एक रात एक निष्क्रीय और छोटी सी मण्डली के सभा स्थल में आग लग गई। आग की लपटों से वह इलाका रौशन हो गया और आग बुझाने के लिए आस-पास के लोग एकत्रित हो गए। मण्डली के सदस्यों में से एक ने वहां उस भीड़ में नगर के एक अविश्वासी और मण्डली के आलोचक को भी खड़ा देखा, तो उससे कहा, "मैंने आप को पहले कभी मण्डली के इतने समीप नहीं देखा?" उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, "आपने ठीक कहा, क्योंकि पहले मैंने कभी मण्डली को इतना रौशन और सक्रीय भी नहीं देखा।"
प्रभु की मण्डली आज एक चुनौती के दौर से निकल रही है, लेकिन इस चुनौती का सामना करने की सामर्थ उसे सुन्दर दिखने वाले भवनों या अच्छे प्रतीत होने वाले कार्यक्रमों में नहीं मिलेगी। केवल परमेश्वर का पवित्र आत्मा ही प्रभु के विश्वासियों को परमेश्वर की आज्ञाओं के पालन और पूर्ति की सामर्थ दे सकता है।
पिन्तेकुस्त के दिन पवित्र आत्मा का दिया जाना प्रभु की मण्डली स्थापना का सूचक था। उस दिन, मृत्यु पर जयवन्त और पुनरुत्थान हुए प्रभु यीशु मसीह ने, सारे संसार के लिए पापों की क्षमा उपलब्ध होने के सुसमाचार को संसार के हर स्थान तक ले जा सकने की सामर्थ उपलब्ध कर दी। प्रभु के विश्वासियों का समूह, जिन से मण्डली बनी, तब से प्रभु की आज्ञा, "परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह हो्गे (प्रेरितों १:८)" को पूरा करते आ रहे हैं। तब से ही उनके अन्दर बसने वाला परमेश्वर का पवित्र आत्मा, संसार के हर भाग और बस्ती में इस सुसमाचार को ले जाने की सामर्थ और प्रेरणा देने वाला उनकी प्रबल शक्ति बन गया।
अब कभी पिन्तेकुस्त के दिन को दोहराने की आवश्यक्ता नहीं है, क्योंकि उस दिन जो पवित्र आत्मा दिया गया, वह आज भी प्रत्येक विश्वासी में विद्यमान है, वापस नहीं गया। वह सामर्थ का अत्मा है और प्रत्येक उस विश्वासी में होकर अपनी सामर्थ के कार्य करता है जो उसके आधीन और उसका आज्ञाकारी रहता है। जिस सामर्थ द्वारा "प्रेरित बड़ी सामर्थ से प्रभु यीशु के जी उठने की गवाही देते रहे और उन सब पर बड़ा अनुग्रह था" (प्रेरितों ४:३३), वही सामर्थ आज भी प्रत्येक मसीही विश्वासी को उपलब्ध है। - पौल वैन गोर्डर
परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह हो्गे। - प्रेरितों १:८
बाइबल पाठ: लूका २४:४४-४९
Luk 24:44 फिर उस ने उन से कहा, ये मेरी वे बातें हैं, जो मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए, तुम से कही थीं, कि अवश्य है, कि जितनी बातें मूसा की व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं और भजनों की पुस्तकों में, मेरे विषय में लिखी हैं, सब पूरी हों।
Luk 24:45 तब उस ने पवित्र शास्त्र बूझने के लिये उन की समझ खोल दी।
Luk 24:46 और उन से कहा, यों लिखा है कि मसीह दु:ख उठाएगा, और तीसरे दिन मरे हुओं में से जी उठेगा।
Luk 24:47 और यरूशलेम से लेकर सब जातियों में मन फिराव का और पापों की क्षमा का प्रचार, उसी के नाम से किया जाएगा।
Luk 24:48 तुम इन सब बातें के गवाह हो।
Luk 24:49 और देखो, जिस की प्रतिज्ञा मेरे पिता ने की है, मैं उस को तुम पर उतारूंगा और जब तक स्वर्ग में सामर्थ न पाओ, तब तक तुम इसी नगर में ठहरे रहो।
एक साल में बाइबल:
प्रभु की मण्डली आज एक चुनौती के दौर से निकल रही है, लेकिन इस चुनौती का सामना करने की सामर्थ उसे सुन्दर दिखने वाले भवनों या अच्छे प्रतीत होने वाले कार्यक्रमों में नहीं मिलेगी। केवल परमेश्वर का पवित्र आत्मा ही प्रभु के विश्वासियों को परमेश्वर की आज्ञाओं के पालन और पूर्ति की सामर्थ दे सकता है।
पिन्तेकुस्त के दिन पवित्र आत्मा का दिया जाना प्रभु की मण्डली स्थापना का सूचक था। उस दिन, मृत्यु पर जयवन्त और पुनरुत्थान हुए प्रभु यीशु मसीह ने, सारे संसार के लिए पापों की क्षमा उपलब्ध होने के सुसमाचार को संसार के हर स्थान तक ले जा सकने की सामर्थ उपलब्ध कर दी। प्रभु के विश्वासियों का समूह, जिन से मण्डली बनी, तब से प्रभु की आज्ञा, "परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह हो्गे (प्रेरितों १:८)" को पूरा करते आ रहे हैं। तब से ही उनके अन्दर बसने वाला परमेश्वर का पवित्र आत्मा, संसार के हर भाग और बस्ती में इस सुसमाचार को ले जाने की सामर्थ और प्रेरणा देने वाला उनकी प्रबल शक्ति बन गया।
अब कभी पिन्तेकुस्त के दिन को दोहराने की आवश्यक्ता नहीं है, क्योंकि उस दिन जो पवित्र आत्मा दिया गया, वह आज भी प्रत्येक विश्वासी में विद्यमान है, वापस नहीं गया। वह सामर्थ का अत्मा है और प्रत्येक उस विश्वासी में होकर अपनी सामर्थ के कार्य करता है जो उसके आधीन और उसका आज्ञाकारी रहता है। जिस सामर्थ द्वारा "प्रेरित बड़ी सामर्थ से प्रभु यीशु के जी उठने की गवाही देते रहे और उन सब पर बड़ा अनुग्रह था" (प्रेरितों ४:३३), वही सामर्थ आज भी प्रत्येक मसीही विश्वासी को उपलब्ध है। - पौल वैन गोर्डर
जो आत्मा हमारे अन्दर बसता है, वही बाहर कार्य करने की सामर्थ भी देता है।
परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह हो्गे। - प्रेरितों १:८
बाइबल पाठ: लूका २४:४४-४९
Luk 24:44 फिर उस ने उन से कहा, ये मेरी वे बातें हैं, जो मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए, तुम से कही थीं, कि अवश्य है, कि जितनी बातें मूसा की व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं और भजनों की पुस्तकों में, मेरे विषय में लिखी हैं, सब पूरी हों।
Luk 24:45 तब उस ने पवित्र शास्त्र बूझने के लिये उन की समझ खोल दी।
Luk 24:46 और उन से कहा, यों लिखा है कि मसीह दु:ख उठाएगा, और तीसरे दिन मरे हुओं में से जी उठेगा।
Luk 24:47 और यरूशलेम से लेकर सब जातियों में मन फिराव का और पापों की क्षमा का प्रचार, उसी के नाम से किया जाएगा।
Luk 24:48 तुम इन सब बातें के गवाह हो।
Luk 24:49 और देखो, जिस की प्रतिज्ञा मेरे पिता ने की है, मैं उस को तुम पर उतारूंगा और जब तक स्वर्ग में सामर्थ न पाओ, तब तक तुम इसी नगर में ठहरे रहो।
एक साल में बाइबल:
- भजन १३७-१३९
- १ कुरिन्थियों १३
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