थॉमस डिबैजियो नामक एक व्यक्ति को जब ज्ञात हुआ कि वह एलज़ाईमर्स रोग से संक्रमित हो चुका है, और यह रोग अभी अपने शुरुआती दौर में ही है तो उसने अपने स्मरण शक्ति के धीरे-धीरे खोते जाने को पुस्तकबद्ध करना आरंभ किया; उसका यह विवरण "Loosing My Mind" (अपना दिमाग खोते जाना) नामक पुस्तक के रूप में प्रकाशित हुआ। यह पुस्तक थॉमस की उस कष्टपूर्ण यात्रा का अभिलेख है जिसमें वह धीरे धीरे अपने भलि-भांति जाने-पहनचाने कार्यों, स्थानों, लोगों आदि सबको भूलता चला गया। एलज़ाईमर्स रोग एक लाइलाज रोग है जिसका रोगी धीरे धीरे अपनी स्मरण शक्ति खोता चला जाता है। इस रोग से ग्रसित व्यक्ति के मस्तिष्क में स्नायु कोषिकाएं धीरे धीरे क्षतिग्रस्त होती चली जाती हैं जिससे रोगी की स्मरण शक्ति क्षीण होती जाती है, वह उलझा या चक्राया हुआ रहने लगता है और उसके लिए समय-स्थान-व्यक्ति का बोध रखना असंभव हो जाता है। एक समय में पूर्ण रूप से चैतन्य और कार्यकारी व्यक्ति को धीरे धीरे अपने मित्रों और प्रीय जनों को भूलते हुए देखना, जाने-पहचाने स्थानों पर भी अनजान होकर घूमते हुए देखना, उसका कपड़े तक ठीक से ना पहन पाने से भी अनजान होते जाना आदि देखना बहुत कष्टदायक होता है; इस पीड़ा को और भी अधिक बढ़ा देती है यह मजबूरी कि अपने प्रीय जन की इस बद से बदतर होती स्थिति को हम बेबस होकर बस उसे देखते ही रह सकते हैं किंतु उसके लिए कुछ कर नहीं सकते। यह मृत्यु से पूर्व ही प्रीय जन को खो देने के समान है।
स्मरण शक्ति की हानि अन्य कारणों से भी हो सकती है, जैसे किसी चोट अथवा गहरे सदमे के द्वारा। और हम में से जो वृद्धावस्था में जाते हैं उनके शरीरों और शरीर की क्षमताओं का क्षीण होना अवश्यंभावी है। लेकिन चाहे स्मरण शक्ति की हानि हो या शरीर के अन्य किसी अंग या क्षमता की, प्रत्येक मसीही विश्वासी के पास यह आशा है कि एक दिन वे बिलकुल सिद्ध, स्वस्थ और निरोग अवस्था में होंगे - जब पुनरुत्थान के समय वे अपनी महिमाय देह को पाएंगे (1 कुरिन्थियों 5:1-5)। इसके साथ ही स्वर्ग में वे अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु को भी देखेंगे जिसने उन्हें उद्धार देने के लिए अपने शरीर को यातना सहने के लिए दे दिया, उनके सन्ति अपमानजनक मृत्यु की पीड़ा सह ली और अनन्त काल के लिए अपने महिमाय शरीर में भी क्रूस की उस यातना के चिन्ह लिए हुए है (यूहन्ना 20:25; 1 कुरिन्थियों 13:12)।
इस पृथ्वी पर हम शरीर और मन के रोगों से त्रस्त हो सकते हैं, हमारी देह क्षीण और अयोग्य हो सकती है; लेकिन उस स्वर्गीय देह में हम अपने प्रभु के समान ही होंगे, यह प्रभु यीशु का अपने प्रत्येक विश्वासी से वायदा है: "हे प्रियों, अभी हम परमेश्वर की सन्तान हैं, और अब तक यह प्रगट नहीं हुआ, कि हम क्या कुछ होंगे! इतना जानते हैं, कि जब वह प्रगट होगा तो हम भी उसके समान होंगे, क्योंकि उसको वैसा ही देखेंगे जैसा वह है" (1 यूहन्ना 3:2)।
पलक झपकते ही ... हम बदल जाएंगे! - प्रेरित पौलुस
क्योंकि अवश्य है, कि यह नाशमान देह अविनाश को पहिन ले, और यह मरनहार देह अमरता को पहिन ले। और जब यह नाशमान अविनाश को पहिन लेगा, और यह मरनहार अमरता को पहिन लेगा, तब वह वचन जो लिखा है, पूरा हो जाएगा, कि जय ने मृत्यु को निगल लिया। - 1 कुरिन्थियों 15:53-54
बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 4:16 - 5:8
2 Corinthians 4:16 इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है।
2 Corinthians 4:17 क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है।
2 Corinthians 4:18 और हम तो देखी हुई वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएं सदा बनी रहती हैं।
2 Corinthians 5:1 क्योंकि हम जानते हैं, कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा, जो हाथों से बना हुआ घर नहीं परन्तु चिरस्थाई है।
2 Corinthians 5:2 इस में तो हम कराहते, और बड़ी लालसा रखते हैं; कि अपने स्वर्गीय घर को पहिन लें।
2 Corinthians 5:3 कि इस के पहिनने से हम नंगे न पाए जाएं।
2 Corinthians 5:4 और हम इस डेरे में रहते हुए बोझ से दबे कराहते रहते हैं; क्योंकि हम उतारना नहीं, वरन और पहिनना चाहते हैं, ताकि वह जो मरनहार है जीवन में डूब जाए।
2 Corinthians 5:5 और जिसने हमें इसी बात के लिये तैयार किया है वह परमेश्वर है, जिसने हमें बयाने में आत्मा भी दिया है।
2 Corinthians 5:6 सो हम सदा ढाढ़स बान्धे रहते हैं और यह जानते हैं; कि जब तक हम देह में रहते हैं, तब तक प्रभु से अलग हैं।
2 Corinthians 5:7 क्योंकि हम रूप को देखकर नहीं, पर विश्वास से चलते हैं।
2 Corinthians 5:8 इसलिये हम ढाढ़स बान्धे रहते हैं, और देह से अलग हो कर प्रभु के साथ रहना और भी उत्तम समझते हैं।
एक साल में बाइबल:
- 1 इतिहास 4-6
- यूहन्ना 6:1-21
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