समाचारों में पहले तो प्रसिद्ध लोगों द्वारा की गई गलतियों को, और फिर उन प्रसिद्ध लोगों की उस गलती के लिए करी गई क्षमा याचना को भी बड़े खुलासे से बयान किया जाता है। गलती करने वाला कोई प्रसिद्ध खिलाड़ी हो सकता है जो नशे की हालत में गाड़ी चलाते हुए पकड़ा गया; या वह कोई राजनेता हो सकता है जिसके द्वारा करा गया कोई अनुचित कार्य उजागर हो गया हो। मनुष्य के हृदय की वास्तविक दशा तो केवल परमेश्वर ही जानता है, लेकिन जब गलतियों के लिए पकड़े जाने पर हम उन लोगों को हिचकिचाते हुए या अटक अटक कर स्पष्टिकरण देते तथा क्षमा याचना करते हुए सुनते हैं तो यह विचार मन में अवश्य आता है कि क्या वे वास्तव में अपनी गलती के लिए शर्मिंदा हैं या उनका वह शोक मात्र औपचारिकता है, केवल उनके पकड़े जाने के कारण किया गया दिखावा है!
परमेश्वर के वचन बाइबल के एक प्रसिद्ध पात्र, दाऊद द्वारा अपनी गलती के लिए लिखे गए पश्चताप के भजन, भजन 51 को जब हम पढ़ते हैं तो लगता है जैसे दाऊद वास्तव में अपनी गलती के लिए शोकित था। इस भजन में राजा दाऊद, जिसके जीवन में पहले भी अनेक छुपे हुए पाप थे (2 शमूएल 12:1-13; भजन 32:3-5) अपने पाप का सार्वजनिक अंगीकार करता है, और परमेश्वर से दया की भीख माँगता है। दाऊद ने पहचाना कि उसका पाप ना केवल उसकी प्रजा का वरन सबसे बढ़कर परमेश्वर का अपमान है, और केवल परमेश्वर ही है जो उसका न्याय कर सकता है (भजन 51:1-6)। उसने एहसास किया कि उसे परमेश्वर के हाथों से शुद्ध होने की आवश्यकता है (पद 7-10); और इस शुद्धी के मिलने का उत्सव वह सेवा एवं आराधना द्वारा मनाता है (पद 11-17)।
हम में से कोई नहीं है जिससे जाने या अनजाने में कभी पाप नहीं होता और जो अपने पाप के कारण परमेश्वर की महिमा से चूक नहीं जाता। जब भी हम जीवन में पाप के दबा देने वाल बोझ को अनुभव करें, तो हमें स्मरण करना चाहिए कि हमारे पास परमेश्वर द्वारा पाप के अंगीकार एवं क्षमा द्वारा आशीषित होने का भी मार्ग उपलब्ध है (1 यूहन्ना 1:9)। यह हमारे परमेश्वर पिता की महानता ही है जो हमारे पापों को भी हमारी आत्मिक बढ़ोतरी का मार्ग बना देता है, उन पापों द्वारा हमें उसके प्रेम और सामर्थ को समझ पाने का माध्यम देता है।
परमेश्वर से सच्चे और समर्पित मन से क्षमा माँगने में कभी ना हिचकिचाएं; उसकी क्षमा सदा उपलब्ध और सदा भली है। - डेव ब्रैनन
अंगीकार का अर्थ है परमेश्वर के साथ अपने पाप के विषय में सहमत होना।
यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9
बाइबल पाठ: 51
Psalms 51:1 हे परमेश्वर, अपनी करूणा के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर; अपनी बड़ी दया के अनुसार मेरे अपराधों को मिटा दे।
Psalms 51:2 मुझे भलीं भांति धोकर मेरा अधर्म दूर कर, और मेरा पाप छुड़ाकर मुझे शुद्ध कर!
Psalms 51:3 मैं तो अपने अपराधों को जानता हूं, और मेरा पाप निरन्तर मेरी दृष्टि में रहता है।
Psalms 51:4 मैं ने केवल तेरे ही विरुद्ध पाप किया, और जो तेरी दृष्टि में बुरा है, वही किया है, ताकि तू बोलने में धर्मी और न्याय करने में निष्कलंक ठहरे।
Psalms 51:5 देख, मैं अधर्म के साथ उत्पन्न हुआ, और पाप के साथ अपनी माता के गर्भ में पड़ा।
Psalms 51:6 देख, तू हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है; और मेरे मन ही में ज्ञान सिखाएगा।
Psalms 51:7 जूफा से मुझे शुद्ध कर, तो मैं पवित्र हो जाऊंगा; मुझे धो, और मैं हिम से भी अधिक श्वेत बनूंगा।
Psalms 51:8 मुझे हर्ष और आनन्द की बातें सुना, जिस से जो हडि्डयां तू ने तोड़ डाली हैं वह मगन हो जाएं।
Psalms 51:9 अपना मुख मेरे पापों की ओर से फेर ले, और मेरे सारे अधर्म के कामों को मिटा डाल।
Psalms 51:10 हे परमेश्वर, मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्पन्न कर, और मेरे भीतर स्थिर आत्मा नये सिरे से उत्पन्न कर।
Psalms 51:11 मुझे अपने साम्हने से निकाल न दे, और अपने पवित्र आत्मा को मुझ से अलग न कर।
Psalms 51:12 अपने किए हुए उद्धार का हर्ष मुझे फिर से दे, और उदार आत्मा देकर मुझे सम्भाल।
Psalms 51:13 तब मैं अपराधियों को तेरा मार्ग सिखाऊंगा, और पापी तेरी ओर फिरेंगे।
Psalms 51:14 हे परमेश्वर, हे मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर, मुझे हत्या के अपराध से छुड़ा ले, तब मैं तेरे धर्म का जयजयकार करने पाऊंगा।
Psalms 51:15 हे प्रभु, मेरा मुंह खोल दे तब मैं तेरा गुणानुवाद कर सकूंगा।
Psalms 51:16 क्योंकि तू मेलबलि से प्रसन्न नहीं होता, नहीं तो मैं देता; होमबलि से भी तू प्रसन्न नहीं होता।
Psalms 51:17 टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।
Psalms 51:18 प्रसन्न हो कर सिय्योन की भलाई कर, यरूशलेम की शहरपनाह को तू बना,
Psalms 51:19 तब तू धर्म के बलिदानों से अर्थात सर्वांग पशुओं के होमबलि से प्रसन्न होगा; तब लोग तेरी वेदी पर बैल चढ़ाएंगे।
एक साल में बाइबल:
- भजन 81-83
- रोमियों 11:19-36
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