लेखक सी. एस. ल्यूइस कहते हैं कि धार्मिक सिद्धांत सूप (भोजन के साथ लिया जाने वाला तरल रसा) के समान होते हैं; कुछ तो गाढ़े और अपारदर्शी तथा अन्य पतले और पारदर्शक। परमेश्वर के वचन बाइबल में भी कई ऐसे ही गहन और समझने के लिए मनन माँगने वाले सिद्धाँत हैं, रहस्यमय, जटिल और जिनकी गूढ़ता अति प्रवीण व्यक्तियों को भी चुनौती देती है। उदाहरणस्वरूप रोमियों 9:18 को ही लीजिए: "सो वह जिस पर चाहता है, उस पर दया करता है; और जिसे चाहता है, उसे कठोर कर देता है।" लेकिन उसी बाइबल में ऐसे सिद्धांत भी हैं जो बिलकुल स्पष्ट और समझने, मानने में सरल हैं; भला 1 यूहन्ना 4:16 "...परमेश्वर प्रेम है: जो प्रेम में बना रहता है, वह परमेश्वर में बना रहता है; और परमेश्वर उस में बना रहता है" से अधिक सरल और सर्वमान्य और क्या होगा?
पंद्रहवीं शताबदी के एक लेखक जौन कैमरून ने इस विषय को समझाने के लिए कहा, "उसी घास के मैदान से गाय-बैल घास खा लेते हैं, पक्षी दाने आदि से पेट भर लेते हैं, और किसी मनुष्य को वहाँ दबा कोई खज़ाना भी प्राप्त हो सकता है। इसी प्रकार परमेश्वर के उस एक ही वचन में तरह तरह की विशेषताएं और बातें हैं जिनसे भिन्न लोग, भिन्न आवश्यकताओं और परिस्थितियों के अनुसार, भिन्न स्तर की बातें और मार्गदर्शन पा सकते हैं। यह वचन वह है जिसमें मेमना चर सकता है, हाथी तैर सकता है, बच्चों के पेट दूध से भरे जा सकते हैं, और प्रौढ़ ठोस भोजन से तृप्त किए जा सकते हैं।"
बुद्धि और ज्ञान के सभी खज़ाने परमेश्वर के वचन बाइबल में विद्यमान हैं - यह समुद्र के समान अथाह भी है जिसकी गहराई अति प्रबुद्ध मनुष्य भी नहीं पाने पाते और समुद्र तट के समान उथला भी है जहाँ साधारण सामन्य समझ रखने वाले बच्चे भी आसानी से खेल सकते हैं, आनन्दित हो सकते हैं।
ना तो बाइबल से घबराएं और ना ही उसे पढ़ने से हिचकिचाएं वरन उसमें डुबकी लगाएं। बाइबल सब के लिए लाभकारी है, सर्व-उपयोगी है; आखिर परमेश्वर द्वारा अपनी सृष्टि को उसके लाभ और मार्गदर्शन के लिए दिया गया वचन है! - डेविड रोपर
परमेश्वर अपने वचन के द्वारा बातें करता है; आप से भी, यदि आप उस की वाणी सुनने के लिए तैयार हों, उसे समय दें।
यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं; - भजन 19:7
बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 3:14-17
2 Timothy 3:14 पर तू इन बातों पर जो तू ने सीखीं हैं और प्रतीति की थी, यह जानकर दृढ़ बना रह; कि तू ने उन्हें किन लोगों से सीखा था
2 Timothy 3:15 और बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है।
2 Timothy 3:16 हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है।
2 Timothy 3:17 ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए।
एक साल में बाइबल:
- यिर्मयाह 32-33
- इब्रानियों 1
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