जब पूछा गया कि "प्रेम क्या है?" तो कुछ बच्चियों ने बड़े बढ़िया उत्तर दिए। सात वर्षीय नोएल ने कहा, "प्रेम यह है कि जब आप किसी लड़के से कहें कि आपको उसकी कमीज़ अच्छी लगी और वह उसे रोज़ाना पहनने लगे।" आठ वर्षीय रेबेक्का ने उत्तर दिया, "क्योंकि मेरी दादी को गठिया है और वह झुककर अपने पैर के नाखूनों पर रंग कर पाने में असमर्थ हैं इसलिए मेरे दादा हमेशा उनके लिए यह करते हैं, जबकि दादा के हाथ भी गठिया से पीड़ित हैं। यही प्रेम है।" आठ वर्षीय जेसिका का भी निषकर्ष था, "जब तक आप इस बात को पूरी रीति से मानते ना हों, तब तक किसी ना कहें, ’मैं तुम से प्रेम करता हूँ’; परन्तु यदि आप इसे सचमुच मानते हों तो फिर इस बात को बार-बार कहें क्योंकि लोग भूल जाते हैं।"
कभी कभी हमें इस बात का स्मर्ण चाहिए कि परमेश्वर हम से प्रेम करता है। जब हमारे ध्यान जीवन की कठिनाईयों पर केंद्रित हो जाते हैं तो हम अकसर यह सोचने लगते हैं कि अब ऐसे में परमेश्वर का प्रेम कहाँ है? किंतु यदि हम थोड़ा थम कर ध्यान करें कि परमेश्वर ने हमारे लिए क्या कुछ किया है तो समझेंगे कि परमेश्वर, जो प्रेम है, हम से कितना प्रेम करता है (1 यूहन्ना 4:8-10)।
परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 103 में उन कुछ उपहारों और उपकारों की सूचि दी गई है जो परमेश्वर अपने प्रेम में होकर हमपर न्योछावर करता है: वह हमारे पापों को क्षमा करता है (पद 3), उत्तम पदार्थों से हमें तृप्त करता है (पद 5); धर्म और न्याय के कार्य करता है (पद 6)। परमेश्वर कोप करने में धीमा और बहुतायत से अनुग्रह करने वाला है (पद 8)। वह हमसे हमारे पापों के अनुसार व्यवहार नहीं करता (पद 10) और उसने हमारे पापों को हम से उतनी दूर कर दिया है जितनी दूर उदयाचल से अस्ताचल है (पद 12)। परमेश्वर हमें कभी नहीं भूलता!
प्रेम क्या है? परमेश्वर प्रेम है, और वह अपना प्रेम हम पर सदा बरसाता रहता है। - ऐनी सेटास
परमेश्वर के प्रेम का माप क्रूस पर प्रभु यीशु का बलिदान है।
जो प्रेम नहीं रखता, वह परमेश्वर को नहीं जानता है, क्योंकि परमेश्वर प्रेम है। जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, वह इस से प्रगट हुआ, कि परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को जगत में भेजा है, कि हम उसके द्वारा जीवन पाएं। प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्वर ने प्रेम किया; पर इस में है, कि उसने हम से प्रेम किया; और हमारे पापों के प्रायश्चित्त के लिये अपने पुत्र को भेजा। - 1 यूहन्ना 4:8-10
बाइबल पाठ: भजन 103:1-14
Psalms 103:1 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे!
Psalms 103:2 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना।
Psalms 103:3 वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है,
Psalms 103:4 वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करूणा और दया का मुकुट बान्धता है,
Psalms 103:5 वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिस से तेरी जवानी उकाब की नाईं नई हो जाती है।
Psalms 103:6 यहोवा सब पिसे हुओं के लिये धर्म और न्याय के काम करता है।
Psalms 103:7 उसने मूसा को अपनी गति, और इस्राएलियों पर अपने काम प्रगट किए।
Psalms 103:8 यहोवा दयालु और अनुग्रहकरी, विलम्ब से कोप करने वाला और अति करूणामय है।
Psalms 103:9 वह सर्वदा वादविवाद करता न रहेगा, न उसका क्रोध सदा के लिये भड़का रहेगा।
Psalms 103:10 उसने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया, और न हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हम को बदला दिया है।
Psalms 103:11 जैसे आकाश पृथ्वी के ऊपर ऊंचा है, वैसे ही उसकी करूणा उसके डरवैयों के ऊपर प्रबल है।
Psalms 103:12 उदयाचल अस्ताचल से जितनी दूर है, उसने हमारे अपराधों को हम से उतनी ही दूर कर दिया है।
Psalms 103:13 जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है।
Psalms 103:14 क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है।
एक साल में बाइबल:
- भजन 49-50
- रोमियों 1
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