यदि आप हमारे घर से, जो उत्तरी अमेरिका में बॉइस, इडाहो में स्थित है, दक्षिण की ओर चलें तो कुछ दूर जाने पर आपको सड़क के पूर्व में झाड़ियों के बीच में से ऊपर उठा हुआ एक टीला दिखाई देगा जो कभी ज्वालामुखीय कार्यवाही द्वारा अस्तित्व में आया था। इस टीले की चोटी ही वह आरंभिक बिन्दु है जहाँ से इडाहो प्रांत का सर्वेक्षण हुआ था। सन 1867 में अमेरिका के प्रधान सर्वेक्षण अधिकारी, लफायेटी कार्टी ने, इडाहो प्रांत की स्थापना के चार वर्ष पश्चात, पीटर बैल को यह ज़िम्मेदारी सौंपी कि वे इस नए इलाके का सर्वेक्षण करें। पीटर बैल ने उस टीले की चोटी पर पीतल का एक स्तंभ गाड़ा और उसे अपने सर्वेक्षण का आरंभिक बिन्दु घोषित किया। पीटर बैल द्वारा किए गए उस सर्वेक्षण से इडाहो प्रांत की सीमाएं और भौगोलिक विवरण स्थापित हुआ। उस आरंभिक बिन्दु के आधार पर ही वहाँ के रिहायशी इलाकों के उत्तर या दक्षिण में होने, अथवा पर्वत श्रंखलाओं के पूर्व या पश्चिम में होने का निर्धारण होता है। ऐसे स्थिर एवं स्थाई बिन्दु ही यह निर्धारित करते हैं कि आप सदा अपने स्थिति के बारे में निश्चित रहेंगे, कभी असमंजस में नहीं रहेंगे, कभी भटकने नहीं पाएंगे।
हम बहुत सी पुस्तकें पढ़ते हैं, लेकिन हमारे लिए परमेश्वर का वचन बाइबल ही हमारा अटल और सदा स्थिर ’आरंभिक बिन्दु’ है। प्रसिद्ध मसीही प्रचारक जौन वेस्ली बहुत पुस्तकें पढ़ते थे, लेकिन वे अपने आप को सदा ही ’एक पुस्तक का व्यक्ति’ कहते थे। किसी भी पुस्तक की तुलना संसार के इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पुस्तक, परमेश्वर के वचन बाइबल से नहीं हो सकती, क्योंकि केवल बाइबल ही है जो परमेश्वर की प्रेरणा से लिखी गई है। बाइबल 66 छोटी-बड़ी पुस्तकों का संग्रह है जो अलग अलग लोगों द्वारा अलग अलग समय में अलग अलग स्थानों एवं भाषाओं में लगभग 1500 वर्ष के अन्तराल में लिखी गईं, और कोई भी लेखक यह नहीं जानता था कि अन्ततः उसकी लिखी पुस्तक एक व्यापक संग्रह का भाग होगी। जब इन सब पुस्तकों को संग्रहित करके एक पुस्तक का रूप दिया गया तो इनमें कोई भी परस्पर विरोधाभास नहीं मिला, वरन वे विभिन्न पुस्तकें एक दूसरे की ऐसी पूरक हो गईं मानों एक ही लेखक ने उन्हें लिखा हो - जो सच भी है, क्योंकि लेखनी चाहे मनुष्य की थी किन्तु विचार तो परमेश्वर के ही थे।
बाइबल की एक और अद्भुत बात है कि वह प्रत्येक विश्वास करने वाले से बात करती है, उसकी शिक्षाएं एवं घटनाएं प्रत्येक विश्वासी को हर परिस्थिति में ऐसी प्रतीत होती हैं मानों वे उस परिस्थिति में उसी के लिए ही लिखी गई हों; इसीलिए बाइबल को परमेश्वर का जीवता वचन भी कहा जाता है। बाइबल की आरंभिक पुस्तक लगभग 1500 ईसवीं पूर्व अर्थात आज से लगभग 3500 वर्ष पहले लिखी गई, लेकिन बाइबल की हर शिक्षा, उसकी सभी बातें सभी विश्वास करने वालों के लिए ताज़ा और समकालीन ही रही हैं। परमेश्वर ने अपना यह वचन हम सब की भलाई के लिए उपलब्ध करवाया है, और वह चाहता है कि सभी उसके इस वचन पर विश्वास करें, उस पर अधारित जीवन व्यतीत करें जिससे वे कभी किसी गलत मार्ग पर ना चलें।
जब हम बाइबल को जीवन की हर बात तथा परिस्थिति के लिए अपना आरंभिक बिन्दु तथा मार्गदर्शक बना लेते हैं, तो हम कभी भी गलत नहीं हो सकते क्योंकि बाइबल में होकर परमेश्वर हमारी अगुवाई करता है। जो बाइबल से प्रेम करते हैं, उस पर विश्वास करते हैं वे सभी भजनकार के साथ कह सकते हैं: "तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं" (भजन 119:103)। - डेविड रोपर
बाइबल एक कुतुबनुमा है जो आपको सदा ही सही दिशा दिखाता है, सही मार्ग पर चलाता है।
उसने उत्तर दिया; कि लिखा है कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है जीवित रहेगा। - मत्ती 4:4
बाइबल पाठ: भजन 119:97-104
Psalms 119:97 अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है।
Psalms 119:98 तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं।
Psalms 119:99 मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है।
Psalms 119:100 मैं पुरनियों से भी समझदार हूं, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूं।
Psalms 119:101 मैं ने अपने पांवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिस से मैं तेरे वचन के अनुसार चलूं।
Psalms 119:102 मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है।
Psalms 119:103 तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं!
Psalms 119:104 तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।
एक साल में बाइबल:
- अमोस 7-9
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