वह पुरानी कहावत, "सही समय ही सब कुछ है" बिल्कुल सटीक है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस का गल्तिया के मसीही विश्वासियों को लिखी पत्री कहा गया कथन, "परन्तु जब समय पूरा हुआ, तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा...." (गल्तियों 4:4) मेरे अन्दर बहुत कौतहूल जगाता है।
संसार के इतिहास पर एक झलक डालने से समझ आता है कि प्रभु यीशु का जन्म वास्तव में बिल्कुल सही वक्त पर हुआ था। उनके जन्म से सदियों पहले सिकन्दर ने ग्रीस (यूनान) से निकलकर ज्ञात संसार के अधिकांश भाग को जीत लीया था और इससे उन सब स्थानों पर यूनानी भाषा और सभ्यता का एकीकृत करने वाला प्रभाव आ गया था। सिकन्दर की मृत्योप्रांत रोमी साम्राज्य ने अपना दबदबा कायम करना आरंभ किया और यूनानी सभ्यता तथा भाषा के एक जुट कर देने वाले प्रभाव को और आगे बढ़ाया। रोमी साम्राज्य में कैदियों को क्रूस द्वारा मृत्यु दण्ड देने की प्रथा आरंभ हुई, जो रोमी साम्राज्य के आरंभ होने के सैंकड़ों वर्ष पहले बाइबल में प्रभु यीशु से संबंधित भविष्यवाणियों में प्रभु की मृत्यु के लिए लिखी गई थी, और उसी के अनुसार क्रूस पर मसीह यीशु का बलिदान हुआ और फिर वह मृतकों में से जी उठा, जिसका उल्लेख उस समय के इतिहसकारों ने भी किया है। रोमी साम्राज्य के समय में ही प्रभु यीशु के सन्देश को सारे संसार में पहुँचाने के लिए उपयुक्त संसाधन - अच्छी सड़कें, सभी जगहों पर अधिकांशतः एक ही भाषा का प्रयोग और एक ही साम्राज्य होने के कारण देश तथा इलाके के सीमाओं को बिना प्रतिबंध पार करने की सुविधा, तैयार और लागू हुए। परमेश्वर के इंतिज़ाम ने अपने पुत्र को संसार के उद्धारकर्ता और मुक्तिदाता के रूप में भेजने के लिए सारी तैयारी करवा कर ही उसे संसार में अपना उद्देश्य पूरा करने के लिए भेजा।
हर बात, हर कार्य के लिए परमेश्वर का समय सिद्ध है। हो सकता है कि आज आप किसी बात को लेकर चिंतित हों, विचार कर रहे हों कि क्यों परमेश्वर आपके हित में कार्यवाही नहीं कर रहा है; लेकिन यह कभी ना भूलें कि चाहे दिखाई ना दे, प्रतीत ना हो, किंतु परमेश्वर पृष्ठभूमि में सदा कार्यरत रहता है जिससे सही समय पर अपने कार्य को आपके सामने प्रकट करे। उस पर विश्वास रखें, उसे पता है कि कब क्या और कैसे करना है; उसका समय सिद्ध है। - जो स्टोवैल
हे प्रभु हमें धैर्य रखने का अनुशासन सिखा, क्योंकि धैर्य के साथ प्रतीक्षा करना कार्य करने से अधिक कठिन होता है। - मार्शल
और कहा, समय पूरा हुआ है, और परमेश्वर का राज्य निकट आ गया है; मन फिराओ और सुसमाचार पर विश्वास करो। - मर्कुस 1:15
बाइबल पाठ: गल्तियों 3:26-4:7
Galatians 3:26 क्योंकि तुम सब उस विश्वास करने के द्वारा जो मसीह यीशु पर है, परमेश्वर की सन्तान हो।
Galatians 3:27 और तुम में से जितनों ने मसीह में बपतिस्मा लिया है उन्होंने मसीह को पहिन लिया है।
Galatians 3:28 अब न कोई यहूदी रहा और न यूनानी; न कोई दास, न स्वतंत्र; न कोई नर, न नारी; क्योंकि तुम सब मसीह यीशु में एक हो।
Galatians 3:29 और यदि तुम मसीह के हो, तो इब्राहीम के वंश और प्रतिज्ञा के अनुसार वारिस भी हो।
Galatians 4:1 मैं यह कहता हूं, कि वारिस जब तक बालक है, यद्यपि सब वस्तुओं का स्वामी है, तौभी उस में और दास में कुछ भेद नहीं।
Galatians 4:2 परन्तु पिता के ठहराए हुए समय तक रक्षकों और भण्डारियों के वश में रहता है।
Galatians 4:3 वैसे ही हम भी, जब बालक थे, तो संसार की आदि शिक्षा के वश में हो कर दास बने हुए थे।
Galatians 4:4 परन्तु जब समय पूरा हुआ, तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा, जो स्त्री से जन्मा, और व्यवस्था के आधीन उत्पन्न हुआ।
Galatians 4:5 ताकि व्यवस्था के आधीनों को मोल ले कर छुड़ा ले, और हम को लेपालक होने का पद मिले।
Galatians 4:6 और तुम जो पुत्र हो, इसलिये परमेश्वर ने अपने पुत्र के आत्मा को, जो हे अब्बा, हे पिता कह कर पुकारता है, हमारे हृदय में भेजा है।
Galatians 4:7 इसलिये तू अब दास नहीं, परन्तु पुत्र है; और जब पुत्र हुआ, तो परमेश्वर के द्वारा वारिस भी हुआ।
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल 22-23
- 1पतरस 1
dhanyawaad - bible in hindi- great! kya yeh anuwaad aapne khud kiya hai?
जवाब देंहटाएंjaari rakheen