ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 14 अगस्त 2014

योग्य


   हमारी एक मित्र अकसर तसमानिया के होबार्ट शहर जाया करती थी और हम सोचते थे कि ऐसा क्या है जिसके कारण वह बार बार होबार्ट जाती रहती है। हाल ही में उसने हमें निमंत्रण दिया कि हम भी उसके साथ वहाँ पर कुछ समय व्यतीत करें। हम हवाई आडे से निकल कर एक पुल पर से होकर निकले, फिर शहर और उसके आस-पास बसी हुई बस्ती से निकलने लगे - यात्रा में कुछ भी अनूठा या आकर्षक नहीं था, परन्तु हम आगे की ओर बढ़ते रहे। फिर चढ़ाई आरंभ हो गई, कुछ तीव्र मोड़ों और खड़ी चढ़ाई के पश्चात हमें नीचे का समुद्र तट दिखाई देने लगा, लेकिन उसमें भी कुछ विशेष बात नहीं थी।

   अन्ततः एक खड़ी ढाल वाली चढ़ाई पर चढ़कर हम अपने गन्तव्य पर पहुँच गए, और वहाँ से जो नीचे के शहर तथा इलाके का नज़ारा था वह स्तब्ध कर देने वाला था। हवाई अड्डे से निकल कर जिस पुल पर से हो कर हम आए थे, वह भी हमें दिखाई दे रहा था; अब वह नीरस नहीं वरन बहुत सुन्दर दिख रहा था! अब हम समझ पाए कि हमारी वह मित्र यहाँ अकसर क्यों आती रहती थी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों की पत्री के 11वें अध्याय में अनेक विश्वास के योद्धाओं के नाम दर्ज हैं। उन सभी के जीवन में कई "तीखे मोड़ और चढ़ाईयाँ" तथा नीरस परिस्थितियाँ आईं। लेकिन वे सभी अपनी विश्वास यात्रा में आगे बढ़ते ही रहे, ना रुके और ना वापस लौटे। उनका गन्तव्य? स्वर्ग, वह स्थिर नेव वाला नगर - "...जिस का रचने वाला और बनाने वाला परमेश्वर है" (इब्रानियों 11:10)।

   एस्तेर केर रश्तोई ने अपने स्तुति गीत, "When We See Christ" (जब हम मसीह को देखेंगे) में स्वर्ग की ओर मसीही विश्वासी की यात्रा के विषय में लिखा है:
   यह सब उस पल के योग्य होगा, जब हम मसीह को देखेंगे
   जीवन की कठिनाईयाँ कितनी छोटी लगेंगी, जब हम मसीह को देखेंगे
   उसके चेहरे की एक झलक से ही सारे दुख जाते रहेंगे
   इसलिए बहादुरी से जीवन दौड़ को दौड़ो, जब तक कि हम मसीह को देखें

   आज चाहे आपका मसीही विश्वास का जीवन सामान्य हो चाहे कठिन, आगे की ओर बढ़ते ही रहें। अपनी यात्रा के अन्त में आकर आप उस अद्भुत स्थान को देखने पाएंगे जो परमेश्वर ने आप के लिए तैयार किया है, और इस जीवन की हर बात उस पल के योग्य होगी। - सी. पी. हिया


स्वर्ग के आनन्द पृथ्वी की कठिनाईयों की भरपाई से भी अधिक होंगे।

सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्‍वर्गीय वस्‍तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है। पृथ्वी पर की नहीं परन्तु स्‍वर्गीय वस्‍तुओं पर ध्यान लगाओ। - कुलुस्सियों 3:1-2

बाइबल पाठ: इब्रानियों 11:8-16
Hebrews 11:8 विश्वास ही से इब्राहीम जब बुलाया गया तो आज्ञा मानकर ऐसी जगह निकल गया जिसे मीरास में लेने वाला था, और यह न जानता था, कि मैं किधर जाता हूं; तौभी निकल गया। 
Hebrews 11:9 विश्वास ही से उसने प्रतिज्ञा किए हुए देश में जैसे पराए देश में परदेशी रह कर इसहाक और याकूब समेत जो उसके साथ उसी प्रतिज्ञा के वारिस थे, तम्बूओं में वास किया। 
Hebrews 11:10 क्योंकि वह उस स्थिर नेव वाले नगर की बाट जोहता था, जिस का रचने वाला और बनाने वाला परमेश्वर है। 
Hebrews 11:11 विश्वास से सारा ने आप बूढ़ी होने पर भी गर्भ धारण करने की सामर्थ पाई; क्योंकि उसने प्रतिज्ञा करने वाले को सच्चा जाना था। 
Hebrews 11:12 इस कारण एक ही जन से जो मरा हुआ सा था, आकाश के तारों और समुद्र के तीर के बालू की नाईं, अनगिनित वंश उत्पन्न हुआ।
Hebrews 11:13 ये सब विश्वास ही की दशा में मरे; और उन्होंने प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएं नहीं पाईं; पर उन्हें दूर से देखकर आनन्‍दित हुए और मान लिया, कि हम पृथ्वी पर परदेशी और बाहरी हैं। 
Hebrews 11:14 जो ऐसी ऐसी बातें कहते हैं, वे प्रगट करते हैं, कि स्‍वदेश की खोज में हैं। 
Hebrews 11:15 और जिस देश से वे निकल आए थे, यदि उस की सुधि करते तो उन्हें लौट जाने का अवसर था। 
Hebrews 11:16 पर वे एक उत्तम अर्थात स्‍वर्गीय देश के अभिलाषी हैं, इसी लिये परमेश्वर उन का परमेश्वर कहलाने में उन से नहीं लजाता, सो उसने उन के लिये एक नगर तैयार किया है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 55-57


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें