दो वर्ष की आयु से अन्धी और बहरी हेलेन कीलर से एक बालक ने पूछा, "क्या अन्धा होना संसार का सबसे बड़ा दुर्भाग्य नहीं है?" मुस्कुराते हुए हेलेन कीलर ने उत्तर दिया, "दो अच्छी आँखें रहते हुए भी न देख सकने वालों के दुर्भाग्य से तो आधा भी नहीं है।"
कई लोग, अच्छी दृष्टि और सुनने की क्षमता के बावजूद, अपने आस-पास प्रकृति के सुन्दर दृश्यों और मधुर ध्वनियों से अछूते रहते हैं। उनका ध्यान कभी ऊंचे शानदार पेड़ों के सौन्दर्य, झील के शांत वातावरण, सितारों से भरे आकाश की भव्यता आदि की ओर नहीं जाता।
जब हम परमेश्वर की सृष्टि की अद्भुत बातों को देखकर उसकी आराधना करते हैं तो यह परमेश्वर को भाता है। परमेश्वर के पवित्र आत्मा द्वारा प्रेरित होकर दाउद ने भजन २९ में आँधी का वर्णन किया, उसे यहोवा की प्रतापमय वाणी कहा। भजनकार ने अपने वर्णन में आँधी के उठकर देश पर छा जाने, विशाल देवदारों के वृक्षों को हिला कर तोड़ डालने और जंगल में पतझड़ कर देने को दर्शाया है। जब परमेश्वर के मन्दिर में इस भजन को गाया जाता था तो लोग परमेश्वर की स्तुति में ’महिमा हो’ कहते थे।
कोई आता तूफान और गरजती कौन्धती बिजली परमेश्वर की सामर्थ का दर्शन है। हमारे आस-पास प्रकृति के दृश्य और आवाज़ें परमेश्वर की अद्भुत सृष्टि के लिए उसकी आराधना करने को हमें प्रेरित करती हैं।
जब हम बाहर निकल कर ताज़ी हवा में साँस लेते हैं, तो एक पल रुक कर परमेश्वर को जीवन के लिए धन्यवाद करें, और उसके लिए जीने और उसकी आराधना करने को सदैव तत्पर रहें। - हर्ब वैन्डर लुग्ट
आज वह दिन है जो यहोवा ने बनाया है, हम इस में मगन और आनन्दित हों। - भजन ११८:२४
बाइबल पाठ: भजन २९
Psa 29:1 हे परमेश्वर के पुत्रों यहोवा का, हां यहोवा ही का गुणानुवाद करो, यहोवा की महिमा और सामर्थ को सराहो।
Psa 29:2 यहोवा के नाम की महिमा करो; पवित्रता से शोभायमान होकर यहोवा को दण्डवत करो।
Psa 29:3 यहोवा की वाणी मेघों के ऊपर सुन पड़ती है, प्रतापी ईश्वर गरजता है, यहोवा घने मेघों के ऊपर रहता है।
Psa 29:4 यहोवा की वाणी शक्तिशाली है, यहोवा की वाणी प्रतापमय है।
Psa 29:5 यहोवा की वाणी देवदारों को तोड़ डालती है, यहोवा लबानोन के देवदारों को भी तोड़ डालता है।
Psa 29:6 वह उन्हें बछड़े की नाई और लबानोन और सिर्योन को जंगली बछड़े के समान उछालता है।
Psa 29:7 यहोवा की वाणी आग की लपटों को चीरती है।
Psa 29:8 यहोवा की वाणी वन को हिला देती है, यहोवा कादेश के वन को भी कंपाता है।
Psa 29:9 यहोवा की वाणी से हरिणियों का गर्भपात हो जाता है। और अरण्य में पतझड़ होती है, और उसके मन्दिर में सब कोई महिमा ही महिमा बोलता रहता है।
Psa 29:10 जलप्रलय के समय यहोवा विराजमान था और यहोवा सर्वदा के लिये राजा होकर विराजमान रहता है।
Psa 29:11 यहोवा अपनी प्रजा को बल देगा, यहोवा अपनी प्रजा को शान्ति की आशीष देगा।
एक साल में बाइबल:
कई लोग, अच्छी दृष्टि और सुनने की क्षमता के बावजूद, अपने आस-पास प्रकृति के सुन्दर दृश्यों और मधुर ध्वनियों से अछूते रहते हैं। उनका ध्यान कभी ऊंचे शानदार पेड़ों के सौन्दर्य, झील के शांत वातावरण, सितारों से भरे आकाश की भव्यता आदि की ओर नहीं जाता।
जब हम परमेश्वर की सृष्टि की अद्भुत बातों को देखकर उसकी आराधना करते हैं तो यह परमेश्वर को भाता है। परमेश्वर के पवित्र आत्मा द्वारा प्रेरित होकर दाउद ने भजन २९ में आँधी का वर्णन किया, उसे यहोवा की प्रतापमय वाणी कहा। भजनकार ने अपने वर्णन में आँधी के उठकर देश पर छा जाने, विशाल देवदारों के वृक्षों को हिला कर तोड़ डालने और जंगल में पतझड़ कर देने को दर्शाया है। जब परमेश्वर के मन्दिर में इस भजन को गाया जाता था तो लोग परमेश्वर की स्तुति में ’महिमा हो’ कहते थे।
कोई आता तूफान और गरजती कौन्धती बिजली परमेश्वर की सामर्थ का दर्शन है। हमारे आस-पास प्रकृति के दृश्य और आवाज़ें परमेश्वर की अद्भुत सृष्टि के लिए उसकी आराधना करने को हमें प्रेरित करती हैं।
जब हम बाहर निकल कर ताज़ी हवा में साँस लेते हैं, तो एक पल रुक कर परमेश्वर को जीवन के लिए धन्यवाद करें, और उसके लिए जीने और उसकी आराधना करने को सदैव तत्पर रहें। - हर्ब वैन्डर लुग्ट
प्रकृति परमेश्वर की लिखाई है, उसके सौन्दर्य को निहारना और उससे आनन्दित होना सीखिए।
आज वह दिन है जो यहोवा ने बनाया है, हम इस में मगन और आनन्दित हों। - भजन ११८:२४
बाइबल पाठ: भजन २९
Psa 29:1 हे परमेश्वर के पुत्रों यहोवा का, हां यहोवा ही का गुणानुवाद करो, यहोवा की महिमा और सामर्थ को सराहो।
Psa 29:2 यहोवा के नाम की महिमा करो; पवित्रता से शोभायमान होकर यहोवा को दण्डवत करो।
Psa 29:3 यहोवा की वाणी मेघों के ऊपर सुन पड़ती है, प्रतापी ईश्वर गरजता है, यहोवा घने मेघों के ऊपर रहता है।
Psa 29:4 यहोवा की वाणी शक्तिशाली है, यहोवा की वाणी प्रतापमय है।
Psa 29:5 यहोवा की वाणी देवदारों को तोड़ डालती है, यहोवा लबानोन के देवदारों को भी तोड़ डालता है।
Psa 29:6 वह उन्हें बछड़े की नाई और लबानोन और सिर्योन को जंगली बछड़े के समान उछालता है।
Psa 29:7 यहोवा की वाणी आग की लपटों को चीरती है।
Psa 29:8 यहोवा की वाणी वन को हिला देती है, यहोवा कादेश के वन को भी कंपाता है।
Psa 29:9 यहोवा की वाणी से हरिणियों का गर्भपात हो जाता है। और अरण्य में पतझड़ होती है, और उसके मन्दिर में सब कोई महिमा ही महिमा बोलता रहता है।
Psa 29:10 जलप्रलय के समय यहोवा विराजमान था और यहोवा सर्वदा के लिये राजा होकर विराजमान रहता है।
Psa 29:11 यहोवा अपनी प्रजा को बल देगा, यहोवा अपनी प्रजा को शान्ति की आशीष देगा।
एक साल में बाइबल:
- १ इतिहास १-३
- यूहन्ना ५:२५-४७
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