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बुधवार, 22 अगस्त 2012

विश्वासयोग्य


   लेखक सी. एस. ल्युइस द्वारा एक काल्पनिक मायावी देश ’नारनिया’ पर आधारित लिखे गए बच्चों के उपन्यास मसीही विश्वास के सत्य को चित्रित करते हैं। इस श्रंखला में ’प्रिंस कैस्पियन’ कहानी है एक अत्याचारी और क्रूर राजा की जिसने नारनिया की गद्दी हथिया ली। राजा के भतीजे छोटे राजकुमार कैस्पियन ने नारनिया के एक महान सम्राट के बारे में सुना है जो बुराई की सामर्थ को तोड़ने के लिए मरकर फिर से जी उठा। क्रूर राजा इस महान सम्राट की बातों को काल्पनिक कहानी कहकर उसकी उपेक्षा करता है, किंतु राजकुमार कैस्पियन उसकी सत्यता को जता देता है।

   इस कहानी में लेखक ल्युइस का उद्देश्य था यह दिखाना कि कैसे प्रभु यीशु को लोग प्राचीन किंवदन्ति कहकर उपेक्षा करते हैं, किंतु वह सत्य है। बाइबल संबंधी आधुनिक पुरतत्व-विशेषज्ञों की खोजों ने ऐतिहासिक प्रमाणों द्वारा यह प्रमाणित कर दिया है कि प्रभु यीशु का आलौकिक जीवन कोई कल्पना नहीं वरन ऐतिहासिक सत्य है। ब्रिटिश म्युज़ियम के भूतपूर्व निर्देशक सर फ्रेडरिक केन्यन भी परमेश्वर के वचन बाइबल की विश्वासयोग्यता के संबंध में यही विश्वास रखते थे; उन्होंने लिखा, "नए नियम कि पुस्तकों की वास्तविकता और खराई अब प्रमाणित मानी जा सकती है।"

   प्रेरितों ने भी प्रभु यीशु के जीवन के बारे में यही कहा था; प्रेरित पतरस ने लिखा, "क्‍योंकि जब हम ने तुम्हें अपने प्रभु यीशु मसीह की सामर्थ का, और आगमन का समाचार दिया था तो वह चतुराई से गढ़ी हुई कहानियों का अनुकरण नहीं किया था वरन हम ने आप ही उसके प्रताप को देखा था" (२ पतरस १:१६)। प्रेरित युहन्ना ने भी लिखा, "उस जीवन के वचन के विषय में जो आदि से था, जिसे हम ने सुना, और जिसे अपनी आंखों से देखा, वरन जिसे हम ने ध्यान से देखा और हाथों से छूआ" (१ युहन्ना १:१)।

   इसमें किसी सन्देह या अविश्वास की गुंजाइश नहीं है कि प्रभु यीशु के जीवन, मरण और पुनरुत्थान का वृतांत एक सच्ची और प्रमाणित घटना है और वही पापों से क्षमा देने वाला उद्धारकर्ता परमेश्वर है। - डेनिस फिशर


इस परिवर्तनशील संसार में आप परमेश्वर के अपरिवर्तनीय वचन बाइबल पर भरोसा रख सकते हैं।

यह जीवन प्रगट हुआ, और हम ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्‍त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और हम पर प्रगट हुआ। - १ युहन्ना १:२

बाइबल पाठ: २ पतरस १:१२-१९; १ युहन्ना १:१-७
2Pe 1:12   इसलिये यद्यपि तुम ये बातें जानते हो, और जो सत्य वचन तुम्हें मिला है, उस में बने रहते हो, तौभी मैं तुम्हें इन बातों की सुधि दिलाने को सर्वदा तैयार रहूंगा। 
2Pe 1:13   और मैं यह अपने लिये उचित समझता हूं, कि जब तक मैं इस डेरे में हूं, तब तक तुम्हें सुधि दिला कर उभारता रहूं। 
2Pe 1:14  क्‍योंकि यह जानता हूं, कि मसीह के वचन के अनुसार मेरे डेरे के गिराए जाने का समय शीघ्र आने वाला है। 
2Pe 1:15  इसलिये मैं ऐसा यत्‍न करूंगा, कि मेरे कूच करने के बाद तुम इन सब बातों को सर्वदा स्मरण कर सको। 
2Pe 1:16  क्‍योंकि जब हम ने तुम्हें अपने प्रभु यीशु मसीह की सामर्थ का, और आगमन का समाचार दिया था तो वह चतुराई से गढ़ी हुई कहानियों का अनुकरण नहीं किया था वरन हम ने आप ही उसके प्रताप को देखा था। 
2Pe 1:17   कि उस ने परमेश्वर पिता से आदर, और महिमा पाई जब उस प्रतापमय महिमा में से यह वाणी आई कि यह मेरा प्रिय पुत्र है जिस से मैं प्रसन्न हूं। 
2Pe 1:18  और जब हम उसके साथ पवित्र पहाड़ पर थे, तो स्‍वर्ग से यही वाणी आते सुना। 
2Pe 1:19  और हमारे पास जो भविष्यद्वक्ताओं का वचन है, वह इस घटना से दृढ़ ठहरा है और तुम यह अच्‍छा करते हो, कि जो यह समझ कर उस पर ध्यान करते हो, कि वह एक दीया है, जो अन्‍धियारे स्थान में उस समय तक प्रकाश देता रहता है जब तक कि पौ न फटे, और भोर का तारा तुम्हारे हृदयों में न चमक उठे। 

1Jn 1:1  उस जीवन के वचन के विषय में जो आदि से था, जिसे हम ने सुना, और जिसे अपनी आंखों से देखा, वरन जिसे हम ने ध्यान से देखा, और हाथों से छूआ। 
1Jn 1:2 (यह जीवन प्रगट हुआ, और हम ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्‍त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और हम पर प्रगट हुआ)। 
1Jn 1:3  जो कुछ हम ने देखा और सुना है उसका समाचार तुम्हें भी देते हैं, इसलिये कि तुम भी हमारे साथ सहभागी हो, और हमारी यह सहभागिता पिता के साथ, और उसके पुत्र यीशु मसीह के साथ है। 
1Jn 1:4 और ये बातें हम इसलिये लिखते हैं, कि हमारा आनन्‍द पूरा हो जाए।। 
1Jn 1:5 जो समाचार हम ने उस से सुना, और तुम्हें सुनाते हैं, वह यह है कि परमेश्वर ज्योति हैं: और उस में कुछ भी अन्‍धकार नहीं। 
1Jn 1:6 यदि हम कहें, कि उसके साथ हमारी सहभागिता है, और फिर अन्‍धकार में चलें, तो हम झूठे हैं: और सत्य पर नहीं चलते। 
1Jn 1:7  पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु मसीह का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन ११०-११२ 
  • १ कुरिन्थियों ५

1 टिप्पणी:

  1. प्रभु येशु एक ऐसा सत्य है जिसे झुठलाया नहीं जा सकता .........................! " .........मैं ये कहना चाहती हू की अगर आप अपने इस ब्लॉग की एक कोपी फेस बुक पर भी डाल दे तो ........तो आप ये सुसमाचार अधिक लोगो तक पहुंचा सकते है...............!

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