रूसी लेखक फोएडर दोस्तोवस्की ने कहा, “किसी
समाज की सभ्यता को उसके कैदखानों में जाने से पहचाना जा सकता है।” इस बात को ध्यान
में रखते हुए मैंने एक लेख पढ़ा “सँसार के 8 सबसे खतरनाक कैदखाने।” इनमें से एक
कैदखाना ऐसा है जिसमें का प्रत्येक कैदी एकांत कारावास में रखा गया है।
हम मनुष्यों को, समाज में रहने और परस्पर संबंध
रखने के लिए बनाया गया है, न कि एकांत के लिए। इसीलिए एकांत कारावास इतना कठोर
दण्ड है।
क्रूस पर चढ़ाए जाने के पश्चात प्रभु यीशु का
परमेश्वर पिता से अनन्त संबंध का टूटना, उस परिस्थिति का वह एकांत उनकी सबसे भयानक
वेदना थी; और इसीलिए, “तीसरे पहर के निकट यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, एली, एली, लमा शबक्तनी अर्थात
हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू
ने मुझे क्यों छोड़ दिया?” (मत्ती 27:46)। हमारे पापों के
बोझ तले दबे हुए उन्होंने हर पीड़ा को सहा और अपना जीवन बलिदान किया। वहाँ क्रूस पर
मसीह यीशु अचानक ही अकेले, त्यागे हुए, परमेश्वर के साथ अपने संबंध से कटे हुए हो
गए। परन्तु उनकी इस एकांत की यातना सहन करने से हम मनुष्यों के लिए परमेश्वर पिता
से यह प्रतिज्ञा मिली: “...उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा”
(इब्रानियों 13:5)।
प्रभु यीशु ने क्रूस पर त्यागे जाने की और शारीरिक
पीड़ा को सहा ताकि हम मनुष्यों को कभी परमेश्वर का त्यागा हुआ न रहना पड़े। आज भी प्रभु
यीशु के बलिदान में लाया गया विश्वास, उसके नाम में सच्चे मन से किया गया पापों से
पश्चाताप, आपको त्यागे हुए से सदा काल के लिए परमेश्वर का अपनाया हुआ बना देगा। -
बिल क्राउडर
जो
प्रभु यीशु के हो गए हैं वे कभी अकेले नहीं हो सकते हैं।
परन्तु
जितनों ने उसे ग्रहण किया,
उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13
बाइबल
पाठ: भजन 22:1-10
Psalms 22:1 हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया? तू मेरी पुकार से और
मेरी सहायता करने से क्यों दूर रहता है? मेरा उद्धार कहां है?
Psalms 22:2 हे मेरे परमेश्वर, मैं दिन को पुकारता हूं
परन्तु तू उत्तर नहीं देता; और रात को भी मैं चुप नहीं रहता।
Psalms 22:3 परन्तु हे तू जो इस्राएल की स्तुति के सिहांसन पर विराजमान है,
तू तो पवित्र है।
Psalms 22:4 हमारे पुरखा तुझी पर भरोसा रखते थे; वे भरोसा
रखते थे, और तू उन्हें छुड़ाता था।
Psalms 22:5 उन्होंने तेरी दोहाई दी और तू ने उन को छुड़ाया वे तुझी पर भरोसा
रखते थे और कभी लज्जित न हुए।
Psalms 22:6 परन्तु मैं तो कीड़ा हूं, मनुष्य नहीं; मनुष्यों में मेरी नामधराई है, और लोगों में मेरा
अपमान होता है।
Psalms 22:7 वह सब जो मुझे देखते हैं मेरा ठट्ठा करते हैं, और
ओंठ बिचकाते और यह कहते हुए सिर हिलाते हैं,
Psalms 22:8 कि अपने को यहोवा के वश में कर दे वही उसको छुड़ाए, वह उसको उबारे क्योंकि वह उस से प्रसन्न है।
Psalms 22:9 परन्तु तू ही ने मुझे गर्भ से निकाला; जब मैं
दूधपिउवा बच्च था, तब ही से तू ने मुझे भरोसा रखना सिखलाया।
Psalms 22:10 मैं जन्मते ही तुझी पर छोड़ दिया गया, माता के
गर्भ ही से तू मेरा ईश्वर है।
एक
साल में बाइबल:
- न्यायियों 11-12
- लूका 6:1-26
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें