गुफाओं में रहने वाले प्राचीन लोगों को लेकर बनाए गए एक चलचित्र में, ग्रग क्रूड नामक एक परिवार का मुख्या यह मान कर रहता है कि उसकी गुफा के बाहर और कोई सुरक्षित स्थान नहीं है; रात के समय वे सब एक साथ सिमट कर रहते हैं जिससे ग्रग उन्हें सुरक्षा प्रदान कर सके। ग्रग चाहता है कि उसकी युवा पुत्री इधर-उधर घूमने और नई चीज़ें देखने की अपनी प्रवृत्ति बदल ले क्योंकि इस से खतरा ही हो सकता है। अपने परिवार से ग्रग का कहना है, "सदा भयभीत रहो।"
प्रभु यीशु ने अपने चेलों से सदा ही कहा कि वे भयभीत नहीं हों। यह बात प्रभु ने शिमोन से कही (लूका 5:10) जब प्रभु ने उसे अपने पीछे हो लेने के लिए बुलाया। जब अराधनालय का सरदार, याईर, अपनी मरणासन पुत्री के जीवन की माँग लेकर प्रभु यीशु के पास आया तो प्रभु ने उसे भी इन्हीं शब्दों के साथ आश्वस्त किया (लूका 8:50)।
परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका द्वारा लिखित प्रभु यीशु के जीवन-वृतान्त में लूका 12 अध्याय में प्रभु ने अपने चेलों को सिखाया कि कैसे परमेश्वर उनकी चिंता एवं देख-भाल करता है, इसलिए उन्हें भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है (लूका 12:7)। मृतकों में से अपने पुनरुत्थान के बाद कब्र पर आई हुई स्त्रियों से भी उसने यही कहा, "मत डरो! (मत्ती 28:10)।
भयभीत होना एक सर्वव्यापी भावना है। हम अपने प्रीय जनों को लेकर चिंतित होते हैं; अपनी आवश्यकताओं तथा अज्ञात भविष्य के लिए आशंकित होते हैं। संसार की दुविधाओं, परिस्थितियों और परेशानियों में हम कैसे विश्वास में बने रहना तथा भयभीत ना होना सीख सकते हैं? प्रभु परमेश्वर ने स्वयं ही हमें इसका आधार दिया है, जिससे हम उस पर अपना भरोसा बनाए रख सकें: "तुम्हारा स्वभाव लोभरहित हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है" (इब्रानियों 13:5-6)। - ऐनी सेटास
परमेश्वर का प्रेम हमें हर एक भय की कैद से स्वतंत्र करता है।
इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे। और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्व में फंसे थे, उन्हें छुड़ा ले। - इब्रानियों 2:14-15
बाइबल पाठ: लूका 12:4-7, 12:22-32
Luke 12:4 परन्तु मैं तुम से जो मेरे मित्र हो कहता हूं, कि जो शरीर को घात करते हैं परन्तु उसके पीछे और कुछ नहीं कर सकते उन से मत डरो।
Luke 12:5 मैं तुम्हें चिताता हूं कि तुम्हें किस से डरना चाहिए, घात करने के बाद जिस को नरक में डालने का अधिकार है, उसी से डरो: वरन मैं तुम से कहता हूं उसी से डरो।
Luke 12:6 क्या दो पैसे की पांच गौरैयां नहीं बिकतीं? तौभी परमेश्वर उन में से एक को भी नहीं भूलता।
Luke 12:7 वरन तुम्हारे सिर के सब बाल भी गिने हुए हैं, सो डरो नहीं, तुम बहुत गौरैयों से बढ़कर हो।
Luke 12:22 फिर उसने अपने चेलों से कहा; इसलिये मैं तुम से कहता हूं, अपने प्राण की चिन्ता न करो, कि हम क्या खाएंगे; न अपने शरीर की कि क्या पहिनेंगे।
Luke 12:23 क्योंकि भोजन से प्राण, और वस्त्र से शरीर बढ़कर है।
Luke 12:24 कौवों पर ध्यान दो; वे न बोते हैं, न काटते; न उन के भण्डार और न खत्ता होता है; तौभी परमेश्वर उन्हें पालता है; तुम्हारा मूल्य पक्षियों से कहीं अधिक है।
Luke 12:25 तुम में से ऐसा कौन है, जो चिन्ता करने से अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है?
Luke 12:26 इसलिये यदि तुम सब से छोटा काम भी नहीं कर सकते, तो और बातों के लिये क्यों चिन्ता करते हो?
Luke 12:27 सोसनों के पेड़ों पर ध्यान करो कि वे कैसे बढ़ते हैं; वे न परिश्रम करते, न कातते हैं: तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे वैभव में, उन में से किसी एक के समान वस्त्र पहने हुए न था।
Luke 12:28 इसलिये यदि परमेश्वर मैदान की घास को जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा पहिनाता है; तो हे अल्प विश्वासियों, वह तुम्हें क्यों न पहिनाएगा?
Luke 12:29 और तुम इस बात की खोज में न रहो, कि क्या खाएंगे और क्या पीएँगे, और न सन्देह करो।
Luke 12:30 क्योंकि संसार की जातियां इन सब वस्तुओं की खोज में रहती हैं: और तुम्हारा पिता जानता है, कि तुम्हें इन वस्तुओं की आवश्यकता है।
Luke 12:31 परन्तु उसके राज्य की खोज में रहो, तो ये वस्तुऐं भी तुम्हें मिल जाएंगी।
Luke 12:32 हे छोटे झुण्ड, मत डर; क्योंकि तुम्हारे पिता को यह भाया है, कि तुम्हें राज्य दे।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति 27-28
- मत्ती 8:18-34
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