कल मैंने अपनी पहली संतान, अपनी बड़ी बेटी को, कॉलेज भेजने के लिए उसकी हवाई
यात्रा का टिकट खरीदा। ऐसा करते समय मेरी आँखों से बहकर मेरे कम्प्यूटर के
की-बोर्ड पर गिरते रहने वाले आँसुओं के बाद, मुझे अचरज है कि मेरा की-बोर्ड अभी भी काम कर रहा है। मुझे उसके साथ
बिताए गए अठारह वर्ष का प्रत्येक दिन इतना अच्छा लगता है कि अब उसके चले जाने की
बात सोच कर ही मैं उदास हो जाती हूँ। परन्तु फिर भी केवल इसलिए कि उसकी कमी मुझे बहुत
खलेगी, मैं उसे उसके भविष्य के उन्नति
के अवसरों से वंचित नहीं कर सकती हूँ। उसके जीवन के इस समय में, उसके लिए यह उचित है कि वह अपने जीवन की एक नई
यात्रा आरंभ करे, अपने वयस्क होने को समझे और देश के एक नए भाग को देखे।
जबकि बेटी की परवरिश का यह
समय पूरा हो रहा है, किन्तु साथ ही
एक दूसरा समय भी आरंभ हो रहा है। निःसंदेह, इस नए समय में भी नई चुनौतियां होंगी, और आनन्द के नए अवसर भी होंगे। परमेश्वर के वचन
बाइबल में राजा सुलैमान ने लिखा कि परमेश्वर हर बात के लिए एक समय नियुक्त करता है
(सभोपदेशक 3:1)। हम मनुष्यों के हाथों में अपने जीवनों की घटनाओं पर बहुत कम
नियंत्रण रहता है – वे घटनाएं चाहे हमारे पक्ष में हो अथवा विरोध में। परन्तु
परमेश्वर अपने समय में हर बात को सुन्दर बना कर देता है (सभोपदेशक 3:11)।
दुःख के समयों के लिए भी हम
परमेश्वर पर भरोसा रख सकते हैं कि वह अपने समय में उनसे भी कुछ अच्छा निकाल कर
लाएगा। हमारे आराम और आनन्द के समय आते-जाते रह सकते हैं, परन्तु परमेश्वर के कार्य सदा बने रहेंगे (पद 14)। हमें हर एक समय चाहे
अच्छा न भी लगे, कुछ बहुत दुखद भी
हो सकते हैं, परन्तु परमेश्वर हर
समय में से कुछ अच्छा निकाल सकता है। - कर्स्टन होल्मबर्ग
परमेश्वर हर बात से कुछ मनोहर निकाल लाता है।
और हम जानते हैं, कि जो लोग
परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये
सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28
बाइबल पाठ: सभोपदेशक 3:1-14
सभोपदेशक 3:1 हर एक बात का एक
अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के
नीचे होता है, एक समय है।
सभोपदेशक 3:2 जन्म का समय, और मरने का भी समय; बोने का समय; और बोए हुए को
उखाड़ने का भी समय है;
सभोपदेशक 3:3 घात करने का समय, और चंगा करने का भी समय; ढा देने का समय, और बनाने का भी समय है;
सभोपदेशक 3:4 रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने
का भी समय है;
सभोपदेशक 3:5 पत्थर फेंकने का
समय, और पत्थर बटोरने का भी समय; गले लगाने का समय, और गले लगाने से रुकने का भी समय है;
सभोपदेशक 3:6 ढूंढ़ने का समय, और खो देने का भी समय;
बचा रखने का समय, और फेंक देने का भी समय है;
सभोपदेशक 3:7 फाड़ने का समय, और सीने का भी समय; चुप रहने का समय, और बोलने का
भी समय है;
सभोपदेशक 3:8 प्रेम का समय, और बैर करने का भी समय;
लड़ाई का समय, और मेल का भी समय है।
सभोपदेशक 3:9 काम करने वाले
को अधिक परिश्रम से क्या लाभ होता है?
सभोपदेशक 3:10 मैं ने उस दु:ख
भरे काम को देखा है जो परमेश्वर ने मनुष्यों के लिये ठहराया है कि वे उस में लगे रहें।
सभोपदेशक 3:11 उसने सब कुछ ऐसा
बनाया कि अपने अपने समय पर वे सुन्दर होते है; फिर उसने मनुष्यों के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, तौभी काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, वह आदि से अन्त तक मनुष्य बूझ नहीं सकता।
सभोपदेशक 3:12 मैं ने जान लिया
है कि मनुष्यों के लिये आनन्द करने और जीवन भर भलाई करने के सिवाय, और कुछ भी अच्छा नहीं;
सभोपदेशक 3:13 और यह भी परमेश्वर
का दान है कि मनुष्य खाए-पीए और अपने सब परिश्रम में सुखी रहे।
सभोपदेशक 3:14 मैं जानता हूं कि जो कुछ परमेश्वर करता है वह सदा स्थिर रहेगा; न तो उस में कुछ बढ़ाया जा सकता है और न कुछ घटाया
जा सकता है; परमेश्वर ऐसा इसलिये करता
है कि लोग उसका भय मानें।
- सभोपदेशक 1-3
- 2 कुरिन्थियों 11:16-33
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