वैज्ञानिक समय को लेकर बहुत मीन-मेख निकालने
वाले होते हैं। सन 2016 के अन्त में, मेरीलैंड में स्थित गोडार्ड स्पेस फ्लाईट
सेंटर के लोगों ने वर्ष में एक अतिरिक्त सेकेण्ड जोड़ दिया। इसलिए यदि आपको वह वर्ष
कुछ लंबा लगा हो, तो आप सही थे। उन्होंने ऐसा क्यों किया? क्योंकि पृथ्वी की अपनी
धुरी पर घूमने की गति धीरे-धीरे कम होती जा रही है, इसलिए वर्ष धीरे-धीरे लम्बे
होते जा रहे हैं। जब वैज्ञानिक मनुष्यों द्वारा अंतरिक्ष में छोड़ी गई वस्तुओं की
स्थिति, गति, मार्ग आदि पर ध्यान रखे हैं तो उन्हें मिली-सेकेण्ड तक सही होना पड़ता
है, नहीं तो उन वस्तुओं की एक दूसरे से टकरा जाने की संभावना रहती है। उस सेकेण्ड
को 2016 में जोड़ने के विषय एक वैज्ञानिक ने कहा, “यह इसलिए है जिससे कि हमारे
वस्तुओं को टकराने से बचाने के प्रोग्राम सही कार्य करते रहें।”
हम में से लगभग सभी के लिए एक सेकेण्ड के इधर
या उधर होने से कुछ फर्क नहीं पड़ता है। परन्तु परमेश्वर के वचन बाइबल के अनुसार,
हमारा समय और हम उसका उपयोग कैसे करते हैं, महत्वपूर्ण है। प्रेरित पौलुस ने 1 कुरिन्थियों
7:29 में लिखा, “समय कम है।” हमारे पास परमेश्वर के लिए कार्य करने का समय सीमित
है, इसलिए हमें उसका सदुपयोग करना चाहिए। उसने यह भी कहा कि, “अवसर को बहुमूल्य
समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं”
(इफिसियों 5:16)।
इसका यह अभिप्राय नहीं है कि हमें भी
वैज्ञानिकों के समान प्रत्येक सेकेण्ड का हिसाब और गिनती रखनी चाहिए, परन्तु जब हम
जीवन की अनिश्चितता पर ध्यान करते हैं (भजन 39:4), तो जो समय हमें दिया गया है,
उसके सदुपयोग करने को लेकर सतर्क रहें। - डेव ब्रैनन
समय का निवेश
करें, उसे खर्च मत करें।
तू वचन को
प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब
प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डांट, और समझा। क्योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं
के अनुसार अपने लिये बहुतेरे उपदेशक बटोर लेंगे। - 2 तीमुथियुस 4:2-3
बाइबल पाठ: भजन
39:4-6
भजन संहिता 39:4
हे यहोवा ऐसा कर कि मेरा अन्त मुझे मालुम हो जाए, और यह भी
कि मेरी आयु के दिन कितने हैं; जिस से मैं जान लूं कि कैसा
अनित्य हूं!
भजन संहिता 39:5
देख, तू ने मेरे आयु बालिश्त भर की रखी है, और मेरी अवस्था तेरी दृष्टि में कुछ है ही नहीं। सचमुच सब मनुष्य कैसे ही
स्थिर क्यों न हों तौभी व्यर्थ ठहरे हैं।
भजन संहिता 39:6
सचमुच मनुष्य छाया सा चलता फिरता है; सचमुच वे व्यर्थ घबराते
हैं; वह धन का संचय तो करता है परन्तु नहीं जानता कि उसे कौन
लेगा!
एक साल में
बाइबल:
- 1 शमुएल 30-31
- लूका 13:23-35
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