किसी
यात्रा के समय, यह सामान्य है कि यात्रियों में से कोई न कोई यह पूछ ही लेता है, “क्या हम पहुँच गए
हैं?” या फिर, “पहुँचने में अभी और कितनी देर है?” अपनी मंजिल पर पहुँचने के इच्छुक बच्चों या बड़ों के
होंठों से ये सामान्य प्रश्न किसने नहीं सुने होंगे? किन्तु सभी आयु के लोग, ऐसे ही प्रश्न,
जीवन की कभी समाप्त न होने वाली परेशानियों से थक कर भी पूछते हैं।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में भी दाऊद के साथ भजन 13 में हम कुछ ऐसी ही परिस्थिति देखते हैं।
उसने भजन के पहले दो पदों में चार बार विलाप के साथ पूछा, “कब तक” – क्योंकि वह
भुलाया गया, त्यागा हुआ, और पराजित अनुभव कर रहा था। दूसरे पद में वह पूछता है, “मैं कब तक अपने
मन ही मन में युक्तियां करता रहूं, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूं, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल
रहेगा?” इस प्रकार के
विलाप वाले प्रश्नों के भजन हमें परमेश्वर के सामने अपने प्रश्नों के साथ आराधना
करने आने की अनुमति देते हैं। हमारे तनाव और दुःख के समयों में, भला परमेश्वर से
बेहतर और कौन हो सकता है जिसके साथ हम अपने मन की बात बाँट सकें। हम परमेश्वर के
सामने बीमारी के साथ अपने संघर्ष, किसे प्रिय जन के हम से दूर चले जाने, किसी के साथ
संबंधों में खटास आ जाने, आदि सभी बातों को खुल कर कह सकते हैं।
जब
हमारे मनों में प्रश्न होते हैं, तो इससे आराधना रुक नहीं जानी चाहिए। स्वर्ग का
सर्वशक्तिमान परमेश्वर हमें प्रोत्साहित करता है कि हम अपने चिंतित करने वाले
प्रश्नों को लेकर उसके सामने आएँ। संभव है, दाऊद के समान, हमारे प्रश्न ही परमेश्वर
के प्रति भरोसे और स्तुति की विनतियों तथा आराधना की अभिव्यक्तियों में परिवर्तित
हो जाएंगे। - आर्थर जैक्सन
अपने प्रश्नों को परमेश्वर के पास लाएं।
मुझ से प्रार्थना कर और मैं तेरी सुन कर तुझे बढ़ी-बड़ी
और कठिन बातें बताऊंगा जिन्हें तू अभी नहीं समझता। - यिर्मयाह 33:3
बाइबल पाठ: भजन 13
भजन 13:1 हे परमेश्वर तू कब तक?
क्या सदैव
मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा
मुझ से छिपाए रहेगा?
भजन 13:2 मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियां करता रहूं, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूं, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल
रहेगा?
भजन 13:3 हे मेरे परमेश्वर यहोवा मेरी ओर ध्यान दे और मुझे उत्तर दे, मेरी आंखों में ज्योति आने दे, नहीं तो मुझे मृत्यु की नींद
आ जाएगी;
भजन 13:4 ऐसा न हो कि मेरा शत्रु कहे, कि मैं उस पर प्रबल हो गया; और ऐसा न हो कि जब मैं डगमगाने लगूं तो मेरे शत्रु मगन हों।
भजन 13:5 परन्तु मैं ने तो तेरी करुणा पर भरोसा रखा है; मेरा हृदय तेरे उद्धार से मगन होगा।
भजन 13:6 मैं परमेश्वर के नाम का भजन गाऊंगा, क्योंकि उसने मेरी भलाई की है।
एक साल में
बाइबल: उत्पत्ति 43-45; मत्ती 12:24-50
Very Nice your all post. I Love it.
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