ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 3 अक्तूबर 2017

क्षमा


   क्या आप ने कभी ऐसा अनुभव किया है कि आपके द्वारा किए गए किसी निन्दनीय, लज्जाजनक, या आपराधिक कार्य के कारण आपका जीवन बर्बाद हो गया है - और फिर आपकी आँख खुल जाए और आपको पता चले कि यह केवल एक स्वप्न ही था? लेकिन यदि यह एक दुःस्वप्न न हो तो? यदि यह परिस्थिति आपके लिए या आपके किसी प्रीय जन के लिए वास्तविक हो, तो? जॉर्ज मैक्डॉनल्ड के 19वीं शताब्दी में लिखे उपन्यास, The Curate's Awakening में इसी परिस्थिति का सामना किया गया है। यह उपन्यास एक ऐसे पादरी की कहानी है जिसे यह एहसास होता है कि वह एक ऐसे परमेश्वर के पक्ष में बोलता आया है, जिसके विषय उसे यह भी निश्चित नहीं है कि वह वास्तव में उस परमेश्वर में विश्वास रखता है। आगे चलकर उसे एक ऐसे नवयुवक के पास बुलाया जाता है जो उसके द्वारा की गई एक हत्या के कारण अपना मानसिक संतुलन खोता जा रहा है और मरने को हैं।

   इसके बाद होने वाले हृदय-विदारक संघर्ष में वह पादरी उसे पाता है जिसकी हम सब को आवश्यकता है। एक दुःस्वप्न से उठ जाने पर मिलने वाली राहत उस शान्ति और आनन्द के सामने कुछ भी नहीं है जो हमें परमेश्वर की क्षमा की वास्तविकता को पा लेने से होती है, ऐसी क्षमा जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सक्ते थे, जिसके सत्य होने के विषय हम सोच भी नहीं सकते थे।

   हमें यह हमारे लिए अति आवश्यक क्षमा कहाँ मिलेगी? यह क्षमा हमें प्रभु यीशु मसीह में मिलती है; उस प्रभु से जिसने उन लोगों के लिए जो उसे क्रूस पर ठोकते हुए उसका उपहास कर रहे थे परमेश्वर से प्रार्थना में क्षमा माँगी (लूका 23:34), तथा स्वयं उस मरते हुए डाकू से, जो उसकी ओर सहायता के लिए मुड़ा, कहा: "...मैं तुझ से सच कहता हूं; कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा" (लूका 23:43)। - मार्ट डीहॉन


हम अपनी किसी योग्यता द्वारा नहीं परन्तु परमेश्वर के अनुग्रह द्वारा बचाए जाते हैं।

क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे। - इफिसियों 2:8-9

बाइबल पाठ: लूका 23:33-43
Luke 23:33 जब वे उस जगह जिसे खोपड़ी कहते हैं पहुंचे, तो उन्होंने वहां उसे और उन कुकिर्मयों को भी एक को दाहिनी और और दूसरे को बाईं और क्रूसों पर चढ़ाया। 
Luke 23:34 तब यीशु ने कहा; हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहें हैं और उन्होंने चिट्ठियां डालकर उसके कपड़े बांट लिए। 
Luke 23:35 लोग खड़े खड़े देख रहे थे, और सरदार भी ठट्ठा कर कर के कहते थे, कि इस ने औरों को बचाया, यदि यह परमेश्वर का मसीह है, और उसका चुना हुआ है, तो अपने आप को बचा ले। 
Luke 23:36 सिपाही भी पास आकर और सिरका देकर उसका ठट्ठा कर के कहते थे। 
Luke 23:37 यदि तू यहूदियों का राजा है, तो अपने आप को बचा। 
Luke 23:38 और उसके ऊपर एक पत्र भी लगा था, कि यह यहूदियों का राजा है। 
Luke 23:39 जो कुकर्मी लटकाए गए थे, उन में से एक ने उस की निन्‍दा कर के कहा; क्या तू मसीह नहीं तो फिर अपने आप को और हमें बचा। 
Luke 23:40 इस पर दूसरे ने उसे डांटकर कहा, क्या तू परमेश्वर से भी नहीं डरता? तू भी तो वही दण्‍ड पा रहा है। 
Luke 23:41 और हम तो न्यायानुसार दण्‍ड पा रहे हैं, क्योंकि हम अपने कामों का ठीक फल पा रहे हैं; पर इस ने कोई अनुचित काम नहीं किया। 
Luke 23:42 तब उसने कहा; हे यीशु, जब तू अपने राज्य में आए, तो मेरी सुधि लेना। 
Luke 23:43 उसने उस से कहा, मैं तुझ से सच कहता हूं; कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 17-19
  • इफिसियों 5:17-33


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें