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रविवार, 18 अक्तूबर 2020

शान्ति

 

         मेरी तरजनी उँगली में काँटा चुभा, और मैं जोर से चिल्लाया, फिर कराहते हुए अपने हाथ को पीछे खींचा। परन्तु मुझे इस अनुभव के लिए तैयार रहना चाहिए था, इससे चकित नहीं होना चाहिए था। जब मैं एक कंटीली झाड़ी की छंटाई बिना बागबानी वाले दस्ताने पहने हुए कर रहा था, तो यह होने की तो पूरी संभावना थी।

         मेरी उंगली का दर्द और बहता हुआ खून, तुरंत ध्यान दिए जाने की माँग कर रहे थे; और मैं मरहम-पट्टी का सामान खोजने लगा। ऐसा करते समय मुझे अनायास ही अपने उद्धारकर्ता का स्मरण हो आया। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि सिपाहियों ने प्रभु यीशु के सिर पर काँटों का पूरा ताज लगा दिया (यूहन्ना 19:1-3)। यदि एक काँटा इतनी पीड़ा दे सकता है, तो उस ताज से प्रभु को कितनी पीड़ा हुई होगी। और यह तो उस शारीरिक पीड़ा का, जो उसने सही थी, एक अंश मात्र ही था। उसकी पीठ को कोड़ों से बुरी तरह से घायल कर दिया गया; उसके हाथों और पैरों में कीलें ठोकी गईं।

         परन्तु यीशु ने आत्मिक पीड़ा को भी सहा। यशायाह 53:5 में लिखा है, परन्तु वह हमारे ही अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं” यशायाह यहाँ पर जिस शान्ति की बात कर रहा है वह क्षमा देने का ही एक स्वरूप है। प्रभु यीशु ने अपने आप को कीलों और काँटों के ताज से छेदे जाने दिया जिससे परमेश्वर के साथ हम आत्मिक शान्ति की स्थिति में आ सकें। हमारे स्थान पर मृत्यु सह लेने की उसकी स्वीकृति ने हमारे लिए परमेश्वर पिता के साथ संबंध को पुनःस्थापित करना संभव कर दिया। और पवित्र शास्त्र बताता है कि उसने यह सब मेरी और आपकी शान्ति के लिए किया। - एडम होल्ज़

 

प्रभु यीशु ने हमारी शान्ति के लिए स्वयं पीड़ा सह ली।


वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिये हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धार्मिकता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए। - 1 पतरस 2:24

बाइबल पाठ: यशायाह 53:1-6

यशायाह 53:1 जो समाचार हमें दिया गया, उसका किस ने विश्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट हुआ?

यशायाह 53:2 क्योंकि वह उसके सामने अंकुर के समान, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते।

यशायाह 53:3 वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दुःखी पुरुष था, रोग से उसकी जान पहचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना।

यशायाह 53:4 निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा।

यशायाह 53:5 परन्तु वह हमारे ही अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं।

यशायाह 53:6 हम तो सब के सब भेड़ों के समान भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया।

 

 

एक साल में बाइबल: 

  • यशायाह 53-55
  • 2 थिस्सलुनीकियों 1

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