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रविवार, 31 जनवरी 2016

पछतावा


   क्या कभी आप ने खरीददारी के पछतावे का अनुभव किया है? मैंने किया है। कभी कभी कोई नई चीज़ खरीदने से ठीक पहले मेरे अन्दर कुछ नया पा लेने की उत्तेजना होती है, लेकिन उसे खरिद लेने के बाद पछतावे का भाव मुझे अभिभूत कर देता है; मैं सोचने लगता हूँ, क्या वास्तव में मुझे इस चीज़ की आवश्यकता थी? क्या मुझे इतना पैसा इस एक चीज़ पर लगा देना चाहिए था? लेकिन तब तक यह सब सोचने का समय निकल चुका होता है, अब आगे मुझे अपने निर्णय और उसके परिणामों को निभाना ही पड़ता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में उत्पत्ति के 3 अध्याय में हम ऐसे अपरिवर्तनीय पछतावे की पहली घटना का वर्णन पाते हैं। सारी बात का आरंभ हुआ जब सर्प का रूप लेकर आए धूर्त शैतान ने सब्ज़-बाग़ दिखाकर हमारी आदि माता हव्वा के मन में परमेश्वर के वचन के प्रति संदेह उत्पन्न किया (पद 1); फिर उसके मन में उत्पन्न इस असमंजस के समय में उसने परमेश्वर के चरित्र पर संदेह करवाया (पद 4-5) और हव्वा को विश्वास दिलाया उसकी बात मान लेने से हव्वा की आँखें खुल जाएंगी और वह परमेश्वर के तुल्य हो जाएगी (पद 7-8)।

   शैतान की बातों के बहकावे से अपने मन में जागृत लालसा में आकर हव्वा ने परमेश्वर द्वारा वर्जित वह फल स्वयं भी खाया तथा अपने पति आदम को भी खिलाया। शैतान के बहकावे में आकर किए गए कार्य से उस प्रथम आदमी और औरत की आँखें तो अवश्य खुल गईं, लेकिन वे परमेश्वर के तुल्य होने की बजाए परमेश्वर से दूर हो गए, उससे छिपने लगे। उन्हें वह तो नहीं मिला जिसकी उन्हें आशा थी परन्तु वह मिला जिसकी उन्हें ज़रा सी भनक भी नहीं थी: आदम और हव्वा द्वारा परमेश्वर की इस अनाज्ञाकारिता के कारण पाप को मानव जाति और संसार में प्रवेश करने का अवसर मिल गया, जिसके परिणाम तब उन्होंने भोगे और तब से हम सभी आज तक भोगते रहे हैं।

   पाप के दुषपरिणाम बहुत गंभीर हैं; पाप सदा ही अपने शिकार को परमेश्वर से दूर करता और दूर रखता भी है। लेकिन परमेश्वर ने अपने अनुग्रह में आदम और हव्वा को चमड़े के वस्त्र पहनाए (पद 21) और आने वाले समय में मनुष्यों को पाप की पकड़ से निकाल कर पुनः परमेश्वर के पास लौटा लाने का मार्ग प्रदान करने वाले मसीहा - प्रभु यीशु मसीह का वायदा भी दिया।

   जैसे परमेश्वर ने तब आदम और हव्वा को चमड़े के वस्त्र प्रदान किए, आज प्रभु यीशु हमें अपनी धार्मिकता के वस्त्र प्रदान करता है। जो कोई प्रभु यीशु से पापों की क्षमा मांगकर अपना जीवन उसे समर्पित करता है उसे फिर पाप के दुषपरिणामों के पछतावे में रहने की कोई आवश्यकता नहीं रहती। - पोह फ़ैंग चिया


मसीह यीशु का क्रूस परमेश्वर की वह धार्मिकता दिखाता है जिसे परमेश्वर ने समस्त मानव जाति के लिए दिया है। 

परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। सो जब कि हम, अब उसके लोहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे? क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे? - रोमियों 5:8-10

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 3:1-21
Genesis 3:1 यहोवा परमेश्वर ने जितने बनैले पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था, और उसने स्त्री से कहा, क्या सच है, कि परमेश्वर ने कहा, कि तुम इस बाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना? 
Genesis 3:2 स्त्री ने सर्प से कहा, इस बाटिका के वृक्षों के फल हम खा सकते हैं। 
Genesis 3:3 पर जो वृक्ष बाटिका के बीच में है, उसके फल के विषय में परमेश्वर ने कहा है कि न तो तुम उसको खाना और न उसको छूना, नहीं तो मर जाओगे। 
Genesis 3:4 तब सर्प ने स्त्री से कहा, तुम निश्चय न मरोगे, 
Genesis 3:5 वरन परमेश्वर आप जानता है, कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आंखें खुल जाएंगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्वर के तुल्य हो जाओगे। 
Genesis 3:6 सो जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उस में से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया। 
Genesis 3:7 तब उन दोनों की आंखे खुल गई, और उन को मालूम हुआ कि वे नंगे है; सो उन्होंने अंजीर के पत्ते जोड़ जोड़ कर लंगोट बना लिये। 
Genesis 3:8 तब यहोवा परमेश्वर जो दिन के ठंडे समय बाटिका में फिरता था उसका शब्द उन को सुनाई दिया। तब आदम और उसकी पत्नी बाटिका के वृक्षों के बीच यहोवा परमेश्वर से छिप गए। 
Genesis 3:9 तब यहोवा परमेश्वर ने पुकार कर आदम से पूछा, तू कहां है? 
Genesis 3:10 उसने कहा, मैं तेरा शब्द बारी में सुन कर डर गया क्योंकि मैं नंगा था; इसलिये छिप गया। 
Genesis 3:11 उसने कहा, किस ने तुझे चिताया कि तू नंगा है? जिस वृक्ष का फल खाने को मैं ने तुझे बर्जा था, क्या तू ने उसका फल खाया है? 
Genesis 3:12 आदम ने कहा जिस स्त्री को तू ने मेरे संग रहने को दिया है उसी ने उस वृक्ष का फल मुझे दिया, और मैं ने खाया। 
Genesis 3:13 तब यहोवा परमेश्वर ने स्त्री से कहा, तू ने यह क्या किया है? स्त्री ने कहा, सर्प ने मुझे बहका दिया तब मैं ने खाया। 
Genesis 3:14 तब यहोवा परमेश्वर ने सर्प से कहा, तू ने जो यह किया है इसलिये तू सब घरेलू पशुओं, और सब बनैले पशुओं से अधिक शापित है; तू पेट के बल चला करेगा, और जीवन भर मिट्टी चाटता रहेगा: 
Genesis 3:15 और मैं तेरे और इस स्त्री के बीच में, और तेरे वंश और इसके वंश के बीच में बैर उत्पन्न करुंगा, वह तेरे सिर को कुचल डालेगा, और तू उसकी एड़ी को डसेगा। 
Genesis 3:16 फिर स्त्री से उसने कहा, मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दु:ख को बहुत बढ़ाऊंगा; तू पीड़ित हो कर बालक उत्पन्न करेगी; और तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी, और वह तुझ पर प्रभुता करेगा। 
Genesis 3:17 और आदम से उसने कहा, तू ने जो अपनी पत्नी की बात सुनी, और जिस वृक्ष के फल के विषय मैं ने तुझे आज्ञा दी थी कि तू उसे न खाना उसको तू ने खाया है, इसलिये भूमि तेरे कारण शापित है: तू उसकी उपज जीवन भर दु:ख के साथ खाया करेगा: 
Genesis 3:18 और वह तेरे लिये कांटे और ऊंटकटारे उगाएगी, और तू खेत की उपज खाएगा ; 
Genesis 3:19 और अपने माथे के पसीने की रोटी खाया करेगा, और अन्त में मिट्टी में मिल जाएगा; क्योंकि तू उसी में से निकाला गया है, तू मिट्टी तो है और मिट्टी ही में फिर मिल जाएगा। 
Genesis 3:20 और आदम ने अपनी पत्नी का नाम हव्वा रखा; क्योंकि जितने मनुष्य जीवित हैं उन सब की आदिमाता वही हुई। 
Genesis 3:21 और यहोवा परमेश्वर ने आदम और उसकी पत्नी के लिये चमड़े के अंगरखे बना कर उन को पहिना दिए।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 25-26
  • मत्ती 20:17-34


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