ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 10 मई 2014

क्षमा याचना


   मार्क से गलती हो गई। उसे रेस्टोरन्ट में एक मित्र से मिलना था और वह निर्धारित समय से एक घंटा विलम्ब से पहुँचा, तब तक उसका मित्र उसकी प्रतीक्षा करने के बाद वहाँ से जा चुका था। अपनी गलती के लिए शर्मिंदा होते हुए मार्क ने एक उपहार खरीदा और फिर एक स्थानीय दुकान से क्षमा याचना व्यक्त करने वाला एक कार्ड खरीदने गया। विभिन्न प्रकार और अवसरों के लिए प्रयोग में आने वाले अनेकों कार्डों में मार्क को क्षमा याचना का कार्ड ढूँढ़ पाना कठिन हो गया। आखिरकर उसे कुछ कार्ड मिले, जो उस दुकान के एक कोने में अप्रत्यक्ष से रखे हुए थे। उसने एक कार्ड लिया, उसे अपने उपहार के साथ लगा कर अपने मित्र को दिया, जिसने उसकी क्षमा याचना स्वीकार कर ली।

   चाहे क्षमा याचना कार्ड मिलना आसान ना भी हो, तो भी हमारे संबंधों मे क्षमा याचना की आवश्यकता बहुधा होती ही है। क्षमा याचना करना परमेश्वर के वचन बाइबल की शिक्षाओं के अनुरूप है। प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों को सिखाया कि वे आगे बढ़कर उन लोगों के साथ, जिन्हें उन से कोई ठोकर लगी हो, अपने संबंध ठीक करें (मत्ती 5:23-24; 18:15-20)। प्रेरित पौलुस में होकर परमेश्वर के पवित्र आत्मा ने लिखवाया: "जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो" (रोमियों 12:18); ऐसा कर पाने के लिए क्षमा याचना करने का मन रखना अनिवार्य है।

   लेकिन क्षमा याचना करना सामन्यतः लोगों को बहुत कठिन लगता है, क्योंकि ऐसा करने के लिए सबसे पहले एक विनम्र हृदय होना आवश्यक है, तब ही हम अपनी गलती को मानने वाले और सच्चे मन से किसी से क्षमा माँगने वाले बन सकते हैं; और यह मनुष्य का स्वाभाविक व्यावहार नहीं है। प्रभु यीशु से मिलने वाली पापों की क्षमा और उसको किया गया जीवन समर्पण हमारे अहंकारी स्वभाव को विनम्र बनाता है और हमें क्षमा याचना करने वाला बनाता है। जहाँ क्षमा याचना और क्षमा प्राप्ति है, वहाँ संबंधों में कटुता बनी नहीं रह सकती, और संबंधों की बहाली स्वाभाविक हो जाती है।

   क्या आप से किसी के प्रति कोई गलती हुई है? अपने अहम को आड़े ना आने दें, परमेश्वर के सामने इस बात को मान लें और उससे बात ठीक करने के लिए सहायता माँगें। फिर विनम्र होकर आगे बढ़ें और उस जन से क्षमा याचना करें, चाहे आपके पास क्षमा याचना का कार्ड ना भी हो। परमेश्वर की सहायता और आपकी सच्चे प्रयास से संबंध बहाल हो जाएंगे। - ऐनी सेटास


अन्तिम बात कहने का सबसे अच्छा तरीका है क्षमा याचना।

पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। - गलतियों 5:22-23

बाइबल पाठ: मत्ती 5:21-26
Matthew 5:21 तुम सुन चुके हो, कि पूर्वकाल के लोगों से कहा गया था कि हत्या न करना, और जो कोई हत्या करेगा वह कचहरी में दण्‍ड के योग्य होगा। 
Matthew 5:22 परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि जो कोई अपने भाई पर क्रोध करेगा, वह कचहरी में दण्‍ड के योग्य होगा: और जो कोई अपने भाई को निकम्मा कहेगा वह महासभा में दण्‍ड के योग्य होगा; और जो कोई कहे “अरे मूर्ख” वह नरक की आग के दण्‍ड के योग्य होगा। 
Matthew 5:23 इसलिये यदि तू अपनी भेंट वेदी पर लाए, और वहां तू स्मरण करे, कि मेरे भाई के मन में मेरी ओर से कुछ विरोध है, तो अपनी भेंट वहीं वेदी के साम्हने छोड़ दे। 
Matthew 5:24 और जा कर पहिले अपने भाई से मेल मिलाप कर; तब आकर अपनी भेंट चढ़ा। 
Matthew 5:25 जब तक तू अपने मुद्दई के साथ मार्ग ही में हैं, उस से झटपट मेल मिलाप कर ले कहीं ऐसा न हो कि मुद्दई तुझे हाकिम को सौंपे, और हाकिम तुझे सिपाही को सौंप दे और तू बन्‍दीगृह में डाल दिया जाए। 
Matthew 5:26 मैं तुम से सच कहता हूं कि जब तक तू कौड़ी कौड़ी भर न दे तब तक वहां से छूटने न पाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 10-13


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें