हम एटलांटिक सिटी में सागर के किनारे के
मार्ग पर टहल रहे थे कि एक छोटा लड़का दौड़ता हुआ आया और हम पर साबुन के पानी के
बुलबुलों की बौछार करता हुआ चला गया। उस कठिन दिन में यह मेरे तथा मेरे पति,
कार्ल, के लिए एक हल्का और आनंदायक क्षण था। हम इस शहर में कार्ल की बहन और बहनोई
से मिलने आए थे जो दोनों ही अस्वस्थ थे, बहनोई तो अस्पताल में भर्ती था। जब हम उन
परिस्थितियों से हटकर बाहर टहलने निकले, तब हम अपने परिवार की आवश्यकताओं तथा
परेशानियों को लेकर थोड़ा अभिभूतित थे।
और तभी वे बुलबुले हम पर आ गए, एक छोटे लडके
द्वारा ऐसे ही उड़ा दिए गए बुलबुले – परन्तु मेरे लिए उनका विशेष महत्व था। मुझे
साबुन के पानी के बुलबुले उड़ाना बहुत पसन्द है, और मैं अपने दफतर में भी एक बोतल
में बुलबुले बनाने का पानी और सामान रखती हूँ; और जब कभी कठिन परिस्थितियों से
निकलती हूँ तो अपने आप को हल्का करने के लिए मैं बुलबुले उड़ाती हूँ।
उस दिन उन बुलबुलों और विशाल एटलांटिक सागर
ने मुझे स्मरण करवाया कि मैं किस पर भरोसा कर सकती हूँ: परमेश्वर पर जो सदा मेरे
साथ रहता है। वह बहुत सामर्थी है; वह सदा देखभाल करता रहता है; और वह हमारे छोटे
से छोटे अनुभव को भी हमें यह स्मरण करवाने के लिए प्रयोग कर सकता है कि हमारे साथ
हमारी कठिनाइयों और परिस्थितियों में भी बनी रहने वाली उसकी उपस्थिति अनुग्रह के विशाल
सागर के समान है।
एक ऐसा दिन भी आएगा जब हमारी ये कठिनाइयाँ
और परेशानियां, अनन्तकाल की तुलना में उन बुलबुलों के समान क्षणिक और महत्वहीन
लगेंगी, क्योंकि परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि , “और हम तो देखी हुई
वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु
अनदेखी वस्तुएं सदा बनी रहती हैं” (2 कुरिन्थियों
4:18)। - ऐनी सेटास
परीक्षाओं
की मरुभूमि में प्रभु यीशु हमें अनुग्रह का सागर उपलब्ध करवाता है।
क्योंकि हम
रूप को देखकर नहीं,
पर विश्वास से चलते हैं। - 2 कुरिन्थियों 5:7
बाइबल पाठ:
2 कुरिन्थियों 4:7-18
2
Corinthians 4:7 परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा
है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे।
2
Corinthians 4:8 हम चारों ओर से क्लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते।
2
Corinthians 4:9 सताए तो जाते हैं; पर त्यागे
नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश
नहीं होते।
2
Corinthians 4:10 हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये
फिरते हैं; कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो।
2
Corinthians 4:11 क्योंकि हम जीते जी सर्वदा यीशु के कारण मृत्यु के
हाथ में सौंपे जाते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारे मरनहार शरीर में प्रगट हो।
2
Corinthians 4:12 सो मृत्यु तो हम पर प्रभाव डालती है और जीवन तुम
पर।
2
Corinthians 4:13 और इसलिये कि हम में वही विश्वास की आत्मा है,
(जिस के विषय मे लिखा है, कि मैं ने विश्वास किया,
इसलिये मैं बोला) सो हम भी विश्वास करते हैं, इसी
लिये बोलते हैं।
2
Corinthians 4:14 क्योंकि हम जानते हैं, जिसने
प्रभु यीशु को जिलाया, वही हमें भी यीशु में भागी जानकर
जिलाएगा, और तुम्हारे साथ अपने साम्हने उपस्थित करेगा।
2
Corinthians 4:15 क्योंकि सब वस्तुएं तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक हो कर परमेश्वर की महिमा के लिये
धन्यवाद भी बढ़ाए।
2
Corinthians 4:16 इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है।
2
Corinthians 4:17 क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे
लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है।
2
Corinthians 4:18 और हम तो देखी हुई वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी
वस्तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएं थोड़े
ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएं सदा बनी रहती हैं।
एक
साल में बाइबल:
- भजन 146-147
- 1 कुरिन्थियों 15:1-28
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