मोहावे
मरुभूमि में भी, अधिकांश अन्य मरुभूमियों के समान रेत के टीले,
निर्जल शुष्क घाटियाँ, पठार, और पहाड़ हैं। किन्तु एक अमेरिकन जीव-शास्त्री,
एडमण्ड जैगर ने ध्यान किया कि थोड़े-थोड़े वर्षों के बाद, जब बहुतायत से वर्षा
होती है तो सारी मरुभूमि थोड़े से समय के लिए रंग-बिरंगे फूलों से भर जाती है; उस
रेत या कंकड़-पत्थर से भरी भूमि का शायद ही कोई स्थान होता हो जहाँ पर फूल नहीं
खिले होते हैं। मोहावे के फूलों का यह दृश्य वार्षिक बात नहीं है। शोध कर्ताओं ने
पुष्टि के है कि उस सूखी भूमि को तूफानों के द्वारा पानी से अच्छे से भीगना और फिर
सूर्य के द्वारा तपना आवश्यक होता है, और तब ठीक समय पर मरुभूमि फूलों से भर जाती है।
निर्जल
सूखे में से परमेश्वर द्वारा जीवन उत्पन्न कर देने का यह चित्रण परमेश्वर के वचन
बाइबल में यशायाह भविष्यद्वक्ता का स्मरण करवाता है। यशायाह ने सभी जातियों पर परमेश्वर
के न्याय का सन्देश देने के बाद आशा का एक प्रोत्साहक सन्देश भी दिया (यशायाह 35)।
भविष्य के ऐसे समय का वर्णन करते हुए, जब परमेश्वर सब कुछ ठीक कर देगा,
भविष्यद्वक्ता ने कहा, “जंगल और निर्जल देश प्रफुल्लित होंगे, मरुभूमि
मगन हो कर केसर के समान फूलेगी” (पद 1)। उसने घोषित किया “और यहोवा के छुड़ाए हुए
लोग लौटकर जयजयकार करते हुए सिय्योन में आएंगे; और उनके सिर पर सदा का आनन्द
होगा; वे हर्ष
और आनन्द पाएंगे और शोक और लम्बी सांस का लेना जाता रहेगा” (पद 10)।
परमेश्वर
की प्रतिज्ञाओं के द्वारा हमारे अनन्त भविष्य के सुरक्षित कर दिए जाने के कारण, हम
जीवन के सूखे या, तूफानों से तर कर दिए जाने वाले समयों में उस पर भरोसा बनाए रखें। उसके प्रेम
में गहरी जड़ पकड़े हुए, हम उसमें बढ़ते रहें, और सही समय पर, सही
परिस्थितियों के द्वारा, वह हमारे शुष्क जीवनों को भी अपनी आशीषों के फूलों
से भर देगा। - सोहचील डिक्सन
प्रभु परमेश्वर जीवन की हर परिस्थिति में हमारे साथ बने रहने
और हमें संभाले रहने के लिए आपका बहुत धन्यवाद।
और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर
भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों
8:28
बाइबल पाठ: यशायाह 35:1-10
यशायाह 35:1 जंगल और निर्जल देश प्रफुल्लित होंगे, मरुभूमि मगन हो कर केसर के
समान फूलेगी;
यशायाह 35:2 वह अत्यन्त प्रफुल्लित होगी और आनन्द के साथ
जयजयकार करेगी। उसकी शोभा लबानोन की सी होगी और वह कर्मेल और शारोन के तुल्य तेजोमय
हो जाएगी। वे यहोवा की शोभा और हमारे परमेश्वर का तेज देखेंगे।
यशायाह 35:3 ढीले हाथों को दृढ़ करो और थरथराते हुए घुटनों
को स्थिर करो।
यशायाह 35:4 घबराने वालों से कहो, हियाव बान्धो, मत डरो! देखो, तुम्हारा परमेश्वर पलटा लेने
और प्रतिफल देने को आ रहा है। हां, परमेश्वर आकर तुम्हारा उद्धार करेगा।
यशायाह 35:5 तब अन्धों की आँखें खोली जाएंगी और बहरों
के कान भी खोले जाएंगे;
यशायाह 35:6 तब लंगड़ा हरिण की सी चौकड़ियाँ भरेगा और
गूंगे अपनी जीभ से जयजयकार करेंगे। क्योंकि जंगल में जल के सोते फूट निकलेंगे और मरुभूमि
में नदियां बहने लगेंगी
यशायाह 35:7 मृगतृष्णा ताल बन जाएगी और सूखी भूमि में
सोते फूटेंगे; और जिस
स्थान में सियार बैठा करते हैं उस में घास और नरकट और सरकण्डे होंगे।
यशायाह 35:8 और वहां एक सड़क अर्थात राजमार्ग होगा, उसका नाम पवित्र मार्ग होगा; कोई अशुद्ध जन उस पर से न
चलने पाएगा; वह तो उन्हीं
के लिये रहेगा और उस मार्ग पर जो चलेंगे वह चाहे मूर्ख भी हों तौभी कभी न भटकेंगे।
यशायाह 35:9 वहां सिंह न होगा और न कोई हिंसक जन्तु उस
पर चढ़ेगा न वहां पाया जाएगा, परन्तु छुड़ाए हुए उस में नित चलेंगे।
यशायाह 35:10 और यहोवा के
छुड़ाए हुए लोग लौटकर जयजयकार करते हुए सिय्योन में आएंगे; और उनके सिर पर सदा का आनन्द होगा; वे हर्ष और आनन्द पाएंगे और
शोक और लम्बी सांस का लेना जाता रहेगा।
एक साल में बाइबल:
- 2 इतिहास 25-27
- यूहन्ना 16
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें