ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 2 मई 2017

पीढ़ी


   बच्चों का अपने माता-पिता के परमेश्वर में विश्वास के उदाहरण का अनुसरण न करना आश्चर्यजनक हो सकता है। ऐसे ही अनेपक्षित उस व्यक्ति का मसीह यीशु में विश्वास तथा प्रतिबध्ता होती है जो किसी ऐसे परिवार से आया है जहाँ यह विश्वास कभी था ही नहीं। प्रत्येक पीढ़ी के प्रत्येक जन के पास इस विश्वास के प्रति निर्णय लेने के लिए चुनाव करने की स्वतंत्रता होती है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि शमूएल परमेश्वर का महान जन था, जिसने अपने दो बेटों, योएल और अबिय्याह को इस्त्राएल पर अगुवे बनाकर नियुक्त किया (1 शमूएल 8:1-2)। परन्तु अपने पिता के चरित्र के विपरीत वे दोनों भ्रष्ट थे: "परन्तु उसके पुत्र उसकी राह पर न चले, अर्थात लालच में आकर घूस लेते और न्याय बिगाड़ते थे" (1 शमूएल 8:3)। लेकिन फिर भी कई वर्ष पश्चात हम पाते हैं कि योएल का पुत्र हेमन को परमेश्वर के भवन में संगीतज्ञ नियुक्त किया गया (1 इतिहास 6:31-33)। शमूएल का पोता हेमन, और उसका प्रमुख सहायक आसप - जिसने अनेक भजनों की रचना की - परमेश्वर के भवन में स्तुतिगान के द्वारा परमेश्वर की सेवकाई करते थे (1 इतिहास 15:16-17)।

   चाहे कोई व्यक्ति अपने माता-पिता के लिए अत्यंत मूल्यवान मसीही विश्वास के प्रति उदासीन भी रहे, तो भी इससे यह नहीं समझना चाहिए कि परमेश्वर उसके जीवन में कार्यरत नहीं है। बाद के वर्षों में हालात के साथ ही उसका मन भी बदल सकता है और वर्षों पहले बोए गए विश्वास के बीज आने वाली पीढ़ी में अंकुरित हो सकते हैं।

   परिवार की वर्तमान परिस्थिति चाहे जो भी हो, हम मसीही विश्वासी भली-भांति जानते हैं कि, "यहोवा भला है, उसकी करूणा सदा के लिये, और उसकी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है" (भजन 100:5)। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर की विश्वासयोग्यता पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।

इन बातों को जिनकी आज्ञा मैं तुझे सुनाता हूं चित्त लगाकर सुन, कि जब तू वह काम करे जो तेरे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में भला और ठीक है, तब तेरा और तेरे बाद तेरे वंश का भी सदा भला होता रहे। - व्यवस्थाविवरण 12:28

बाइबल पाठ: भजन 100 
Psalms 100:1 हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो! 
Psalms 100:2 आनन्द से यहोवा की आराधना करो! जयजयकार के साथ उसके सम्मुख आओ! 
Psalms 100:3 निश्चय जानो, कि यहोवा ही परमेश्वर है। उसी ने हम को बनाया, और हम उसी के हैं; हम उसकी प्रजा, और उसकी चराई की भेड़ें हैं।
Psalms 100:4 उसके फाटकों से धन्यवाद, और उसके आंगनों में स्तुति करते हुए प्रवेश करो, उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो! 
Psalms 100:5 क्योंकि यहोवा भला है, उसकी करूणा सदा के लिये, और उसकी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 12-13
  • लूका 22:1-20


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें