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शुक्रवार, 25 मई 2012

संपूर्ण

   जौन स्टेईन्बैक का पुलिटज़र पुरुस्कार प्राप्त उपन्यास "The Grapes of Wrath" का कथानक २०वीं सदी के आरंभ में आई भीषण आर्थिक मंदी के समय में स्थित है। कहानी का आरंभ होता है मंदी की मार झेल रहे और अकाल ग्रस्त ओक्लाहोमा प्रांत के दृश्य से जहां फसल सूख रही है और खेत धूल होते जा रहे हैं। ऐसी विकट स्थिति में महिलाओं की नज़र अपने मर्दों पर टिकी थी कि वे इस कठिनाई को कैसे झेलते हैं; कहीं वे इस तनाव में टूट तो नहीं रहे। जब वे देखती हैं कि उनके आदमी मेहनत करने और जीवन यापन के लिए संघर्ष करने से पीछे नहीं हट रहे तो वे भी हिम्मत पाती हैं। स्टेईन्बैक ने इस संबंध में लिखा, "महिलाएं और बच्चे अपने अन्दर इस बात को जानते थे कि यदि उनके मर्द ’संपूर्ण’ रहेंगे तो वे फिर प्रत्येक दुर्भाग्य सहन कर सकते हैं।" यहां बात खुशी या संपन्नता या संतुष्टि की भी नहीं थी, बात थी अपने अन्दर, अपने जीवन में संपूर्ण होना। यही ’संपूर्णता’ हम सब के लिए आज भी बड़ी आवश्यक है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के किंग जेम्स अनुवाद में मूल भाषा में आए शब्द ’संपूर्ण’ का अकसर अनुवाद शरीर के किसी रोग की ’चंगाई’ पाने में किया गया है। उदाहरणस्वरूप, जब ३८ वर्ष से रोगावस्था में पड़े एक मनुष्य से प्रभु की बातचीत होती है तो प्रभु यीशु ने उससे पूछा, "क्या तू चंगा होना चाहता है?" (यूहन्ना ५:५-६); उस मनुष्य को शारीरिक व्याधि से चंगा करने के बाद प्रभु उसे आत्मिक रूप से भी स्वस्थ रहने के लिए चिताते हैं: "...देख, तू तो चंगा हो गया है; फिर से पाप मत करना, ऐसा न हो कि इस से कोई भारी विपत्ति तुझ पर आ पड़े" (यूहन्ना ५:१४)।

   यदि हम केवल प्रभु यीशु से वह चाहते हैं जो वह हमारे लिए कर सकता है, तो प्रभु के साथ हमारा संबंध बहुत सीमित रहेगा। जब हम अपने जीवन में स्वयं प्रभु यीशु ही को चाहेंगे तो उसकी उपस्थिति हमारे जीवनों में संपूर्णता को लेकर आएगी; क्योंकि केवल वह ही संपूर्ण है (कुलुस्सियों १:१९) और हमारी संपूर्णता उसकी चाह है (कुलुस्सियों १:२२)। - डेविड मैक्कैस्लैंड


एक टूटे और अधूरे जीवन को संपूर्णता केवल प्रभु यीशू ही दे सकते हैं।

...क्‍या तू चंगा [संपूर्ण] होना चाहता है? - यूहन्ना ५:५-६

बाइबल पाठ: यूहन्ना ५:१-१६
Joh 5:1  इन बातों के पीछे यहूदियों का एक पर्व हुआ और यीशु यरूशलेम को गया।
Joh 5:2  यरूशलेम में भेड़-फाटक के पास एक कुण्‍ड है जो इब्रानी भाषा में बेतहसदा कहलाता है, और उसके पांच ओसारे हैं।
Joh 5:3  इन में बहुत से बीमार, अन्‍धे, लंगड़े और सूखे अंगवाले (पानी के हिलने की आशा में) पड़े रहते थे।
Joh 5:4  (क्‍योंकि नियुक्ति समय पर परमेश्वर के स्‍वर्गदूत कुण्‍ड में उतर कर पानी को हिलाया करते थे: पानी हिलते ही जो कोई पहिले उतरता वह चंगा हो जाता था चाहे उसकी कोई बीमारी क्‍यों न हो।)
Joh 5:5   वहां एक मनुष्य था, जो अड़तीस वर्ष से बीमारी में पड़ा था।
Joh 5:6  यीशु ने उसे पड़ा हुआ देख कर और जान कर कि वह बहुत दिनों से इस दशा में पड़ा है, उस से पूछा, क्‍या तू चंगा होना चाहता है?
Joh 5:7  उस बीमार ने उस को उत्तर दिया, कि हे प्रभु, मेरे पास कोई मनुष्य नहीं, कि जब पानी हिलाया जाए, तो मुझे कुण्‍ड में उतारे, परन्‍तु मेरे पहुंचते पहुंचते दूसरा मुझ से पहिले उतर पड़ता है।
Joh 5:8   यीशु ने उस से कहा, उठ, अपनी खाट उठा कर चल फिर।
Joh 5:9  वह मनुष्य तुरन्‍त चंगा हो गया, और अपनी खाट उठा कर चलने फिरने लगा।
Joh 5:10  वह सब्‍त का दिन था। इसलिए यहूदी उस से, जो चंगा हुआ था, कहने लगे, कि आज तो सब्‍त का दिन है, तुझे खाट उठानी उचित नहीं।
Joh 5:11  उस ने उन्‍हें उत्तर दिया, कि जिस ने मुझे चंगा किया, उसी ने मुझ से कहा, अपनी खाट उठा कर चल फिर।
Joh 5:12  उन्‍होंने उस से पूछा वह कौन मनुष्य है जिस ने तुझ से कहा, खाट उठाकर चल फिर?
Joh 5:13  परन्‍तु जो चंगा हो गया था, वह नहीं जानता था वह कौन है; क्‍योंकि उस जगह में भीड़ होने के कारण यीशु वहां से हट गया था।
Joh 5:14  इन बातों के बाद वह यीशु को मन्‍दिर में मिला, तब उस न उस से कहा, देख, तू तो चंगा हो गया है; फिर से पाप मत करना, ऐसा न हो कि इस से कोई भारी विपत्ति तुझ पर आ पड़े।
Joh 5:15   उस मनुष्य ने जा कर यहूदियों से कह दिया, कि जिस ने मुझे चंगा किया, वह यीशु है।
Joh 5:16  इस कारण यहूदी यीशु को सताने लगे, क्‍योंकि वह ऐसे ऐसे काम सब्‍त के दिन करता था।


एक साल में बाइबल: 

  • १ इतिहास २५-२७ 
  • यूहन्ना ९:१-२३

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