एक दिन जब हम भोजन खाने को मेज़ पर बैठे थे तो मेरे बड़े बेटे ने शिकायत करी कि उसकी छोटी बहन हमेशा ही उसकी नकल करती है - वह जैसे हंसता है, जैसे भोजन खाता है या कुछ और करता है वह भी वैसा ही करती है, और इससे उसे चिढ़ होती है। मैं ने और मेरी पत्नी ने उसे समझाने का प्रयास किया कि यह क्रोध करने की बात नहीं है, क्योंकि इससे उसके पास अवसर है के वह अपने जीवन के अच्छे उदाहरण द्वारा अपनी बहन को भी अच्छी बातें सिखा सके।
मेरे बेटे के विचारों के विरुद्ध, परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने यह चाहा और दूसरों से कहा भी कि वे उसके उदाहरण का अनुकरण करें: "तुम मेरी सी चाल चलो जैसा मैं मसीह की सी चाल चलता हूं" (१ कुरिन्थियों ११:१)। इस पत्री के दसवें अध्याय में पौलुस मसीही विश्वासियों को उनकी स्वतंत्रता और प्रेम की ज़िम्मेदारियों के बारे में बता रहा था; जब वे किसी अविश्वासी के घर भोजन पर आमंत्रित हों तो जो सामने परोसा जाए उसे खाने के लिए वे स्वतंत्र थे (पद २७)। किंतु यदि उनके सामने रखे भोजन को किसी मूर्ति को अर्पित कर के परोसा गया हो, और किसी अन्य कमज़ोर विश्वासी को इससे ठेस पहुँचती हो तो उस कमज़ोर विश्वासी की स्वतंत्रता का ध्यान रखते हुए, और उसके प्रति अपने प्रेम के कारण, उन्हें वह अर्पित भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए (पद २८)।
पौलुस ने उन लोगों को प्रोत्साहित किया कि इस बात में वे उसके द्वारा दिखाए गए उदाहरण का अनुसरण करें; क्योंकि पौलुस अपनी नहीं वरन अपने संगी विश्वासियों की भलाई का इच्छुक रहता था, अपने प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के प्रेम, मेल, त्याग और भलाई आदि के महान गुणों का अनुकरण करने के द्वारा।
पौलुस के समान ही हम सभी मसीही विश्वासियों को अपने प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के उदाहरण का इतनी निकटता से अनुकरण करना है कि हम भी दुसरों से कह सकें, "तुम मेरी सी चाल चलो जैसा मैं मसीह की सी चाल चलता हूं।" - मार्विन विलियम्स
मसीह यीशु का अनुकरण करके ऐसा जीवन जीएं जो दूसरों के लिए अनुकरणीय हो।
तुम मेरी सी चाल चलो जैसा मैं मसीह की सी चाल चलता हूं। - १ कुरिन्थियों ११:१
बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों १०:२३-११:१
1Co 10:23 सब वस्तुएं मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब लाभ की नहीं: सब वस्तुएं मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुओं से उन्नित नहीं।
1Co 10:24 कोई अपनी ही भलाई को न ढूंढे, वरन औरों की।
1Co 10:25 जो कुछ कस्साइयों के यहां बिकता है, वह खाओ और विवेक के कारण कुछ न पूछो।
1Co 10:26 क्योकि पृथ्वी और उसकी भरपूरी प्रभु की है।
1Co 10:27 और यदि अविश्वासियों में से कोई तुम्हें नेवता दे, और तुम जाना चाहो, तो जो कुछ तुम्हारे साम्हने रखा जाए वही खाओ: और विवेक के कारण कुछ न पूछो।
1Co 10:28 परन्तु यदि कोई तुम से कहे, यह तो मूरत को बलि की हुई वस्तु है, तो उसी बताने वाले के कारण, और विवेक के कारण न खाओ।
1Co 10:29 मेरा मतलब, तेरा विवेक नहीं, परन्तु उस दूसरे का। भला, मेरी स्वतंत्रता दूसरे के विचार से क्यों परखी जाए?
1Co 10:30 यदि मैं धन्यवाद करके साझी होता हूं, तो जिस पर मैं धन्यवाद करता हूं, उसके कारण मेरी बदनामीं क्यों होती है?
1Co 10:31 सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो।
1Co 10:32 तुम न यहूदियों, न यूनानियों, और न परमेश्वर की कलीसिया के लिये ठोकर का कारण बनो।
1Co 10:33 जैसा मैं भी सब बातों में सब को प्रसन्न रखता हूं, और अपना नहीं, परन्तु बहुतों का लाभ ढूंढ़ता हूं, कि वे उद्धार पाएं।
1Co 11:1 तुम मेरी सी चाल चलो जैसा मैं मसीह की सी चाल चलता हूं।
एक साल में बाइबल:
- भजन ८१-८३
- रोमियों ११:१९-३६
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