हमने
एक भोज का आयोजन किया, जिसमें पाँच देशों के निवासियों के परिवार हमारे साथ भोजन
करने के लिए सम्मिलित हुए, और वह हमारे लिए एक अद्भुत यादगार है। भोज के समय हमारे
वार्तालाप में सभी सम्मिलित हुए, यह वार्तालाप एक या दो तक ही सीमित नहीं रहा।
उपस्थित सभी लोगों ने लंडन शहर में जीवन के प्रति, उनके विभिन्न देशों से होने के
परिदृश्य में होकर, अपने विचारों को साझा किया। उस संध्या की समाप्ति के बाद, मेरे
पति और मैंने अनुभव किया कि हमने जितना दिया था, उससे कहीं अधिक हमें मिल गया था,
जिसमें नए मित्र बनाने और भिन्न संसकृतियों के विषय सीखने से संबंधित भावनाओं का
स्नेहिल एहसास भी था।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में इब्रानियों को लिखी पत्री के अन्त में लेखक सामाजिक जीवन से
संबंधित कुछ बातों के विषय कुछ निर्देश देता है, जिनमें से एक है कि उसके पाठक
अतिथिसत्कार में लगे रहें। क्योंकि इस सेवा में “इस के द्वारा कितनों ने अनजाने
स्वर्गदूतों की पहुनाई की है” (13:2)। संभव है कि लेखक के मन में अब्राहम और
सारा का विचार हो, जिनके विषय हम उत्पत्ति 18:1-14 में देखते हैं कि उन्होंने कुछ
अजनबियों का अपने निवास-स्थान में स्वागत किया, उनकी पहुनाई की, उन्हें उत्तम भोजन
खिलाया। वे नहीं जानते थे कि वे स्वर्गदूतों की पहुनाई कर रहे हैं, जो उनके लिए
आशीष का सन्देश लेकर आए थे।
हम
लोगों को अपने घरों में, उनसे कुछ प्राप्त करने के लिए स्वागत नहीं करते हैं,
परन्तु बहुधा हम पहुनाई के द्वारा जितना देते हैं, उससे अधिक प्राप्त कर लेते हैं।
प्रभु परमेश्वर के नाम में लोगों का स्वागत और पहुनाई करने के द्वारा हम प्रभु के
प्रेम को औरों तक पहुँचने का माध्यम बनते हैं; स्वागत और पहुनाई में लगे रहें। -
एमी बाउचर पाई
जब हम पहुनाई करते हैं, हम परमेश्वर की
भलाई और उपहारों को बांटते हैं।
भाईचारे की प्रीति बनी रहे। पहुनाई करना न
भूलना, क्योंकि इस के द्वारा कितनों ने अनजाने स्वर्गदूतों
की पहुनाई की है। - इब्रानियों 13:1-2
बाइबल पाठ: उत्पत्ति 18:1-14
Genesis 18:1 इब्राहीम माम्रे के बांजो के
बीच कड़ी धूप के समय तम्बू के द्वार पर बैठा हुआ था, तब
यहोवा ने उसे दर्शन दिया:
Genesis 18:2 और उसने आंख उठा कर दृष्टि की
तो क्या देखा, कि तीन पुरूष उसके साम्हने खड़े हैं: जब उसने
उन्हे देखा तब वह उन से भेंट करने के लिये तम्बू के द्वार से दौड़ा, और भूमि पर गिरकर दण्डवत की और कहने लगा,
Genesis 18:3 हे प्रभु, यदि मुझ पर तेरी अनुग्रह की दृष्टि है तो मैं बिनती करता हूं, कि अपने दास के पास से चले न जाना।
Genesis 18:4 मैं थोड़ा सा जल लाता हूं और
आप अपने पांव धोकर इस वृक्ष के तले विश्राम करें।
Genesis 18:5 फिर मैं एक टुकड़ा रोटी ले
आऊं और उस से आप अपने जीव को तृप्त करें; तब उसके पश्चात आगे
बढें: क्योंकि आप अपने दास के पास इसी लिये पधारे हैं। उन्होंने कहा, जैसा तू कहता है वैसा ही कर।
Genesis 18:6 सो इब्राहीम ने तम्बू में
सारा के पास फुर्ती से जा कर कहा, तीन सआ मैदा फुर्ती से
गून्ध, और फुलके बना।
Genesis 18:7 फिर इब्राहीम गाय बैल के
झुण्ड में दौड़ा, और एक कोमल और अच्छा बछड़ा ले कर अपने सेवक
को दिया, और उसने फुर्ती से उसको पकाया।
Genesis 18:8 तब उसने मक्खन, और दूध, और वह बछड़ा, जो उसने
पकवाया था, ले कर उनके आगे परोस दिया; और
आप वृक्ष के तले उनके पास खड़ा रहा, और वे खाने लगे।
Genesis 18:9 उन्होंने उस से पूछा, तेरी पत्नी सारा कहां है? उसने कहा, वह तो तम्बू में है।
Genesis 18:10 उसने कहा मैं वसन्त ऋतु में
निश्चय तेरे पास फिर आऊंगा; और तब तेरी पत्नी सारा के एक
पुत्र उत्पन्न होगा। और सारा तम्बू के द्वार पर जो इब्राहीम के पीछे था सुन रही
थी।
Genesis 18:11 इब्राहीम और सारा दोनो बहुत
बूढ़े थे; और सारा का स्त्रीधर्म बन्द हो गया था
Genesis 18:12 सो सारा मन में हंस कर कहने
लगी, मैं तो बूढ़ी हूं, और मेरा पति भी
बूढ़ा है, तो क्या मुझे यह सुख होगा?
Genesis 18:13 तब यहोवा ने इब्राहीम से कहा,
सारा यह कहकर क्यों हंसी, कि क्या मेरे,
जो ऐसी बुढिय़ा हो गई हूं, सचमुच एक पुत्र
उत्पन्न होगा?
Genesis 18:14 क्या यहोवा के लिये कोई काम
कठिन है? नियत समय में, अर्थात वसन्त
ऋतु में, मैं तेरे पास फिर आऊंगा, और
सारा के पुत्र उत्पन्न होगा।
एक साल में बाइबल:
- गिनती 34-36
- मरकुस 9:30-50
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