मेरे मित्र ग्रीष्म ऋतु के लिए सब्ज़ियाँ उगाने की योजनाएं बना रहे हैं, उन्हें लागू कर रहे हैं। कुछ ने शीघ्र आरंभ के लिए घरों के अन्दर ही बीज बो कर पौध उगाना आरंभ कर दिया है, जहाँ बीजों के अंकुरित होने के लिए वे सबसे उपयुक्त वातावरण को बना तथा नियंत्रित कर सकते हैं। जब शरद ऋतु के पाले द्वारा अंकुरों को हानि का खतरा टल जाएगा तब वे उन पौधों को बाहर ज़मीन में बनी क्यारियों में लगा देंगे। एक बार पौधे उगने लगें, फिर उनकी देखभाल करने, समय से उन्हें पर्याप्त रीति से सींचने, खाद डालने, जंगली पौधों को निकालने, कीट तथा जानवरों से उनका बचाव करने, आदि का समय आरंभ हो जाता है। भोजन वस्तु को उगाना बड़ी मेहनत का कार्य है।
परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि मूसा के द्वारा परमेश्वर ने इस्त्राएलियों को इस बात का स्मरण दिलाया। जब वे इस्त्राएली मिस्त्र में दासत्व में थे तो उन्हें अपने हाथों से फसल की सींचाई करनी पड़ती थी (व्यवस्थाविवरण 11:10)। परन्तु परमेश्वर जिस स्थान पर बसाने के लिए उन्हें लेकर जा रहा था, वहाँ के लिए उसने उनसे वायदा किया था कि उनके इस परिश्रम को हलका करेगा, उन्हें समयानुसार वर्षा देगा: "मैं तुम्हारे देश में बरसात के आदि और अन्त दोनों समयों की वर्षा को अपने अपने समय पर बरसाऊंगा, जिस से तू अपना अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल संचय कर सकेगा" (व्यवस्थाविवरण 11:14)। परमेश्वर ने ऐसा करने के लिए केवल एक ही शर्त रखी थी, "और यदि तुम मेरी आज्ञाओं को जो आज मैं तुम्हें सुनाता हूं ध्यान से सुनकर, अपने सम्पूर्ण मन और सारे प्राण के साथ, अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखो और उसकी सेवा करते रहो" (व्यवस्थाविवरण 11:13)। प्रभु परमेश्वर अपने लोगों को एक ऐसे स्थान पर ले जा रहा था जहाँ उनकी आज्ञाकारिता और परमेश्वर की आशीष मिलकर अन्य लोगों के लिए जीवन का प्रकाश बन जाएंगे।
आज भी परमेश्वर हम मसीही विश्वासियों के द्वारा यही प्रयोजन रखता है; वह चाहता है कि उसके प्रति हमारा प्रेम, उसके वचन के प्रति हमारी आज्ञाकारिता के द्वारा प्रगट हो, जिससे उसकी आशीषों से परिपूर्ण होकर हमारे जीवन औरों को परमेश्वर की ओर आकर्षित करने वाली ज्योति बन जाएं। वह चाहता है कि संसार हमारे जीवनों से देखे कि वो हमारा सृष्टिकर्ता ही नहीं वरन पालनहार भी है, और हम सब के लिए अनन्त आनन्द के जीवन की ज्योति तथा मार्ग भी। - जूली ऐकैरमैन लिंक
परमेश्वर से प्रेम करने से जीवन सरल नहीं हो जाता;
परन्तु उसकी सामर्थ्य से सहज अवश्य हो जाता है।
यीशु ने उसको उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे। - यूहन्ना 14:23
बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 11:8-15
Deuteronomy 11:8 इस कारण जितनी आज्ञाएं मैं आज तुम्हें सुनाता हूं उन सभों को माना करना, इसलिये कि तुम सामर्थी हो कर उस देश में जिसके अधिकारी होने के लिये तुम पार जा रहे हो प्रवेश कर के उसके अधिकारी हो जाओ,
Deuteronomy 11:9 और उस देश में बहुत दिन रहने पाओ, जिसे तुम्हें और तुम्हारे वंश को देने की शपथ यहोवा ने तुम्हारे पूर्वजों से खाई थी, और उस में दूध और मधु की धाराएं बहती हैं।
Deuteronomy 11:10 देखो, जिस देश के अधिकारी होने को तुम जा रहे हो वह मिस्र देश के समान नहीं है, जहां से निकलकर आए हो, जहां तुम बीज बोते थे और हरे साग के खेत की रीति के अनुसार अपने पांव की नलियां बनाकर सींचते थे;
Deuteronomy 11:11 परन्तु जिस देश के अधिकारी होने को तुम पार जाने पर हो वह पहाड़ों और तराईयों का देश है, और आकाश की वर्षा के जल से सिंचता है;
Deuteronomy 11:12 वह ऐसा देश है जिसकी तेरे परमेश्वर यहोवा को सुधि रहती है; और वर्ष के आदि से ले कर अन्त तक तेरे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि उस पर निरन्तर लगी रहती है।
Deuteronomy 11:13 और यदि तुम मेरी आज्ञाओं को जो आज मैं तुम्हें सुनाता हूं ध्यान से सुनकर, अपने सम्पूर्ण मन और सारे प्राण के साथ, अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखो और उसकी सेवा करते रहो,
Deuteronomy 11:14 तो मैं तुम्हारे देश में बरसात के आदि और अन्त दोनों समयों की वर्षा को अपने अपने समय पर बरसाऊंगा, जिस से तू अपना अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल संचय कर सकेगा।
Deuteronomy 11:15 और मैं तेरे पशुओं के लिये तेरे मैदान में घास उपजाऊंगा, और तू पेट भर खाएगा और सन्तुष्ट रहेगा।
एक साल में बाइबल:
- 1 राजा 1-2
- लूका 19:28-48
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