ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 16 मई 2021

प्रेम

 

          मैंने अपने पौत्र को उपहार में देने के लिए नर्म रोएँदार कपड़े से बने भालू के समान बाहरी ढाँचे के अन्दर नर्म कपड़ों के टुकड़ों को ठूँस कर बनाया गया बड़ा सा खिलौना लिया; उस खिलौने में उसके प्रति मेरा प्यार भी ठूँस-ठूँस कर भरा हुआ था। उस उपहार को पाकर मेरे पौत्र की पहली प्रतिक्रिया क्या रही? सबसे पहले तो उसे अचरज हुआ; फिर विस्मय के साथ कुछ घबराहट हुई। फिर उसकी जिज्ञासा जागृत हुई, जिसने उसे एक साहसिक कार्य करने के लिए प्रेरित किया – उसने अपनी उँगली से भालू की नाक को पकड़ा, जिससे वह भालू आगे को उसकी बाँहों में गिर गया। ऐसा होते ही वह बहुत आनन्दित हो गया; उसने अपने नन्हे सिर को भालू की नर्म रोएँदार छाती पर रखा और अपनी बाँहों से उसे एक दृढ़ आलिंगन में ले लिया, और उसके चेहरे पर एक मुस्कराहट फ़ैल गई। उस बच्चे को बिलकुल भी पता नहीं था कि वह भालू उससे प्रेम नहीं कर सकता है; लेकिन उसे लगा कि भालू उस उससे प्रेम कर रहा है और उसने भी उसके प्रति अपने पूरे दिल से प्रेम ही की प्रतिक्रिया दी।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में, आरंभिक मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी तीनों पत्रियों में, प्रेरित यूहन्ना दृढ़ता पूर्वक कहता है कि परमेश्वर प्रेम है; उसने लिखा “और जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, उसको हम जान गए, और हमें उस की प्रतीति है; परमेश्वर प्रेम है” (1 यूहन्ना 4:16)।

          परमेश्वर प्रेम करता है; किसी भरवाँ पशु को तकिया बना लेने के द्वारा नहीं वरन एक वास्तविक शरीर की फ़ैली हुई बाँहों के द्वारा, जिस शरीर में एक प्रेम से धड़कता हुआ हृदय भी है (यूहन्ना 3:16)। प्रभु यीशु मसीह में होकर परमेश्वर ने हमारे प्रति अपने असाधारण और बलिदान से भरे प्रेम को व्यक्त किया।

          यूहन्ना आगे कहता है,हम इसलिये प्रेम करते हैं, कि पहिले उसने हम से प्रेम किया” (1 यूहन्ना 4:19)। जब हम यह विश्वास करते हैं कि हमसे प्रेम किया गया है, तो प्रत्युत्तर में हम भी प्रेम प्रदान करते हैं। परमेश्वर का वास्तविक प्रेम हमारे लिए संभव करता है कि हम भी परमेश्वर तथा औरों से प्रेम करें – अपने सारे हृदय से। - एलिसा मॉर्गन

 

पिता परमेश्वर मैं आपके प्रेम का एहसास करके, आपसे वास्तविक प्रेम रख सकूँ।


देखो पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है, कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएं, और हम हैं भी: इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उसने उसे भी नहीं जाना। - 1 यूहन्ना 3:1

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 4:13-19

1 यूहन्ना 4:13 इसी से हम जानते हैं, कि हम उस में बने रहते हैं, और वह हम में; क्योंकि उसने अपने आत्मा में से हमें दिया है।

1 यूहन्ना 4:14 और हम ने देख भी लिया और गवाही देते हैं, कि पिता ने पुत्र को जगत का उद्धारकर्ता कर के भेजा है।

1 यूहन्ना 4:15 जो कोई यह मान लेता है, कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है: परमेश्वर उस में बना रहता है, और वह परमेश्वर में।

1 यूहन्ना 4:16 और जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, उसको हम जान गए, और हमें उस की प्रतीति है; परमेश्वर प्रेम है: जो प्रेम में बना रहता है, वह परमेश्वर में बना रहता है; और परमेश्वर उस में बना रहता है।

1 यूहन्ना 4:17 इसी से प्रेम हम में सिद्ध हुआ, कि हमें न्याय के दिन हियाव हो; क्योंकि जैसा वह है, वैसे ही संसार में हम भी हैं।

1 यूहन्ना 4:18 प्रेम में भय नहीं होता, वरन सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है, क्योंकि भय से कष्ट होता है, और जो भय करता है, वह प्रेम में सिद्ध नहीं हुआ।

1 यूहन्ना 4:19 हम इसलिये प्रेम करते हैं, कि पहिले उसने हम से प्रेम किया।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 राजाओं 24-25
  • यूहन्ना 5:1-24

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें