स्वतंत्र
अपनी पुस्तक Throw Out fifty Things में गेल ब्लैंक छुटकारे के चार नियमों को बताती है जिससे लोग अपने जीवन से व्यर्थ बातें निकाल सकें। उसका पहला नियम है, "यदि कोई बात आप पर बोझ बन गई हो, आपको अवरुद्ध करती हो या आपको अपने ही बारे में बुरा अनुभव करवाती हो तो उसे निकाल फेंकें, उसे दे दें, उसे बेच दें, उसे जाने दें; उसे छोड़कर उससे आगे बढ़ जाएं।"
मेरे विचार से छुटकारे के इस नियम का आत्मिक उपयोग भी है: हमें अपने बीते दिनों के पापों से जुड़े नहीं रहना चाहिए। परमेश्वर के वचन बाइबल के एक पात्र यूसुफ के भाईयों के जीवनों में हम इस बात का एक उदाहरण देखते हैं। वर्षों पहले, बदले की भावना के अन्तर्गत, यूसुफ को बेच देने के पश्चात वे अपनी इस क्रूरता से उभर नहीं पाए थे और यूसुफ के प्रतिशोध से डरते थे (उत्पत्ति 50:15) यद्यपि यूसुफ ने अनेक बार उनके प्रति अपने प्रेम भरे व्यवहार और भलाईयों के द्वारा उन्हें आश्वस्त करना चाहा था कि वह उनका बुरा नहीं चाहता (उत्पत्ति 45:4-15)। इसलिए उनके और युसुफ के पिता की मृत्यु के पश्चात उन्होंने यूसुफ के पास क्षमा पाने के लिए सन्देश भेजा (उत्पत्ति 50:16-17)।
ऐसे ही हम में से अनेक लोग अपने द्वारा वर्षों पहले करी गई बुराईयों को लेकर परेशान रहते हैं जबकि जिनके विरुद्ध हमने वे कार्य किए थे वे हमें क्षमा कर के आगे बढ़ गए होते हैं। लेकिन सच्ची क्षमा तथा शान्ति की अनुभूति हमें तब ही होती है जब हम अपने पापों को परमेश्वर के सामने मान लेते हैं और उससे उनकी क्षमा माँग लेते हैं; हमारे ऐसा करने पर वह हमें ना केवल क्षमा कर देता है वरन उन पापों को हमसे दूर भी कर देता है (1 यूहन्ना 1:9; भजन 103:12), जैसे कि मीका 7:19 में लिखा है, "वह फिर हम पर दया करेगा, और हमारे अधर्म के कामों को लताड़ डालेगा। तू उनके सब पापों को गहिरे समुद्र में डाल देगा।"
इस कारण हम मसीही विश्वासी सदा अपने आप को स्मरण दिला सकते हैं कि क्योंकि प्रभु यीशु ने हमें पाप के दास्तव से स्वतंत्र कर दिया है इसलिए हम वास्तव में उनसे और उनके दुषप्रभावों तथा दुषपरिणामों से मुक्त हो गए हैं (यूहन्ना 8:36)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट
पाप से हमारे छुटकारे की कीमत प्रभु यीशु ने अपने लहू से दी है।
यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9
बाइबल पाठ: उत्पत्ति 50:15-21; यूहन्ना 8:31-36
Genesis 50:15 जब यूसुफ के भाइयों ने देखा कि हमारा पिता मर गया है, तब कहने लगे, कदाचित यूसुफ अब हमारे पीछे पड़े, और जितनी बुराई हम ने उस से की थी सब का पूरा पलटा हम से ले।
Genesis 50:16 इसलिये उन्होंने यूसुफ के पास यह कहला भेजा, कि तेरे पिता ने मरने से पहिले हमें यह आज्ञा दी थी,
Genesis 50:17 कि तुम लोग यूसुफ से इस प्रकार कहना, कि हम बिनती करते हैं, कि तू अपने भाइयों के अपराध और पाप को क्षमा कर; हम ने तुझ से बुराई तो की थी, पर अब अपने पिता के परमेश्वर के दासों का अपराध क्षमा कर। उनकी ये बातें सुनकर यूसुफ रो पड़ा।
Genesis 50:18 और उसके भाई आप भी जाकर उसके साम्हने गिर पड़े, और कहा, देख, हम तेरे दास हैं।
Genesis 50:19 यूसुफ ने उन से कहा, मत डरो, क्या मैं परमेश्वर की जगह पर हूं?
Genesis 50:20 यद्यपि तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था; परन्तु परमेश्वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिस से वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं।
Genesis 50:21 सो अब मत डरो: मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाल-बच्चों का पालन पोषण करता रहूंगा; इस प्रकार उसने उन को समझा बुझाकर शान्ति दी।
John 8:31 तब यीशु ने उन यहूदियों से जिन्हों ने उन की प्रतीति की थी, कहा, यदि तुम मेरे वचन में बने रहोगे, तो सचमुच मेरे चेले ठहरोगे।
John 8:32 और सत्य को जानोगे, और सत्य तुम्हें स्वतंत्र करेगा।
John 8:33 उन्होंने उसको उत्तर दिया; कि हम तो इब्राहीम के वंश से हैं और कभी किसी के दास नहीं हुए; फिर तू क्योंकर कहता है, कि तुम स्वतंत्र हो जाओगे?
John 8:34 यीशु ने उन को उत्तर दिया; मैं तुम से सच सच कहता हूं कि जो कोई पाप करता है, वह पाप का दास है।
John 8:35 और दास सदा घर में नहीं रहता; पुत्र सदा रहता है।
John 8:36 सो यदि पुत्र तुम्हें स्वतंत्र करेगा, तो सचमुच तुम स्वतंत्र हो जाओगे।
एक साल में बाइबल:
- भजन 43-45
- प्रेरितों 27:27-44
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