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मंगलवार, 31 जुलाई 2012

धन्य लोग


   अपने पुनरुत्थान के दिन प्रभु यीशु ने अपने चेलों को दर्शन दिए और उन्हें कीलों से छिदे अपने हाथ तथा पांव दिखाए। परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखे वृतांत से हमें पता लगता है कि यह अद्भुत बात उनको विश्वास से परे प्रतीत हुई (लूका २४:४०-४१), आनन्द के मारे चेलों को विश्वास ही नहीं हुआ। जब प्रभु यीशु ने चेलों को दर्शन दिए उस समय एक चेला, थोमा, वहां उपस्थित नहीं था; जब उसे प्रभु के पुनरुत्थान का पता चला तो उसे भी विश्वास करने में कठिनाई हुई। बाद में जब प्रभु यीशु थोमा की उपस्थिति में चेलों के समक्ष आए तो उन्होंने थोमा से कहा कि वह अपनी इच्छानुसार उनके हाथों और पैरों के घावों में तथा पंजर में हाथ डाल कर उनके जी उठा होने के लिए ठहराया हुआ अपना प्रमाण ले ले; तब थोमा कह उठा, "...हे मेरे प्रभु, हे मेरे परमेश्वर!" (यूहन्ना २०:२८)

   बाद में जब प्रेरित पौलुस ने फिलिप्पियों के विश्वासियों को, मसीही विश्वास कि अपनी यात्रा में उठाए गए अपने क्लेशों के बारे में बताया, तब उसने भी प्रभु यीशु को अपना प्रभु बताया। उसने उन्हें लिखा कि प्रभु यीशु के साथ विश्वास के जीवन में यह समझ चुका है कि मसीह यीशु ही प्रभु है और उसको प्राप्त करना ही उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है: "वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्‍तुओं की हानि उठाई, और उन्‍हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्‍त करूं" (फिलिप्पियों ३:८)।

   मैंने, आपने और हम अन्य मसीही विश्वासियों ने चाहे प्रभु यीशु को अपने समक्ष किसी तूफान को शांत करते या किसी मुर्दे को ज़िन्दा करते ना देखा हो, और ना ही उसके चरणों पर बैठकर हम ने उससे कोई प्रवचन सुना हो, लेकिन हम सभी अपने जीवनों के अनुभवों से जानते हैं कि कैसे उसने हमें हमारी आत्मिक मृतकावस्था से जिला कर अनन्त जीवन का उत्तराधिकारी बनाया है, और कैसे वह आज भी हमारे जीवनों में कार्य कर रहा है, हर परिस्थिति में हमारे पक्ष में कार्य करता है, हमारे साथ साथ बना रहता है। इसलिए थोमा और पौलुस के समान ही हमारे लिए भी यीशु को प्रभु कहना और उसके आज्ञाकारी होना कोई अवास्तविक बात नहीं है।

   प्रभु यीशु ने थोमा से कहा, "...तू ने तो मुझे देख कर विश्वास किया है, धन्य हैं वे जिन्‍होंने बिना देखे विश्वास किया" (यूहन्ना २०:२९)। जब हम प्रभु यीशु में विश्वास लाते हैं और उसे अपना प्रभु स्वीकार करते हैं, तब हम प्रभु द्वारा धन्य समझे जाने वाले लोगों में सम्मिलित हो जाते हैं। - डेव एग्नर


चाहे हम शरीर की आंखों से उसे नहीं देखने पाते, किंतु आत्मा की आंखों से देख कर और मन से उस पर विश्वास कर के हम भी कह सकते हैं - यीशु ही प्रभु है।

यह सुन थोमा ने उत्तर दिया, हे मेरे प्रभु, हे मेरे परमेश्वर! - यूहन्ना २०:२८

बाइबल पाठ: यूहन्ना २०:१९-३१
Joh 20:19  उसी दिन जो सप्‍ताह का पहिला दिन था, सन्‍ध्या के समय जब वहां के द्वार जहां चेले थे, यहूदियों के डर के मारे बन्‍द थे, तब यीशु आया और बीच में खड़ा होकर उन से कहा, तुम्हें शान्‍ति मिले। 
Joh 20:20  और यह कह कर उस ने अपना हाथ और अपना पंजर उन को दिखाए: तब चेले प्रभु को देख कर आनन्‍दित हुए। 
Joh 20:21  यीशु ने फिर उन से कहा, तुम्हें शान्‍ति मिले; जैसे पिता ने मुझे भेजा है, वैसे ही मैं भी तुम्हें भेजता हूं। 
Joh 20:22   यह कह कर उस ने उन पर फूंका और उन से कहा, पवित्र आत्मा लो। 
Joh 20:23   जिन के पाप तुम क्षमा करो वे उन के लिये क्षमा किए गए हैं जिन के तुम रखो, वे रखे गए हैं।
Joh 20:24  परन्‍तु बारहों में से एक व्यक्ति अर्थात थोमा जो दिदुमुस कहलाता है, जब यीशु आया तो उन के साथ न था। 
Joh 20:25  जब और चेले उस से कहने लगे कि हम ने प्रभु को देखा है: तब उस ने उन से कहा, जब तक मैं उस के हाथों में कीलों के छेद न देख लूं, और कीलों के छेदों में अपनी उंगली न डाल लूं, तब तक मैं प्रतीति नहीं करूंगा।
Joh 20:26  आठ दिन के बाद उस के चेले फिर घर के भीतर थे, और थोमा उन के साथ था, और द्वार बन्‍द थे, तब यीशु ने आकर और बीच में खड़ा होकर कहा, तुम्हें शान्‍ति मिले। 
Joh 20:27  तब उस ने थोमा से कहा, अपनी उंगली यहां लाकर मेरे पंजर में डाल और अविश्वासी नहीं परन्‍तु विश्वासी हो। 
Joh 20:28   यह सुन थोमा ने उत्तर दिया, हे मेरे प्रभु, हे मेरे परमेश्वर! 
Joh 20:29  यीशु ने उस से कहा, तू ने तो मुझे देख कर विश्वास किया है, धन्य हैं वे जिन्‍होंने बिना देखे विश्वास किया।
Joh 20:30  यीशु ने और भी बहुत चिन्‍ह चेलों के साम्हने दिखाए, जो इस पुस्‍तक में लिखे नहीं गए। 
Joh 20:31  परन्‍तु ये इसलिये लिखे गए हैं, कि तुम विश्वास करो, कि यीशु ही परमेश्वर का पुत्र मसीह है: और विश्वास कर के उसके नाम से जीवन पाओ।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन ५४-५६ 
  • रोमियों ३

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