मैं खीज कर चिल्ला उठी, "मैं किसी की नौकरानी नहीं हूँ!" उस प्रातः मेरे परिवार की माँगें कुछ अधिक ही लग रही थीं; मैं अपने पति की नीली टाई ढूँढ़ने के साथ-साथ, रो रहे शिशु को दूध पिला रही थी और अपने 2 वर्षीय बच्चे के खोए हुए खिलौने को पलंग के नीचे से निकालने का प्रयास भी कर रही थी।
उसी दिन, बाद में जब मैं परमेश्वर के वचन बाइबल को पढ़ रही थी तो मेरे सामने यह पद आया: "क्योंकि बड़ा कौन है; वह जो भोजन पर बैठा या वह जो सेवा करता है? क्या वह नहीं जो भोजन पर बैठा है? पर मैं तुम्हारे बीच में सेवक की नाईं हूं" (लूका 22:27)।
प्रभु यीशु को अपने शिष्यों के पाँव धोने की कोई आवश्यकता नहीं थी, परन्तु उन्होंने यह किया (यूहन्ना 13:5); इस काम को करने के लिए सेवक होते थे, परन्तु प्रभु यीशु ने स्वयं शिष्यों की सेवा करना चुना। आज का समाज इस बात पर ज़ोर देता है कि हमारा कोई उच्च-स्तर हो, हम भी कुछ हों। हमें सबसे अच्छा मेहनताना देने वाली नौकरियाँ, कंपनी में सर्वोच्च स्थान, चर्च में वर्चस्व चाहिए। लेकिन हम चाहे जिस भी पद पर हों, अपने तथा समस्त संसार के उध्दारकर्ता के उदाहरण से सेवा करने की शिक्षा ले सकते हैं।
हम जीवन में विभिन्न भूमिकाएं निभाते हैं - माता-पिता, सन्तान, मित्र, कार्यकर्ता, अगुवे, या विद्यार्थी। प्रश्न यह है: क्या हम इन भिन्न भूमिकाओं को सेवभाव के साथ निभाते हैं? चाहे मेरी दैनिक दिनचर्या थका देने वाली होती है, मैं धन्यवादी हूँ कि मेरा स्वामी-परमेश्वर मेरे साथ रहता है, मेरी सहायता और मार्गदर्शन करता है, क्योंकि मैं उसका अनुसरण करना चाहती हूँ, स्वेच्छा से लोगों की सेवा करना चाहती हूँ।
परमेश्वर करे कि हम अपने प्रभु यीशु के समान सेवक बनकर उसके लिए एक सजीव उदाहरण बनें; क्योंकि इसका प्रतिफल महान है (लूका 22:30)। - कीला ओकोआ
प्रभु यीशु के समान होने के लिए हम में
उसके समान सेवक का सा आचरण होना चाहिए।
यीशु ने उन्हें पास बुलाकर कहा, तुम जानते हो, कि अन्य जातियों के हाकिम उन पर प्रभुता करते हैं; और जो बड़े हैं, वे उन पर अधिकार जताते हैं। परन्तु तुम में ऐसा न होगा; परन्तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने। और जो तुम में प्रधान होना चाहे वह तुम्हारा दास बने। जैसे कि मनुष्य का पुत्र, वह इसलिये नहीं आया कि उस की सेवा टहल करी जाए, परन्तु इसलिये आया कि आप सेवा टहल करे और बहुतों की छुडौती के लिये अपने प्राण दे। - मत्ती 20:25-28
बाइबल पाठ: लूका 22:24-30
Luke 22:24 उन में यह वाद-विवाद भी हुआ; कि हम में से कौन बड़ा समझा जाता है
Luke 22:25 उसने उन से कहा, अन्यजातियों के राजा उन पर प्रभुता करते हैं; और जो उन पर अधिकार रखते हैं, वे उपकारक कहलाते हैं।
Luke 22:26 परन्तु तुम ऐसे न होना; वरन जो तुम में बड़ा है, वह छोटे की नाईं और जो प्रधान है, वह सेवक की नाईं बने।
Luke 22:27 क्योंकि बड़ा कौन है; वह जो भोजन पर बैठा या वह जो सेवा करता है? क्या वह नहीं जो भोजन पर बैठा है? पर मैं तुम्हारे बीच में सेवक की नाईं हूं।
Luke 22:28 परन्तु तुम वह हो, जो मेरी परीक्षाओं में लगातार मेरे साथ रहे।
Luke 22:29 और जैसे मेरे पिता ने मेरे लिये एक राज्य ठहराया है,
Luke 22:30 वैसे ही मैं भी तुम्हारे लिये ठहराता हूं, ताकि तुम मेरे राज्य में मेरी मेज पर खाओ-पिओ; वरन सिंहासनों पर बैठकर इस्त्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करो।
एक साल में बाइबल:
- 1 राजा 14-15
- लूका 22:21-46
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