ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 6 जुलाई 2019

पहल



      हमने अनाथालय से एक लड़के को गोद लिया और उसे अपना पुत्र बनाकर हमारे परिवार में उसके नए जीवन के अनुकूल बनने में उसकी सहायता और मार्गदर्शन करने लगे। अनाथालय में उसके जीवन के आरंभिक दिनों में मिले मानसिक आघात उसके अंदर से कुछ नकारात्मक व्यवहार को उत्पन्न कर रहे थे। यद्यपि जीवन के आरंभिक समय में उसके द्वारा झेली गई उन कठिनाईयों के प्रति मुझे बहुत अनुकम्पा थी, परन्तु उसके उन नकारात्मक व्यवहारों के कारण मुझे लगने लगा कि मैं उससे कुछ दूरी बनाने लगी हूँ। मुझे अपने इस रवैये पर ग्लानि हुई और मैंने उसके मानसिक चिकित्सिक के साथ अपनी यह व्यथा साझा की। उस चिकित्सक के कोमल किन्तु सटीक उत्तर ने तुरंत ही मुझे सही रास्ता दिखाया; उस का परामर्श था, “उसे आपकी पहल की आवश्यकता है...आपको पहल करके उसे दिखाना होगा कि वह जैसा भी है, आपके प्रेम के योग्य है और आप व्यवाहारिक रीति से वास्तव में उससे प्रेम करती हैं; तब ही वह प्रेम के व्यवहार को जानने, समझने, और सीखने पाएगा।”

      परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित यूहन्ना अपनी पत्रियों के पाठकों को प्रेम की अद्भुत गहराईयों में ले जाता है, और परमेश्वर के प्रेम को एक दूसरे के प्रति प्रेम का स्त्रोत और कारण दिखाता है (1 यूहन्ना 4:7, 11)। मैं मानती हूँ कि मैं औरों के प्रति, वे चाहे अजनबी हों, या मित्रगण, अथवा मेरे बच्चे, बहुधा ऐसा प्रेम नहीं दिखाने पाती हूँ। परन्तु यूहन्ना के शब्द मेरे अन्दर ऐसा करने के प्रयास को पुनः करने और ऐसा करने के योग्य बनने को प्रेरित करते हैं – क्योंकि मेरे प्रति प्रेम करने और दिखाने की पहल परमेश्वर ने की। परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा कि हमारे प्रति अपने प्रेम की भरपूरी उसमें होकर प्रगट करे। मैं परमेश्वर की बहुत कृतज्ञ हूँ कि वह हमारे प्रति वैसा रवैया नहीं रखता है, जैसा हम रखने की प्रवृत्ति रखते हैं – दूरी बना लेने का; परमेश्वर हमसे कभी दूर नहीं होता है।

      यद्यपि हमारे पापमय व्यवहार परमेश्वर के प्रेम को तो आकर्षित नहीं करते हैं, परन्तु फिर भी वह अपने प्रेम को सदा हमें प्रदान करता रहता है (रोमियों 5:8)। परमेश्वर द्वारा की गई “पहल” हमें बाध्य करती है कि उसके उस प्रेम के प्रत्युत्तर में हम एक दूसरे के प्रति भी प्रेम रखें। - कर्स्टन होल्मबर्ग


परमेश्वर ने हमसे पहले प्रेम किया जिससे हम औरों से प्रेम कर सकें।

परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। - रोमियों 5:8

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 4:7-21
1 John 4:7 हे प्रियों, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है।
1 John 4:8 जो प्रेम नहीं रखता, वह परमेश्वर को नहीं जानता है, क्योंकि परमेश्वर प्रेम है।
1 John 4:9 जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, वह इस से प्रगट हुआ, कि परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को जगत में भेजा है, कि हम उसके द्वारा जीवन पाएं।
1 John 4:10 प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्वर ने प्रेम किया; पर इस में है, कि उसने हम से प्रेम किया; और हमारे पापों के प्रायश्‍चित्त के लिये अपने पुत्र को भेजा।
1 John 4:11 हे प्रियो, जब परमेश्वर ने हम से ऐसा प्रेम किया, तो हम को भी आपस में प्रेम रखना चाहिए।
1 John 4:12 परमेश्वर को कभी किसी ने नहीं देखा; यदि हम आपस में प्रेम रखें, तो परमेश्वर हम में बना रहता है; और उसका प्रेम हम में सिद्ध हो गया है।
1 John 4:13 इसी से हम जानते हैं, कि हम उस में बने रहते हैं, और वह हम में; क्योंकि उसने अपने आत्मा में से हमें दिया है।
1 John 4:14 और हम ने देख भी लिया और गवाही देते हैं, कि पिता ने पुत्र को जगत का उद्धारकर्ता कर के भेजा है।
1 John 4:15 जो कोई यह मान लेता है, कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है: परमेश्वर उस में बना रहता है, और वह परमेश्वर में।
1 John 4:16 और जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, उसको हम जान गए, और हमें उस की प्रतीति है; परमेश्वर प्रेम है: जो प्रेम में बना रहता है, वह परमेश्वर में बना रहता है; और परमेश्वर उस में बना रहता है।
1 John 4:17 इसी से प्रेम हम में सिद्ध हुआ, कि हमें न्याय के दिन हियाव हो; क्योंकि जैसा वह है, वैसे ही संसार में हम भी हैं।
1 John 4:18 प्रेम में भय नहीं होता, वरन सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है, क्योंकि भय से कष्‍ट होता है, और जो भय करता है, वह प्रेम में सिद्ध नहीं हुआ।
1 John 4:19 हम इसलिये प्रेम करते हैं, कि पहिले उसने हम से प्रेम किया।
1 John 4:20 यदि कोई कहे, कि मैं परमेश्वर से प्रेम रखता हूं; और अपने भाई से बैर रखे; तो वह झूठा है: क्योंकि जो अपने भाई से, जिस उसने देखा है, प्रेम नहीं रखता, तो वह परमेश्वर से भी जिसे उसने नहीं देखा, प्रेम नहीं रख सकता।
1 John 4:21 और उस से हमें यह आज्ञा मिली है, कि जो कोई अपने परमेश्वर से प्रेम रखता है, वह अपने भाई से भी प्रेम रखे।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 32-33
  • प्रेरितों 14



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें