सेना का काफिला चलने के लिए तैयार था, एक
युवा सैनिक अपने दल का नेतृत्व करने वाले सार्जेंट की गाड़ी पर गया और तेज़ी से उसकी
गाड़ी की खिड़की थपथपाने लगा। सार्जेंट ने गाड़ी का शीशा नीचा करके उससे पूछा “क्या
हुआ?” सैनिक ने कहा, “आपको वह बात करनी है,” सार्जेंट ने पूछा, “कौन सी बात?”
सैनिक बोला, “वही जो आप करते हैं।” तब सार्जेंट को ध्यान आया कि वह हमेशा चलने से
पहले दल की सुरक्षा और सहायता के लिए प्रार्थना करता था किन्तु आज करना भूल गया था।
इसलिए वह गाड़ी से निकला, अपने साथी सैनिकों के लिए प्रार्थना की, और तब वह दल
रवाना हुआ। उस सैनिक ने अपने दल के अगुवे की प्रार्थनाओं के महत्व को समझा था।
प्राचीन यहूदा में, परमेश्वर के वचन बाइबल
में लिखा है, राजा अबिय्याह में कोई विशेषता नहीं थी, वरन 1 राजा 15:3 में उसके
लिए लिखा हुआ है, “वह वैसे ही पापों की लीक पर चलता रहा जैसे उसके पिता ने उस
से पहिले किए थे और उसका मन अपने परमेश्वर यहोवा की ओर अपने परदादा दाऊद के समान
पूरी रीति से सिद्ध न था”। परन्तु जब यहूदा को इसराएल के विरुद्ध युद्ध का
सामना करना पड़ा, और यहूदा की सेना इस्राएल से आधी थी, तो अबिय्याह को इस बात का भरोसा
था कि सच्चा जीवता परमेश्वर, जिस की उसके राज्य के विश्वासी लोग उपासना करते आए थे
(2 इतिहास 13:10-12), वही उनकी सहायता करेगा। इस्राएल के दस गोत्रों ने परमेश्वर
के याजकों (पुरोहितों) को अपने राज्य में से निकाल दिया था और अन्य देवी-देवताओं
की उपासना करने लग गए थे, परन्तु यहूदा के गोत्र परमेश्वर के प्रति वफादार बने रहे
थे।
निःसंदेह, अबिय्याह के अनैतिक व्यवहार एवँ कार्यों
ने बहुत हानि की थी; परन्तु उसे भली-भांति पता था कि संकट के समय किस के पास जाना
है। उसका भरोसा सही था, और इस्राएल की अपने से दोगुनी सेना पर यहूदा की सेना ने विजय
प्राप्त की, “...यहूदी इस कारण प्रबल हुए कि उन्होंने अपने पितरों के परमेश्वर
यहोवा पर भरोसा रखा था” (पद 18)। जो कोई हमारे प्रभु परमेश्वर के पास भरोसे के
साथ आता है, परमेश्वर उसे कभी निराश नहीं करता है। - टिम गुस्ताफ्सन
जो कोई
उसकी ओर भरोसे का साथ मुड़ेगा, परमेश्वर उसे कभी मुँह नहीं मोड़ेगा।
जो कुछ
पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न
निकालूंगा। - यूहन्ना 6:37
बाइबल पाठ:
2 इतिहास 13:10-18
2
Chronicles 13:10 परन्तु हम लोगों का परमेश्वर यहोवा है और हम ने
उसको नहीं त्यागा, और हमारे पास यहोवा की सेवा टहल करने वाले
याजक हारून की सन्तान और अपने अपने काम में लगे हुए लेवीय हैं।
2
Chronicles 13:11 और वे नित्य सवेरे और सांझ को यहोवा के लिये
होमबलि और सुगन्धद्रव्य का धूप जलाते हैं, और शुद्ध मेज पर
भेंट की रोटी सजाते और सोने की दीवट और उसके दीपक सांझ-सांझ को जलाते हैं; हम तो अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं को मानते रहते हैं, परन्तु तुम ने उसको त्याग दिया है।
2
Chronicles 13:12 और देखो, हमारे संग हमारा प्रधान
परमेश्वर है, और उसके याजक तुम्हारे विरुद्ध सांस बान्धकर
फूंकने को तुरहियां लिये हुए भी हमारे साथ हैं। हे इस्राएलियो अपने पूर्वजों के
परमेश्वर यहोवा से मत लड़ो, क्योंकि तुम कृतार्थ न होगे।
2
Chronicles 13:13 परन्तु यारोबाम ने घातकों को उनके पीछे भेज दिया,
वे तो यहूदा के साम्हने थे, और घातक उनके पीछे
थे।
2
Chronicles 13:14 और जब यहूदियों ने पीछे को मुंह फेरा, तो देखा कि हमारे आगे और पीछे दोनों ओर से लड़ाई होने वाली है; तब उन्होंने यहोवा की दोहाई दी, और याजक तुरहियों को
फूंकने लगे।
2
Chronicles 13:15 तब यहूदी पुरुषों ने जयजयकार किया, और जब यहूदी पुरुषों ने जयजयकार किया, तब परमेश्वर
ने अबिय्याह और यहूदा के साम्हने, यारोबाम और सारे
इस्राएलियों को मारा।
2
Chronicles 13:16 और इस्राएली यहूदा के साम्हने से भागे, और परमेश्वर ने उन्हें उनके हाथ में कर दिया।
2
Chronicles 13:17 और अबिय्याह और उसकी प्रजा ने उन्हें बड़ी मार से
मारा, यहां तक कि इस्राएल में से पांच लाख छंटे हुए पुरुष
मारे गए।
2 Chronicles
13:18 उस समय तो इस्राएली दब गए, और यहूदी इस
कारण प्रबल हुए कि उन्होंने अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा पर भरोसा रखा था।
एक
साल में बाइबल:
- भजन 100-102
- 1कुरिन्थियों 1
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