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बुधवार, 2 जनवरी 2013

परेशानीयाँ


   मैंने गोल्फ खेलने का कोई भी ऐसा स्थान नहीं देखा है जिसमें अवरोध ना हों। वे अवरोध उस खेल का एक भाग हैं। गंभीरता से गोल्फ खेलने वाले इन अवरोधों को चुनौतियों के रूप में लेते हैं और अपने खेल कौशल को जाँचने के लिए सबसे कठिन अवरोधों वाले मैदानों पर जाकर खेलने के लिए लंबी यात्राएं करने को तैयार रहते हैं।

   हम सब के जीवनों में परेशानीयाँ जीवन का एक अनिवार्य भाग हैं; हम सब अपने जीवन काल में समस्याओं से होकर अवश्य ही निकले हैं। यह खराब स्वास्थ्य हो सकता है, या आर्थिक घटी; संबंधों तथा रिश्तेदारियों में दरार और दूरी हो सकता है, या नौकरी छूट जाना या फिर अन्य कोई अन्य ग़म। यही समस्याएं, चाहे वे मसीही विश्वास से संबंधित हों अथवा सामान्य सांसारिक जीवन से, हमारी अन्तर्दशा की वास्तविक स्थिति उजागर करती हैं। इसलिए हमें चकित नहीं होना चाहिए यदि हमारे मसीही विश्वास के लिए परखे जाने और उसकी खराई प्रकट करने के लिए परमेश्वर हमें संसार के लोगों से उपहास और घृणा का सामना भी करने देता है (१ पतरस ४:१२)।

   ऑलिवर वैण्डल होम्स ने कहा था, "यदि मैं किसी ऐसी विधि को जानता जिससे समस्याओं से बचा सके तो मैं उसे कभी सार्वजनिक नहीं करता; क्योंकि उसे सार्वजनिक करने के द्वारा मैं किसी का कोई लाभ नहीं करूँगा। समस्या में आने से ही उसका सामना करने की सामर्थ भी आती है...समस्याओं से मित्र के समान ही मिलें, क्योंकि जीवन में अनेक बार उन से मिलना होता रहेगा। मित्र के समान मिलेंगे तो मित्र के समान उन से लाभान्वित भी होंगे।"

   जब हम परेशानीयों में पड़ें तो उससे विस्मित ना हों, क्योंकि परमेश्वर उनका उपयोग हमारी आत्मा कि सहनशक्ति परखने के लिए कर रहा है कि हम अपनी वास्तविकता जान सकें; "इसलिये जो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार दुख उठाते हैं, वे भलाई करते हुए, अपने अपने प्राण को विश्वासयोग्य सृजनहार के हाथ में सौंप दें" (१ पतरस ४:१९) क्योंकि वह हर बात में हमारे लिए भला ही करेगा। - डेनिस डी हॉन


बड़ी समस्याओं से ही बड़ी विजय मिलती है।

हे प्रियों, जो दुख रूपी अग्‍नि तुम्हारे परखने के लिये तुम में भड़की है, इस से यह समझ कर अचम्भा न करो कि कोई अनोखी बात तुम पर बीत रही है। - १ पतरस ४:१२

बाइबल पाठ: १ पतरस ४:१२-१९
1Pet 4:12  हे प्रियों, जो दुख रूपी अग्‍नि तुम्हारे परखने के लिये तुम में भड़की है, इस से यह समझ कर अचम्भा न करो कि कोई अनोखी बात तुम पर बीत रही है।
1Pet 4:13  पर जैसे जैसे मसीह के दुखों में सहभागी होते हो, आनन्द करो, जिस से उसकी महिमा के प्रगट होते समय भी तुम आनन्‍दित और मगन हो।
1Pet 4:14  फिर यदि मसीह के नाम के लिये तुम्हारी निन्‍दा की जाती है, तो धन्य हो; क्योंकि महिमा का आत्मा, जो परमेश्वर का आत्मा है, तुम पर छाया करता है।
1Pet 4:15  तुम में से कोई व्यक्ति हत्यारा या चोर, या कुकर्मी होने, या पराए काम में हाथ डालने के कारण दुख न पाए।
1Pet 4:16  पर यदि मसीही होने के कारण दुख पाए, तो लज्ज़ित न हो, पर इस बात के लिये परमेश्वर की महिमा करे।
1Pet 4:17  क्योंकि वह समय आ पहुंचा है, कि पहिले परमेश्वर के लोगों का न्याय किया जाए, और जब कि न्याय का आरम्भ हम ही से होगा तो उन का क्या अन्‍त होगा जो परमेश्वर के सुसमाचार को नहीं मानते?
1Pet 4:18  और यदि धर्मी व्यक्ति ही कठिनता से उद्धार पाएगा, तो भक्तिहीन और पापी का क्या ठिकाना?
1Pet 4:19  इसलिये जो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार दुख उठाते हैं, वे भलाई करते हुए, अपने अपने प्राण को विश्वासयोग्य सृजनहार के हाथ में सौंप दें।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति ४-६ 
  • मत्ती २

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