने आप ही उसके प्रताप को देखा था।
2Pe 1:17 कि उस ने परमेश्वर पिता से आदर, और महिमा पाई जब उस प्रतापमय महिमा में से यह वाणी आई कि यह मेरा प्रिय पुत्र है जिस से मैं प्रसन्न हूं।
2Pe 1:18 और जब हम उसके साथ पवित्र पहाड़ पर थे, तो स्वर्ग से यही वाणी आते सुना।
2Pe 1:19 और हमारे पास जो भविष्यद्वक्ताओं का वचन है, वह इस घटना से दृढ़ ठहरा है और तुम यह अच्छा करते हो, कि जो यह समझकर उस पर ध्यान करते हो, कि वह एक दीया है, जो अन्धियारे स्थान में उस समय तक प्रकाश देता रहता है जब तक कि पौ न फटे, और भोर का तारा तुम्हारे हृदयों में न चमक उठे।
2Pe 1:20 पर पहिले यह जान लो कि पवित्र शास्त्र की कोई भी भविष्यद्वाणी किसी के अपने ही विचारधारा के आधार पर पूर्ण नहीं होती।
2Pe 1:21 क्योंकि कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्छा से कभी नहीं हुई पर भक्त जन पवित्र आत्मा के द्वारा उभारे जाकर परमेश्वर की ओर से बोलते थे।
एक साल में बाइबल:
- १ राजा ६-७
- लूका २०:२७-४७
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