क्रिसमस कार्ड्स पर प्रभु यीशु के जन्म का बहुत सुन्दर दृश्य दिखाया जाता है, जहाँ स्वच्छ, रौशनी से नहायी हुई गौशाला की चरनी में नवजात यीशु दिखाया जाता है, रंगीन सुन्दर वस्त्र पहने हुए यीशु को देखने आए लोग होते हैं तथा यूसुफ, मरियम, नवजात यीशु के सिर के चारों ओर रौशनी भी होती है। किंतु वास्तविकता में प्रभु यीशु का जन्म एक बहुत भद्दे और असामान्य वातवरण में हुआ था; परन्तु फिर भी यीशु के जन्म का वह तुच्छ स्थान और वातावरण परमेश्वर के मानवावतार लेने की अजूबे का सही प्रतिबिंब है - सृष्टि का महिमामयी एवं अनन्त परमेश्वर स्वर्ग की उत्कृष्ट ऊँचाइयों से उतर कर पृथ्वी की निकृष्ट गहराईयों में आ गया।
एन्ड्रीयु मुर्रे ने युहन्ना १:५१ में लिखे हुए प्रभु यीशु के शब्दों को लेकर इस अद्भुत घटना की नाटकीय तुलना का वर्णन किया है. उन्होंने ने लिखा: "प्रभु यीशु का स्वरूप असीम है - एक ओर तो वह परमेश्वरत्व की ऊँचाईयों को छूता है तो दूसरी ओर समाज के साधारण और त्यागे मनुष्य के निम्न स्तर को। प्रभु के अपने शब्दों (युहन्ना १:५१) में प्रयुक्त तुलना के अनुसार, यह उस रहस्यमयी सीढ़ी के समान है जिसे यात्री याकूब नें अपने स्वपन में देखा; जहाँ सीढ़ी का एक छोर अति दूर स्वर्ग को छू रहा था और दूसरा छोर प्त्थरों से पटे और परमेश्वर के तेज के प्रकाश से रौशन उस मैदान पर था जहाँ याकूब लेटा हुआ था। एक छोर पर यीशु का उप-नाम है परमेश्वर का पुत्र, तो दूसरे छोर पर वह मनुष्य का पुत्र कहलाता है।"
यीशु, अपनी दिव्यता में संपूर्ण रूप से परमेश्वर का पुत्र है, तो अपने मानव रूप में संपूर्णता से मनुष्य का पुत्र है। वह मनुष्य बना लेकिन पाप से सर्वथा अन्जान रहा, उसमें कोई दोष कोई पाप कभी नहीं रहा। इसीलिए वह दूसरों के पापों का प्रायश्चित बन सका। वह समस्त मानव जाति के पापों को अपने ऊपर ले कर क्रूस पर चढ़ गया, मारा गया, गाड़ा गया और अपने परमेश्वरत्व के प्रमाण में तीसरे दिन मुर्दों से जी भी उठा। आज उस पर अपने निज उद्धारकर्ता के रूप में विश्वास करने वाले प्रत्येक जन के लिए उसका यह प्रायश्चित पापों की क्षमा और परमेश्वर के साथ स्वर्ग में अनन्त जीवन का निर्णायक निश्चय है।
प्रभु यीशु में हम अपने विश्वास द्वारा पृथ्वी से स्वर्ग तक चढ़ सकते हैं, क्योंकि दोनो छोर उसी में हैं। - डेव एग्नर
परमेश्वर का पुत्र मनुष्य का पुत्र बन गया ताकि वह मनुष्यों के पुत्रों को परमेश्वर के पुत्र बना सके।
बाइबल पाठ: लूका २:१-१४
Luk 2:1 उन दिनों में औगूस्तुस कैसर की ओर से आज्ञा निकली, कि सारे जगत के लोगों के नाम लिखे जाएं।
Luk 2:2 यह पहिली नाम लिखाई उस समय हुई, जब क्विरिनयुस सूरिया का हाकिम था।
Luk 2:3 और सब लोग नाम लिखवाने के लिये अपने अपने नगर को गए।
Luk 2:4 सो यूसुफ भी इसलिये कि वह दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया।
Luk 2:5 कि अपनी मंगेतर मरियम के साथ जो गर्भवती थी नाम लिखवाए।
Luk 2:6 उस के वहां रहते हुए उसके जनने के दिन पूरे हुए।
Luk 2:7 और वह अपना पहिलौठा पुत्र जनी और उसे कपड़े में लपेट कर चरनी में रखा: क्योंकि उन के लिये सराय में जगह न थी।
Luk 2:8 और उस देश में कितने गड़रिये थे, जो रात को मैदान में रह कर अपने झुण्ड का पहरा देते थे।
Luk 2:9 और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ; और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए।
Luk 2:10 तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा।
Luk 2:11 कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है।
Luk 2:12 और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े मे लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे।
Luk 2:13 तब एकाएक उस स्वर्गदूत के साथ स्वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्तुति करते हुए और यह कहते दिखाई दिया।
Luk 2:14 कि आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्ति हो।
एक साल में बाइबल:
- मीका ६-७
- प्रकाशितवाक्य १३
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें