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शुक्रवार, 16 मई 2014

वार्तालाप


   क्या वर्तमान की तकनीकी प्रगति ने आज हमें परस्पर संवाद और एक दूसरे से आमने-सामने बात करने में अक्षम और कमज़ोर कर दिया है? आज अधिकारी ईमेल के द्वारा अपने कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्तगी की सूचना सरलता से भेज सकते हैं; लोग एक दूसरे की आलोचना ट्विटर पर या फेसबुक पर बिना सामने आए कर सकते हैं। लोगों के लिए एक दूसरे के सामने आकर अपना दृष्टिकोण समझाए या बताए बिना ही अपनी बात दूसरे पर लाद देना या सामाजिक रूप से उनपर ऊँगुली उठा देना बहुत सरल हो गया है। इसलिए यह बेहतर होगा कि हम परमेश्वर के वचन बाइबल के उदाहरणों से सीखें कि यदि किसी बात को लेकर परस्पर मतभेद भी हों तो उनका निवारण कैसे करना चाहिए।

   प्रेरित पौलुस और पतरस में एक परिस्थिति को लेकर मतभेद हुआ, और पौलुस ने पतरस के द्वारा परमेश्वर के अनुग्रह को गौण करने को लेकर उसका सामना किया (गलतियों 2:11-16)। बात यह थी कि पतरस अपनी सेवकाई के दौरान गैर-यहूदियों, अर्थात अन्यजातिय मसीही विश्वासियों के साथ संगति कर रहा था, लेकिन जब कुछ ऐसे यहूदी आए जो मसीह यीशु पर विश्वास रखने का दावा तो करते थे परन्तु साथ ही उस गलत धारणा को भी मानते थे कि उद्धार पाने के लिए मसीह यीशु पर विश्वास के साथ मूसा द्वारा दी गई व्यवस्था का पालन भी आवश्यक है, तो पतरस उन अन्यजाति मसीही विश्वासियों से पृथक होकर उन गलत धारणा रखने वाले यहूदी लोगों के साथ हो गया। पौलुस ने जब पतरस के इस दोगलेपन को देखा, तो मसीही प्रेम और सहानुभूति के साथ उसने पतरस का उसके इस व्यवहार के लिए सामना किया; पतरस को समझाया कि वह क्यों उस विधि सम्मत पद्धति का पालन करना चाह रहा है जो जीवन परिवर्तन करने में अक्षम रही है। साथ ही पौलुस ने पतरस को यह भी स्मरण दिलाया कि पाप की गुलामी से मुक्ति दिलाकर परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी रहने की सामर्थ केवल परमेश्वर के अनुग्रह ही से मिलती है ना कि किसी विधि-विधान अथवा कर्म-काज के पालन से।

   परमेश्वर के वचन पर आधारित तथ्यों के साथ, परमेश्वर की आत्मा की प्रेर्णा और सहायता से जब हम अपने संगी मसीही विश्वासियों के साथ सादर और सप्रेम वार्तालाप करेंगे तो यह अवश्य ही मतभेदों के निवारण और आपसी प्रेम तथा मसीही पवित्रता के प्रोत्साहन एवं उन्नति का कारण ठहरेगी। एक दूसरे के साथ प्रेम पूर्ण व्यवहार के द्वारा हम सत्य को सप्रेम वार्तालाप द्वारा प्रकट करने और पवित्र आत्मा की आधीनता में अपने आप को संचालित करने की अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वाह निःसंकोच कर सकते हैं। - मार्विन विलियम्स


सही रीति से कहे गए थोड़े से शब्द बहुत विवादों का समाधन कर सकते हैं।

हे भाइयों, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा भी जाए, तो तुम जो आत्मिक हो, नम्रता के साथ ऐसे को संभालो, और अपनी भी चौकसी रखो, कि तुम भी परीक्षा में न पड़ो। - गलतियों 6:1

बाइबल पाठ: गलतियों 2:11-21
Galatians 2:11 पर जब कैफा अन्‍ताकिया में आया तो मैं ने उसके मुंह पर उसका साम्हना किया, क्योंकि वह दोषी ठहरा था। 
Galatians 2:12 इसलिये कि याकूब की ओर से कितने लोगों के आने से पहिले वह अन्यजातियों के साथ खाया करता था, परन्तु जब वे आए, तो खतना किए हुए लोगों के डर के मारे उन से हट गया और किनारा करने लगा। 
Galatians 2:13 और उसके साथ शेष यहूदियों ने भी कपट किया, यहां तक कि बरनबास भी उन के कपट में पड़ गया। 
Galatians 2:14 पर जब मैं ने देखा, कि वे सुसमाचार की सच्चाई पर सीधी चाल नहीं चलते, तो मैं ने सब के साम्हने कैफा से कहा; कि जब तू यहूदी हो कर अन्यजातियों की नाईं चलता है, और यहूदियों की नाईं नहीं तो तू अन्यजातियों को यहूदियों की नाईं चलने को क्यों कहता है? 
Galatians 2:15 हम जो जन्म के यहूदी हैं, और पापी अन्यजातियों में से नहीं। 
Galatians 2:16 तौभी यह जानकर कि मनुष्य व्यवस्था के कामों से नहीं, पर केवल यीशु मसीह पर विश्वास करने के द्वारा धर्मी ठहरता है, हम ने आप भी मसीह यीशु पर विश्वास किया, कि हम व्यवस्था के कामों से नहीं पर मसीह पर विश्वास करने से धर्मी ठहरें; इसलिये कि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी धर्मी न ठहरेगा। 
Galatians 2:17 हम जो मसीह में धर्मी ठहरना चाहते हैं, यदि आप ही पापी निकलें, तो क्या मसीह पाप का सेवक है? कदापि नहीं। 
Galatians 2:18 क्योंकि जो कुछ मैं ने गिरा दिया, यदि उसी को फिर बनाता हूं, तो अपने आप को अपराधी ठहराता हूं। 
Galatians 2:19 मैं तो व्यवस्था के द्वारा व्यवस्था के लिये मर गया, कि परमेश्वर के लिये जीऊं। 
Galatians 2:20 मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूं, और अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित है: और मैं शरीर में अब जो जीवित हूं तो केवल उस विश्वास से जीवित हूं, जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिसने मुझ से प्रेम किया, और मेरे लिये अपने आप को दे दिया। 
Galatians 2:21 मैं परमेश्वर के अनुग्रह को व्यर्थ नहीं ठहराता, क्योंकि यदि व्यवस्था के द्वारा धामिर्कता होती, तो मसीह का मरना व्यर्थ होता।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 8-10


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