एशिया के एक बड़े और व्यस्त शहर में मुझे सड़क के किनारों और पटरियों को लोगों से भरे हुए देखकर अचरज हुआ। वहाँ भरी हुई भीड़ के कारण बिलकुल भी पाँव रखने का भी स्थान प्रतीत नहीं हो रहा था परन्तु फिर भी सब जल्दी में चलते हुए, एक-दूसरे से बेख़बर और अपनी ही किसी न किसी बात में व्यस्त दिख रहे थे।
उसी भीड़ में मुझे एक धीमी और दिल छू लेने वाली बाँसुरी की आवाज़ सुनाई दी। कोई था जो वहाँ पर सुप्रसिद्ध आराधाना गीत "Amazing Grace" (अद्भुत अनुग्रह) बजा रहा था। वह भीड़ उस बजाने वाले और उसके संगीत, दोनो ही से बेपरवाह थी किंतु वह बजाए जा रहा था। वह परमेश्वर के अद्भुत प्रेम का एक संगीतमय संदेश उन सब के लिए दे रहा था जो या तो उस गीत को जानते थे और उसकी धुन सुनकर गीत के शब्दों को स्मरण करते और उन पर मनन करते, या जो उस धुन से आकर्षित होकर और जानकारी लेना चाहते।
वह धुन भीड़ के लिए परमेश्वर के प्रेम पर ध्यान लगाने और जगत के उद्धारकर्ता के पास आने का निमंत्रण था - जिसके सुनने के कान हों वह सुन ले (मत्ती १३:९)। जैसा सुसमाचार के साथ सदा होता आया है, सुसमाचार सुनने वालों में से कुछ लोग उस पर विश्वास करके मसीही विश्वास के संकरे मार्ग पर चलने का निर्णय ले लेते हैं; शेष परमेश्वर के अनुग्रह और प्रेम के उस निमंत्रण को अन्देखा और अस्वीकार करके अपने उसी सरल और चौड़े मार्ग पर ही बने रहते हैं जो अन्ततः अनन्त विनाश को ले जाता है। प्रभु यीशु ने सचेत किया है: "सकेत फाटक से प्रवेश करो, क्योंकि चौड़ा है वह फाटक और चाकल है वह मार्ग जो विनाश को पहुंचाता है; और बहुतेरे हैं जो उस से प्रवेश करते हैं" (मत्ती ७:१३)।
परमेश्वर ने अपने पुत्र प्रभु यीशु मसीह को संसार में इसीलिए भेजा और क्रूस पर बलिदान होने दिया ताकि सारे संसार को उद्धार और परमेश्वर के राज्य में प्रवेश का मार्ग मिल जाए "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए" (यूहन्ना ३:१६)। मार्ग तो परमेश्वर ने सब के लिए खोल दिया है, परन्तु उस मार्ग पर चलना हर व्यक्ति का अपना निर्णय है। अब जो कोई सच्चे मन और सहज विश्वास से मसीह यीशु को अपना उद्धारकर्ता स्वीकार करता है और अपने पापों से पश्चाताप करता है वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश और अनन्त आशीष का जीवन पाता है। परमेश्वर का महान अनुग्रह यही है कि हमारे जीवन की अन्तिम सांस तक वह हमसे हमारे पापों के अनुसार नहीं वरन अपने प्रेम में क्षमा और बहाली का व्यवहार करने को तैयार रहता है। जिसने इस जीवन का यह अवसर गवाँ दिया, उसे उस जीवन में फिर परमेश्वर के प्रेम का नहीं उसके न्याय का सामना करना होगा।
परमेश्वर के इस अनुग्रह को अपने जीवन में व्यर्थ ना जाने दें, आज ही अपना मार्ग चुन लें क्योंकि कल क्या होगा यह किसी को पता नहीं है। - बिल क्राउडर
प्रभु यीशु को ग्रहण करना अर्थात उद्धार को प्राप्त करना।
क्योंकि सकेत है वह फाटक और सकरा है वह मार्ग जो जीवन को पहुंचाता है, और थोड़े हैं जो उसे पाते हैं। - मत्ती ७:१४
बाइबल पाठ: मत्ती ७:१३-२३
Matthew7:13 सकेत फाटक से प्रवेश करो, क्योंकि चौड़ा है वह फाटक और चाकल है वह मार्ग जो विनाश को पहुंचाता है; और बहुतेरे हैं जो उस से प्रवेश करते हैं।
Matthew7:14 क्योंकि सकेत है वह फाटक और सकरा है वह मार्ग जो जीवन को पहुंचाता है, और थोड़े हैं जो उसे पाते हैं।
Matthew7:15 झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु अन्दर से फाड़ने वाले भेडिए हैं।
Matthew7:16 उन के फलों से तुम उन्हें पहचान लोग क्या झाडिय़ों से अंगूर, वा ऊंटकटारों से अंजीर तोड़ते हैं?
Matthew7:17 इसी प्रकार हर एक अच्छा पेड़ अच्छा फल लाता है और निकम्मा पेड़ बुरा फल लाता है।
Matthew7:18 अच्छा पेड़ बुरा फल नहीं ला सकता, और न निकम्मा पेड़ अच्छा फल ला सकता है।
Matthew7:19 जो जो पेड़ अच्छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में डाला जाता है।
Matthew7:20 सो उन के फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे।
Matthew7:21 जो मुझ से, हे प्रभु, हे प्रभु कहता है, उन में से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है।
Matthew7:22 उस दिन बहुतेरे मुझ से कहेंगे; हे प्रभु, हे प्रभु, क्या हम ने तेरे नाम से भविष्यद्वाणी नहीं की, और तेरे नाम से दुष्टात्माओं को नहीं निकाला, और तेरे नाम से बहुत अचम्भे के काम नहीं किए?
Matthew7:23 तब मैं उन से खुलकर कह दूंगा कि मैं ने तुम को कभी नहीं जाना, हे कुकर्म करने वालों, मेरे पास से चले जाओ।
एक साल में बाइबल:
- निर्गमन २५-२६
- मत्ती २०:१७-३४
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