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गुरुवार, 22 अप्रैल 2021

सामर्थ्य

 

          चौवन वर्ष की आयु में मैंने लंबी दूरी की दौड़ में भाग लेने का निर्णय लिया; और इस दौड़ के लिए मेरे दो उद्देश्य थे – एक था कि मैं दौड़ को पूरा कर सकूँ, और दूसरा था कि उसे पाँच घंटे के अन्दर पूरा कर सकूँ। मेरा यह कर पाना अद्भुत होता, यदि दौड़ के दूसरे 13.1 कि.मी. का भाग उतना ही अच्छे से पूरा होने पाता जितने अच्छे से पहला भाग पूरा हुआ था। दौड़ बहुत कठिन और थका देने वाली थी, और मैं जिस शक्ति की आशा रखे हुए था, वह मुझ में नहीं थी, और जब तक कि मैंने समापन रेखा को पार किया, मेरा दौड़ना एक पीड़ादायक चलने में बदल चुका था।

          केवल अपने पैरों से दौड़ने के लिए ही शक्ति की आवश्यकता नहीं होती है – जीवन की दौड़ के लिए भी सामर्थ्य चाहिए होता है। थकित और निढाल लोगों को भी परमेश्वर की सामर्थ्य की आवश्यकता होती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह 40:7 में उन लोगों के लिए दिलासा और प्रोत्साहन दिया गया है जिन्हें जीवन के मार्ग पर चलते रहने के लिए  सामर्थ्य की आवश्यकता महसूस हो रही है। बाइबल के शाश्वत शब्द, थके और निराश लोगों को स्मरण करवाते हैं कि प्रभु परमेश्वर हमारी दशा और परिस्थितियों से अनभिज्ञ अथवा उदासीन नहीं है (पद 27)। ये शब्द शान्ति और सांत्वना देते हैं, और हमें परमेश्वर की असीम सामर्थ्य तथा अथाह बुद्धि का स्मरण करवाते हैं (पद 28)।

          पद 29-31 में जिस शक्ति का वर्णन किया गया है, वह हमारे लिए बिलकुल उपयुक्त है। हम चाहे अपने परिवारों की देखभाल और उनके लिए प्रबंधन कर रहे हों, या किसी आर्थिक परेशानी अथवा शारीरिक दुर्बलता से जूझ रहे हों, या किन्हीं संबंधों या आत्मिक चुनौतियों के कारण निराश हों – परमेश्वर की अद्भुत सामर्थ्य हमारे लिए सदा उपलब्ध है – यदि हम प्रार्थना और परमेश्वर के वचन पर मनन करने में लगे रहने के द्वारा उसके समय और तरीके की धैर्य के साथ प्रतीक्षा करते हैं। - आर्थर जैक्सन

 

प्रभु मेरी दुर्बलता और थकान में मुझे अपनी सामर्थ्य से भर दे।


हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। - मत्ती 11:28

बाइबल पाठ: यशायाह 40:27-31

यशायाह 40:27 हे याकूब, तू क्यों कहता है, हे इस्राएल तू क्यों बोलता है, मेरा मार्ग यहोवा से छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता?

यशायाह 40:28 क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का  सृजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है।

यशायाह 40:29 वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ्य देता है।

यशायाह 40:30 तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं;

यशायाह 40:31 परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 शमूएल 14-15
  • लूका 17:1-19

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