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सोमवार, 30 अप्रैल 2012

ईमानदारी दिवस

   अमेरिका में आज का दिन "ईमानदारी दिवस" के नाम से जाना जाता है। अप्रैल की ३० तारीख के लिए यह उपनाम कोई बहुत प्रचलित नाम नहीं है, किंतु फिर भी महत्वपूर्ण अवश्य है। लेखक एम. हिर्ष गोल्डबर्ग ने १९९० के दशक में इसे ईमानदार लोगों का आदर करने और ईमानदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से स्थापित किया था। उनका अप्रैल माह के इस अन्तिम दिन को ईमानदारी दिवस के लिए चुनने का कारण था कि अप्रैल माह का पहला दिन असत्य को समर्पित रहता है, सारे विश्व में इसे ’अप्रैल फूल्स दिवस’ के रूप में माना जाता है और उस दिन असत्य द्वारा लोगों के मूर्ख बनाए जाने के प्रयास किए जाते हैं, इसलिए गोल्डबर्ग ने चाहा कि अप्रैल का अन्त एक उत्तम नैतिक स्तर पर होना चाहिए।

   ईमानदारी दिवस एक अच्छा समय है कि हम इस गुण का मूल्यांकन इस संबंध में परमेश्वर के वचन की शिक्षाओं के आधार पर करें। जीवन में हर बात में ईमानदारी इतनी सरल नहीं है जितनी प्रतीत होती है, किंतु ईमानदारी का जीवन व्यतीत करने के हमारे सच्चे प्रयास परमेश्वर को प्रसन्न अवश्य करते हैं।

   ईमानदारी की समझ आरंभ होती है, हमारे अनुकर्णीय सर्वोच्च उदाहरण परमेश्वर के चरित्र से। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि परमेश्वर: 
  • सत्य है (व्यवस्थाविवरण ३२:४); 
  • वह कभी झूठ या असत्य नहीं बोल सकता (गिनती २३:१९, इब्रानियों ६:१८); 
  • वह दोगलेपन से घृणा करता है (नीतिवचन ६:१६-१९)। 

बाइबल यह भी बताती है कि सभी असत्य और झूठ का उदग्म शैतान ही से है ( यूहन्ना ८:४४)।

   अपने जीवनों के लिए हम बाइबल से लिए गए इन खण्डों पर ध्यान कर सकते हैं: 
  • धर्मी जन झूठ से घृणा करता है (नीतिवचन १३:५); 
  • प्रेम सत्य से आनन्दित होता है (१ कुरिन्थियों १३:६); 
  • झूठ बोलना पुराने मनुष्यत्व का भाग है (कुलुस्सियों ३:९); 
  • उन्नति के लिए छल, पाखण्ड और कपट को छोड़ना अनिवार्य है (१ पतरस २:१) और 
  • धार्मिकता प्रकट करने के लिए केवल सत्य ही बोलना है (नीतिवचन १२:१७)।

   आईए केवल अप्रैल के इस अन्तिम दिन को ही नहीं, वरन अपने जीवन के प्रत्येक दिन को हम "ईमानदारी दिवस" के रूप में मनाएं। - डेव ब्रैनन


जो लोग परमेश्वर के वचन पर विश्वास करते हैं उनके अपने वचन भी विश्वासयोग्य रहने चाहिएं।
झूठों से यहोवा को घृणा आती है परन्तु जो विश्वास से काम करते हैं, उन से वह प्रसन्न होता है। - नीतिवचन १२:२२
बाइबल पाठ: नीतिवचन १२:१७-२२
Pro 12:17  जो सच बोलता है, वह धर्म प्रगट करता है, परन्तु जो झूठी साक्षी देता, वह छल प्रगट करता है।
Pro 12:18  ऐसे लोग हैं जिनका बिना सोचविचार का बोलना तलवार की नाई चुभता है, परन्तु बुद्धिमान के बोलने से लोग चंगे होते हैं।
Pro 12:19  सच्चाई सदा बनी रहेगी, परन्तु झूठ पल ही भर का होता है।
Pro 12:20  बुरी युक्ति करने वालों के मन में छल रहता है, परन्तु मेल की युक्ति करने वालों को आनन्द होता है।
Pro 12:21  धर्मी को हानि नहीं होती है, परन्तु दुष्ट लोग सारी विपत्ति में डूब जाते हैं।
Pro 12:22  झूठों से यहोवा को घृणा आती है परन्तु जो विश्वास से काम करते हैं, उन से वह प्रसन्न होता है।
एक साल में बाइबल: 
  • १ राजा ८-९ 
  • लूका २१:१-१९

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