ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 8 जून 2017

प्रेम


   मैं अकसर अपने आप को उन बीते वर्षों को स्मरण करते हुए पाता हूँ, जब हमारे बच्चे छोटे थे। स्मरण की एक विशेषकर प्रीय बात रहती है उन्हें प्रातः उठाने की दिनचर्या। प्रति प्रातः मैं उनके कमरे में जाता, बड़े प्रेम से उन्हें नाम लेकर बुलाता और उन से कहता कि अब उठने का समय हो गया है, उन्हें उठकर दिन भर के कार्यों के लिए तैयार होना है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी मैं पढ़ता हूँ कि अब्राहम ने भी परमेश्वर की आज्ञा मानने के लिए प्रातः अपने पुत्र को उठाया, और मेरा ध्यान अपने बच्चों को उठाने की अपनी उस दिनचर्या की ओर जाता है, और यह विचार मेरे मन में आता है, क्या अब्राहम के लिए भी प्रति प्रातः अपने बेटे इसहाक को उठाने जाना उसकी दिनचर्या का भाग होता था? साथ ही मैं यह भी सोचता हूँ कि उस प्रातः अब्राहम के लिए यह कितना कठिन तथा हृदय-विदारक रहा होगा कि वह अपने बेटे को इसलिए उठाए क्योंकि परमेश्वर की आज्ञानुसार उसे इसहाक को बलिदान करने ले जाना था।

   लेकिन अब्राहम ने परमेश्वर की आज्ञा को माना; उसने इसहाक को अपने साथ लिया और परमेश्वर के बताए स्थान पर जाकर उसे बाँध कर बलिदान की वेदी पर रख दिया, परन्तु इसहाक के बलिदान हो जाने से एन पहले परमेश्वर ने अब्राहम को रोका और बलिदान के लिए एक मेढ़ा प्रदान कर दिया। इस घटना के सैंकड़ों वर्षों के पश्चात परमेश्वर ने एक और बलिदान का प्रबंध कर के दिया - अन्तिम बलिदान - प्रभु यीशु मसीह, जिसने सारे संसार के सभी लोगों के सभी पापों के लिए अपना जीवन बलिदान किया, और फिर तिसरे दिन मृतकों में से जी उठा।

   थोड़ा विचार कीजिए, परमेश्वर के लिए यह कितना कष्टप्रद रहा होगा कि अपने निर्दोष, निषपाप, निषकलंक पुत्र को पापी मनुष्यों के लिए अति क्रूरता एवं तिरिस्कार के साथ बलिदान हो जाने दे। परन्तु उसने यह इसलिए होने दिया क्योंकि वह आपसे प्रेम करता है और चाहता है कि आप उसके पास आ जाएं, उसके परिवार का भाग, उसकी सन्तान, उसकी आशीषों के पात्र बन जाएं। यदि आप कभी यह सोचें कि "क्या परमेश्वर मुझसे प्रेमा करता है?" या फिर यह कि "क्या कोई मुझसे सच्चा प्रेम करता भी है या नहीं?" तो आपको और कहीं देखने की आवश्यकता नहीं है; आप प्रभु यीशु और क्रुस पर दिए गए उसके बलिदान की ओर देखें तथा उस बलिदान पर विचार कर लें - उत्तर स्वतः ही आपके समक्ष होगा। - जो स्टोवैल


परमेश्वर ने आपके प्रति अपने प्रेम का प्रमाण पहले से ही दे रखा है।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 22:1-14
Genesis 22:1 इन बातों के पश्चात ऐसा हुआ कि परमेश्वर ने, इब्राहीम से यह कहकर उसकी परीक्षा की, कि हे इब्राहीम: उसने कहा, देख, मैं यहां हूं। 
Genesis 22:2 उसने कहा, अपने पुत्र को अर्थात अपने एकलौते पुत्र इसहाक को, जिस से तू प्रेम रखता है, संग ले कर मोरिय्याह देश में चला जा, और वहां उसको एक पहाड़ के ऊपर जो मैं तुझे बताऊंगा होमबलि कर के चढ़ा।
Genesis 22:3 सो इब्राहीम बिहान को तड़के उठा और अपने गदहे पर काठी कसकर अपने दो सेवक, और अपने पुत्र इसहाक को संग लिया, और होमबलि के लिये लकड़ी चीर ली; तब कूच कर के उस स्थान की ओर चला, जिसकी चर्चा परमेश्वर ने उस से की थी। 
Genesis 22:4 तीसरे दिन इब्राहीम ने आंखें उठा कर उस स्थान को दूर से देखा। 
Genesis 22:5 और उसने अपने सेवकों से कहा गदहे के पास यहीं ठहरे रहो; यह लड़का और मैं वहां तक जा कर, और दण्डवत कर के, फिर तुम्हारे पास लौट आऊंगा। 
Genesis 22:6 सो इब्राहीम ने होमबलि की लकड़ी ले अपने पुत्र इसहाक पर लादी, और आग और छुरी को अपने हाथ में लिया; और वे दोनों एक साथ चल पड़े। 
Genesis 22:7 इसहाक ने अपने पिता इब्राहीम से कहा, हे मेरे पिता; उसने कहा, हे मेरे पुत्र, क्या बात है उसने कहा, देख, आग और लकड़ी तो हैं; पर होमबलि के लिये भेड़ कहां है? 
Genesis 22:8 इब्राहीम ने कहा, हे मेरे पुत्र, परमेश्वर होमबलि की भेड़ का उपाय आप ही करेगा। 
Genesis 22:9 सो वे दोनों संग संग आगे चलते गए। और वे उस स्थान को जिसे परमेश्वर ने उसको बताया था पहुंचे; तब इब्राहीम ने वहां वेदी बनाकर लकड़ी को चुन चुनकर रखा, और अपने पुत्र इसहाक को बान्ध के वेदी पर की लकड़ी के ऊपर रख दिया। 
Genesis 22:10 और इब्राहीम ने हाथ बढ़ाकर छुरी को ले लिया कि अपने पुत्र को बलि करे। 
Genesis 22:11 तब यहोवा के दूत ने स्वर्ग से उसको पुकार के कहा, हे इब्राहीम, हे इब्राहीम; उसने कहा, देख, मैं यहां हूं। 
Genesis 22:12 उसने कहा, उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उस से कुछ कर: क्योंकि तू ने जो मुझ से अपने पुत्र, वरन अपने एकलौते पुत्र को भी, नहीं रख छोड़ा; इस से मैं अब जान गया कि तू परमेश्वर का भय मानता है।
Genesis 22:13 तब इब्राहीम ने आंखे उठाई, और क्या देखा, कि उसके पीछे एक मेढ़ा अपने सींगो से एक झाड़ी में बंझा हुआ है: सो इब्राहीम ने जाके उस मेंढ़े को लिया, और अपने पुत्र की सन्ती होमबलि कर के चढ़ाया। 
Genesis 22:14 और इब्राहीम ने उस स्थान का नाम यहोवा यिरे रखा: इसके अनुसार आज तक भी कहा जाता है, कि यहोवा के पहाड़ पर उपाय किया जाएगा। 

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 30-31
  • यूहन्ना 18:1-18


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें