संभव है कि आपने उस छोटे लड़के का वीडियो देखा है जिसे पता चलता है कि उसे एक छोटी बहन मिलने वाली है, और वह निराश होकर कहता है, "बस सदा लड़कियाँ, लड़कियाँ, और लड़कियाँ ही होता है।" यह मानवीय अपेक्षाओं की एक दिलचस्प झलक तो है, परन्तु निराशा में कुछ भी हास्यसपद नहीं होता है। निराशा हमारे संसार में भरी पड़ी है।
परमेश्वर के वचन बाइबल का एक घटनाक्रम है जिसमें निराशा भरी हुई है। याकूब ने अपने मामा और स्वामी की बेटी राहेल से विवाह करने हेतु, उसके लिए सात वर्ष तक कार्य करना स्वीकार कर लिया। परन्तु ऐसा करने के पश्चात, राहेल के पिता ने राहेल के स्थान पर उसकी बड़ी बहन लीआ: का धोखे से याकूब के साथ विवाह कर दिया, और याकूब को यह बात अगले दिन प्रातः पता चली। हम याकूब की निराशा की ओर तो ध्यान केंद्रित करते हैं, परन्तु ज़रा लीआ: के बारे में भी तो विचार करें - उसे कैसा लगा होगा! जब उसे उस व्यक्ति से विवाह करने के लिए बाध्य किया गया जो न तो उसे साथ रखना चाहता था और न ही उससे प्रेम करता था, तो लीया की कितनी आशाएं और विवाहित जीवन से संबंधित उसके कितने सपने धाराशायी हो गए होंगे।
बाइबल में भजन 37:4 में लिखा है, "यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को पूरा करेगा।" क्या हम यह मान कर चलें कि परमेश्वर का भय मानने वाले लोग कभी निराश नहीं होते हैं? ऐसा नहीं है; यह भजन स्पष्ट दिखाता है कि भजनकार ने अपने चारों ओर निराशाओं को देखा था। परन्तु उसने दीर्घकालीन दृष्टिकोण अपनाया, और आगे कहा, "यहोवा के साम्हने चुपचाप रह, और धीरज से उसका आसरा रख" (पद 7)। उसका निष्कर्ष था, "परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे" (पद 11)।
याकूब की कहानी में हम देखते हैं कि अन्ततः याकूब ने लीआ: को अधिक आदर दिया, और उसे अब्राहम, सारा, इसहाक और रिबका के संग पारिवारिक कब्रगाह में दफनाया (उत्पत्ति 49:31)। हम यह भी देखते हैं कि आगे चलकर लीआ: - जिसे लगता था कि उससे कोई प्रेम नहीं करता है, उसी की सन्तानों के वंश में से परमेश्वर ने सारे जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह को संसार में भेजा। प्रभु यीशु जो न्याय बहाल करता है, आशा को पुनःस्थापित करता है, और हमारे सोच से भी कहीं बढ़कर एक मीरास हमें देता है। - टिम गुस्टाफसन
प्रभु यीशु ही एकमात्र ऐसा मित्र है जो कभी निराश नहीं करता है।
यहोवा की बाट जोहता रह, और उसके मार्ग पर बना रह, और वह तुझे बढ़ाकर पृथ्वी का अधिकारी कर देगा; जब दुष्ट काट डाले जाएंगे, तब तू देखेगा। - भजन 37:34
बाइबल पाठ: उत्पत्ति 29:13-30
Genesis 29:13 अपने भानजे याकूब का समाचार पाते ही लाबान उस से भेंट करने को दौड़ा, और उसको गले लगाकर चूमा, फिर अपने घर ले आया। और याकूब ने लाबान से अपना सब वृत्तान्त वर्णन किया।
Genesis 29:14 तब लाबान ने याकूब से कहा, तू तो सचमुच मेरी हड्डी और मांस है। सो याकूब एक महीना भर उसके साथ रहा।
Genesis 29:15 तब लाबान ने याकूब से कहा, भाईबन्धु होने के कारण तुझ से सेंतमेंत सेवा कराना मुझे उचित नहीं है, सो कह मैं तुझे सेवा के बदले क्या दूं?
Genesis 29:16 लाबान के दो बेटियां थी, जिन में से बड़ी का नाम लिआ: और छोटी का राहेल था।
Genesis 29:17 लिआ: के तो धुन्धली आंखे थी, पर राहेल रूपवती और सुन्दर थी।
Genesis 29:18 सो याकूब ने, जो राहेल से प्रीति रखता था, कहा, मैं तेरी छोटी बेटी राहेल के लिये सात बरस तेरी सेवा करूंगा।
Genesis 29:19 लाबान ने कहा, उसे पराए पुरूष को देने से तुझ को देना उत्तम होगा; सो मेरे पास रह।
Genesis 29:20 सो याकूब ने राहेल के लिये सात बरस सेवा की; और वे उसको राहेल की प्रीति के कारण थोड़े ही दिनों के बराबर जान पड़े।
Genesis 29:21 तब याकूब ने लाबान से कहा, मेरी पत्नी मुझे दे, और मैं उसके पास जाऊंगा, क्योंकि मेरा समय पूरा हो गया है।
Genesis 29:22 सो लाबान ने उस स्थान के सब मनुष्यों को बुला कर इकट्ठा किया, और उनकी जेवनार की।
Genesis 29:23 सांझ के समय वह अपनी बेटी लिआ: को याकूब के पास ले गया, और वह उसके पास गया।
Genesis 29:24 और लाबान ने अपनी बेटी लिआ: को उसकी दासी होने के लिये अपनी दासी जिल्पा दी।
Genesis 29:25 भोर को मालूम हुआ कि यह तो लिआः है, सो उसने लाबान से कहा यह तू ने मुझ से क्या किया है? मैं ने तेरे साथ रहकर जो तेरी सेवा की, सो क्या राहेल के लिये नहीं की? फिर तू ने मुझ से क्यों ऐसा छल किया है?
Genesis 29:26 लाबान ने कहा, हमारे यहां ऐसी रीति नहीं, कि जेठी से पहिले दूसरी का विवाह कर दें।
Genesis 29:27 इसका सप्ताह तो पूरा कर; फिर दूसरी भी तुझे उस सेवा के लिये मिलेगी जो तू मेरे साथ रह कर और सात वर्ष तक करेगा।
Genesis 29:28 सो याकूब ने ऐसा ही किया, और लिआ: के सप्ताह को पूरा किया; तब लाबान ने उसे अपनी बेटी राहेल को भी दिया, कि वह उसकी पत्नी हो।
Genesis 29:29 और लाबान ने अपनी बेटी राहेल की दासी होने के लिये अपनी दासी बिल्हा को दिया।
Genesis 29:30 तब याकूब राहेल के पास भी गया, और उसकी प्रीति लिआ: से अधिक उसी पर हुई, और उसने लाबान के साथ रहकर सात वर्ष और उसकी सेवा की।
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल 22-23
- 1 पतरस 1
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