ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 20 अप्रैल 2014

सुरक्षा का स्थान


   हवाई द्वीप समूह में मौवी के उत्तरी समुद्र तटीय क्षेत्र में जब कभी सुनामी की चेतावनी दी जाती है, लोग तुरंत पास के पहाड़ पर चढ़ जाते हैं; वही उनकी सुरक्षा का स्थान है। वहीं पर लकड़ी से बना एक ऊँचा क्रूस स्थित है, जिसे कई वर्ष पहले वहाँ लगाया गया था। अपनी सुरक्षा के लिए लोग उसी स्थान पर जाते हैं जहाँ वह क्रूस है।

   इसी प्रकार हम सब को आत्मिक सुरक्षा के लिए भी एक स्थान की आवश्यकता है। क्यों? क्योंकि परमेश्वर के वचन बाइबल में चेतावनी दी गई हैं: "इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं" तथा "क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है" (रोमियों 3:23, रोमियों 6:23)। इब्रानियों 9:27 में लिखा है: "और जैसे मनुष्यों के लिये एक बार मरना और उसके बाद न्याय का होना नियुक्त है"। संभवतः हमें अपने पापों तथा उनके परिणाम के बारे में सोचना पसन्द नहीं हो, लेकिन पवित्र परमेश्वर के आगे खड़े होकर जीवन का हिसाब देना तो प्रत्येक के लिए अवश्यंभावी है, और "जीवते परमेश्वर के हाथों में पड़ना भयानक बात है" (इब्रानियों 10:31)।

   लेकिन अच्छी खबर, अर्थात सुसमाचार, यह है कि परमेश्वर हमसे प्रेम करता है और अपने इसी प्रेम में होकर उसने हमारे लिए एक सुरक्षा का स्थान भी तैयार कर के दिया है। परमेश्वर ने अपने पुत्र प्रभु यीशु को हमारे पापों के लिए बलिदान होने भेजा, उसने हम सबके पापों के दण्ड को अपने ऊपर ले लिया और हमारे पापों के लिए अपने प्राण बलिदान किए। प्रभु यीशु क्रूस पर मारा गया, दफनाया गया और फिर तीसरे दिन मृतकों में से पुनः जी भी उठा और आज जीवित परमेश्वर है। परमेश्वर ने अपने पुत्र को इसलिए बलिदान होने दिया जिससे हम पापी मनुष्यों को उससे अलग ना होना पड़े, वरन अनन्त काल के लिए हम उसके साथ रह सकें (रोमियों 5:8-10; कुलुस्सियों 1:19-22)।

   प्रभु यीशु के क्रूस पर मारे जाने और मृत्कों में से पुनरुत्थान के कारण पाप के परिणाम से बचने के लिए वह सुरक्षा का स्थान सब के लिए उपलब्ध है। क्या आप ने वहाँ शरण ले ली है? - ऐनी सेटास


पाप के श्राप से बच निकलने के लिए मसीह यीशु के क्रूस की शरण में आ जाएं।

और उसके क्रूस पर बहे हुए लोहू के द्वारा मेल मिलाप कर के, सब वस्‍तुओं का उसी के द्वारा से अपने साथ मेल कर ले चाहे वे पृथ्वी पर की हों, चाहे स्वर्ग में की। - कुलुस्सियों 1:20

बाइबल पाठ: इब्रानियों 10:28-39
Hebrews 10:28 जब कि मूसा की व्यवस्था का न मानने वाला दो या तीन जनों की गवाही पर, बिना दया के मार डाला जाता है। 
Hebrews 10:29 तो सोच लो कि वह कितने और भी भारी दण्‍ड के योग्य ठहरेगा, जिसने परमेश्वर के पुत्र को पांवों से रौंदा, और वाचा के लोहू को जिस के द्वारा वह पवित्र ठहराया गया था, अपवित्र जाना है, और अनुग्रह की आत्मा का अपमान किया। 
Hebrews 10:30 क्योंकि हम उसे जानते हैं, जिसने कहा, कि पलटा लेना मेरा काम है, मैं ही बदला दूंगा: और फिर यह, कि प्रभु अपने लोगों का न्याय करेगा। 
Hebrews 10:31 जीवते परमेश्वर के हाथों में पड़ना भयानक बात है।
Hebrews 10:32 परन्तु उन पहिले दिनों को स्मरण करो, जिन में तुम ज्योति पाकर दुखों के बड़े झमेले में स्थिर रहे। 
Hebrews 10:33 कुछ तो यों, कि तुम निन्‍दा, और क्‍लेश सहते हुए तमाशा बने, और कुछ यों, कि तुम उन के साझी हुए जिन की र्दुदशा की जाती थी। 
Hebrews 10:34 क्योंकि तुम कैदियों के दुख में भी दुखी हुए, और अपनी संपत्ति भी आनन्द से लुटने दी; यह जान कर, कि तुम्हारे पास एक और भी उत्तम और सर्वदा ठहरने वाली संपत्ति है। 
Hebrews 10:35 सो अपना हियाव न छोड़ो क्योंकि उसका प्रतिफल बड़ा है। 
Hebrews 10:36 क्योंकि तुम्हें धीरज धरना अवश्य है, ताकि परमेश्वर की इच्छा को पूरी कर के तुम प्रतिज्ञा का फल पाओ। 
Hebrews 10:37 क्योंकि अब बहुत ही थोड़ा समय रह गया है जब कि आने वाला आएगा, और देर न करेगा। 
Hebrews 10:38 और मेरा धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा, और यदि वह पीछे हट जाए तो मेरा मन उस से प्रसन्न न होगा। 
Hebrews 10:39 पर हम हटने वाले नहीं, कि नाश हो जाएं पर विश्वास करने वाले हैं, कि प्राणों को बचाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 20-23


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें