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शुक्रवार, 20 जुलाई 2018

समझता



      कुछ छोटे बच्चों को रात में सोने में दिक्कत होती है। इसके अनेकों कारण हो सकते हैं; मुझे अपनी बेटी से एक कारण पता चला। जब मैं एक संध्या उसे बिस्तर में लेटाने के बाद, उसके कमरे से बाहर जाने लगी तो उसने मुझ से कहा, “मुझे अँधेरे से डर लगता है।” मैंने उसके भय का निवारण करना चाहा, और उसे आश्वस्त रखने के लिए कि उसके कमरे में कोई दैत्य नहीं हैं, मैंने एक छोटी बत्ती जली छोड़ दी।

      अपनी बेटी के उस भय के बारे में मैंने और अधिक कुछ नहीं सोचा, परन्तु कुछ सप्ताह बाद जब मेरे पति व्यवसाय के सिलसिले में बाहर गए, और मुझे रात भर अकेले रहना पड़ा, तब मुझे उसका ध्यान आया। बिस्तर में लेट जाने के पश्चात मुझे लगा जैसे अन्धेरा मुझे दबा रहा है। मुझे एक हलकी सी आवाज़ सुनाई दी और मैं उसकी पड़ताल करने के लिए चौंक कर उठी, लेकिन कोई कारण सामने नहीं आया। परन्तु उस अनुभव ने मुझे अपनी बेटी के भय को समझा दिया।

      प्रभु यीशु हमारे प्रत्येक भय को समझता है, क्योंकि वह मनुष्य बनकर पृथ्वी पर रहा और उसने वैसी ही समस्याओं का सामना किया जैसी हमें अपने जीवनों में करनी पड़ती हैं। उसके विषय परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है, “वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना” (यशायाह 53:3)। जब हम उससे अपने संघर्षों का विवरण बाँटते हैं, तो वह उसे एक ओर झटक नहीं देता है, न ही हमारी भावनाओं को तुच्छ समझता है, और न ही हमें झिड़क कर कहता है कि हम ऐसे व्यर्थ विचारों से बाहर आ जाएँ। वह हमारी भावनाओं को समझता है, हमारे साथ बना रहता है।

      इस बात का एहसास कि प्रभु यीशु हमारे साथ है, हमारी हर एक बात और परिस्थिति को समझता है, हमारे दुःख के एकाकीपन को दूर कर देती है। हमारे सबसे अंधकारपूर्ण समय में वह हमारी ज्योति  और हमारा उद्धार है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


सबसे अंधकारमय रात में भी, प्रभु यीशु हमारी ज्योति है।


तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा। - यूहन्ना 8:12

बाइबल पाठ: भजन 27:1-8
Psalms 27:1 यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं?
Psalms 27:2 जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से बैर रखते थे, मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की, तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े।।
Psalms 27:3 चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले, तौभी मैं न डरूंगा; चाहे मेरे विरुद्ध लड़ाई ठन जाए, उस दशा में भी मैं हियाव बान्धे निशचिंत रहूंगा।
Psalms 27:4 एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं।
Psalms 27:5 क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्त स्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा।
Psalms 27:6 अब मेरा सिर मेरे चारों ओर के शत्रुओं से ऊंचा होगा; और मैं यहोवा के तम्बू में जयजयकार के साथ बलिदान चढ़ाऊंगा; और उसका भजन गाऊंगा।
Psalms 27:7 हे यहोवा, मेरा शब्द सुन, मैं पुकारता हूं, तू मुझ पर अनुग्रह कर और मुझे उत्तर दे।
Psalms 27:8 तू ने कहा है, कि मेरे दर्शन के खोजी हो। इसलिये मेरा मन तुझ से कहता है, कि हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूंगा।
     

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 26-28
  • प्रेरितों 22



गुरुवार, 19 जुलाई 2018

प्रतीक्षा



      सैन्य आज्ञा, “अंकन समय; कदम ताल” का अर्थ होता है अपने स्थान पर खड़े-खड़े कदम चलाना। यह आगे बढ़ने की चाल में एक सक्रीय विराम है, जिसमें सचेत मन के साथ अगली आज्ञा की प्रतीक्षा की जाती है। प्रतिदिन के जीवन में “अंकन करने” का अर्थ होता है “बिना आगे बढ़े गतिवान होना, सचल होते हुए भी कहीं पहुंचना नहीं, और प्रतीक्षा करते हुए कुछ महत्वपूर्ण नहीं करना।” इससे एक निरुपयोगी, अर्थहीन प्रतीक्षा का अभिप्राय सामने आता है।

      इसकी तुलना में, परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रतीक्षा करने का अधिकाँशतः अर्थ होता है, “उत्सुकता से देखना, आशा रखना, और अपेक्षा से देखना।” भजनकार ने बहुत कठिनाईयों का सामना करते हुए लिखा: “हे मेरे परमेश्वर, मैं ने तुझी पर भरोसा रखा है, मुझे लज्जित होने न दे; मेरे शत्रु मुझ पर जयजयकार करने न पाएं। वरन जितने तेरी बाट जोहते हैं उन में से कोई लज्जित न होगा; परन्तु जो अकारण विश्वासघाती हैं वे ही लज्जित होंगे” (भजन 25:2-3)।

      अकसर हमारे पास जिन बातों के लिए हम प्रतीक्षा कर रहे हैं, उनके लिए कोई विकल्प अथवा चुनाव करने के कुछ नहीं होता है – रोग के निदान के लिए की गई चिकित्सीय जाँच की रिपोर्ट, नौकरी के लिए दिए गए साक्षात्कार का परिणाम, किसी प्रिय जन के लौट कर आने की प्रतीक्षा, इत्यादि; परन्तु हम यह निर्णय अवश्य कर सकते हैं कि यह प्रतीक्षा हम किस प्रकार से करेंगे। किसी भय या उदासीनता में समय बिताने के स्थान पर, हम परमेश्वर की उपस्थिति में “कदम ताल” करते रह सकते हैं, प्रतिदिन परमेश्वर से मार्गदर्शन और सामर्थ्य की प्रार्थना करते हुए, जैसा कि भजनकार ने किया: “हे यहोवा अपने मार्ग मुझ को दिखला; अपना पथ मुझे बता दे। मुझे अपने सत्य पर चला और शिक्षा दे, क्योंकि तू मेरा उद्धार करने वाला परमेश्वर है; मैं दिन भर तेरी ही बाट जोहता रहता हूं” (पद 4-5)। - डेविड मैक्कैस्लैंड


परमेश्वर की बात जोहना उसमें सक्रीय भरोसा बनाए रखना है।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह 40:31

बाइबल पाठ: भजन 25:1-15
Psalms 25:1 हे यहोवा मैं अपने मन को तेरी ओर उठाता हूं।
Psalms 25:2 हे मेरे परमेश्वर, मैं ने तुझी पर भरोसा रखा है, मुझे लज्जित होने न दे; मेरे शत्रु मुझ पर जयजयकार करने न पाएं।
Psalms 25:3 वरन जितने तेरी बाट जोहते हैं उन में से कोई लज्जित न होगा; परन्तु जो अकारण विश्वासघाती हैं वे ही लज्जित होंगे।।
Psalms 25:4 हे यहोवा अपने मार्ग मुझ को दिखला; अपना पथ मुझे बता दे।
Psalms 25:5 मुझे अपने सत्य पर चला और शिक्षा दे, क्योंकि तू मेरा उद्धार करने वाला परमेश्वर है; मैं दिन भर तेरी ही बाट जोहता रहता हूं।
Psalms 25:6 हे यहोवा अपनी दया और करूणा के कामों को स्मरण कर; क्योंकि वे तो अनन्तकाल से होते आए हैं।
Psalms 25:7 हे यहोवा अपनी भलाई के कारण मेरी जवानी के पापों और मेरे अपराधों को स्मरण न कर; अपनी करूणा ही के अनुसार तू मुझे स्मरण कर।
Psalms 25:8 यहोवा भला और सीधा है; इसलिये वह पापियों को अपना मार्ग दिखलाएगा।
Psalms 25:9 वह नम्र लोगों को न्याय की शिक्षा देगा, हां वह नम्र लोगों को अपना मार्ग दिखलाएगा।
Psalms 25:10 जो यहोवा की वाचा और चितौनियों को मानते हैं, उनके लिये उसके सब मार्ग करूणा और सच्चाई हैं।
Psalms 25:11 हे यहोवा अपने नाम के निमित्त मेरे अधर्म को जो बहुत हैं क्षमा कर।
Psalms 25:12 वह कौन है जो यहोवा का भय मानता है? यहोवा उसको उसी मार्ग पर जिस से वह प्रसन्न होता है चलाएगा।
Psalms 25:13 वह कुशल से टिका रहेगा, और उसका वंश पृथ्वी पर अधिकारी होगा।
Psalms 25:14 यहोवा के भेद को वही जानते हैं जो उस से डरते हैं, और वह अपनी वाचा उन पर प्रगट करेगा।
Psalms 25:15 मेरी आंखे सदैव यहोवा पर टकटकी लगाए रहती हैं, क्योंकि वही मेरे पांवों को जाल में से छुड़ाएगा।
     

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 23-25
  • प्रेरितों 21:18-40



बुधवार, 18 जुलाई 2018

भरोसा



      मुझे पक्षियों और उनकी गतिविधियों को देखना अच्छा लगता है। मेरी यह रुचि घाना देश में जंगल में स्थित गाँव में, जहाँ मैं बड़ा हुआ था, विकसित हुई थी। अब जहाँ शहर में मैं रहता हूँ वहाँ मैंने हाल ही में कुछ कौवों का रोचक व्यवहार देखा। उड़ते हुए वे विश्राम के लिए एक ऐसे पेड़ की ओर जाते थे जिसके सारे पत्ते झड़ चुके थे। परन्तु किसी मजबूत डाली पर बैठने की बजाए वे सूखी और कमज़ोर डालियों पर जाकर बैठ जाते थे, जो शीघ्र ही झुक या टूट जाती थीं, और उन्हें खतरे से बचने के लिए फिर से उड़ना पड़ता था। प्रत्यक्षतः उनमें यह समझ नहीं थी कि मोटी डालियाँ अधिक सुरक्षित विश्राम स्थान हैं।

      हमारा क्या हाल है? हम अपने भरोसे को किस पर आधारित करते हैं? परमेश्वर के वचन, बाइबल में, दाऊद ने भजन 20:7 में लिखा, “किसी को रथों को, और किसी को घोड़ों का भरोसा है, परन्तु हम तो अपने परमेश्वर यहोवा ही का नाम लेंगे” रथ और घोड़े भौतिक तथा मानवीय सहयाता के आधार को दिखाते हैं। ये दैनिक जीवन में उपयोगी तथा आवश्यक वस्तुओं के प्रतिरूप तो हैं, परन्तु इनसे संकट के समय में हमें सुरक्षा नहीं मिलती है। यदि हमारा भरोसा सांसारिक वस्तुओं, व्यक्तियों, या धन-संपत्ति पर रहता है तो हम पाएँगे कि जैसे उन कौवों के पैरों तले वे डालियाँ टूट जाती थीं, हमारे ये नश्वर सांसारिक आधार भी संकट के समय में अपर्याप्त रहेंगे, हमें संभाल नहीं पाएँगे।

      जो रथों और घोड़ों पर भरोसा करते हैं, उन्हें झुका कर गिराया जा सकता है, परन्तु जो वास्तव में जीवते सच्चे प्रभु परमेश्वर पर भरोसा रखते हैं, उसे समर्पित एवं उसकी आज्ञाकारिता का जीवन व्यतीत करते हैं, वे सदा स्थिर और अडिग खड़े रहेंगे। - लॉरेंस दरमानी


इस बदलते रहने वाले सँसार में हम 
कभी न बदलने वाले प्रभु परमेश्वर पर भरोसा कर सकते हैं।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह 40:31

बाइबल पाठ: भजन 20
Psalms 20:1 संकट के दिन यहोवा तेरी सुन ले! याकूब के परमेश्वर का नाम तुझे ऊंचे स्थान पर नियुक्त करे!
Psalms 20:2 वह पवित्र स्थान से तेरी सहायता करे, और सिय्योन से तुझे सम्भाल ले!
Psalms 20:3 वह तेरे सब अन्नबलियों को स्मरण करे, और तेरे होमबलि को ग्रहण करे।
Psalms 20:4 वह तेरे मन की इच्छा को पूरी करे, और तेरी सारी युक्ति को सफल करे!
Psalms 20:5 तब हम तेरे उद्धार के कारण ऊंचे स्वर से हर्षित हो कर गाएंगे, और अपने परमेश्वर के नाम से झण्डे खड़े करेंगे। यहोवा तुझे मुंह मांगा वरदान दे।
Psalms 20:6 अब मैं जान गया कि यहोवा अपने अभिषिक्त का उद्धार करता है; वह अपने दाहिने हाथ के उद्धार करने वाले पराक्रम से अपने पवित्र स्वर्ग पर से सुनकर उसे उत्तर देगा।
Psalms 20:7 किसी को रथों को, और किसी को घोड़ों का भरोसा है, परन्तु हम तो अपने परमेश्वर यहोवा ही का नाम लेंगे।
Psalms 20:8 वे तो झुक गए और गिर पड़े परन्तु हम उठे और सीधे खड़े हैं।
Psalms 20:9 हे यहोवा, बचा ले; जिस दिन हम पुकारें तो महाराजा हमें उत्तर दे।
     

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 20-22
  • प्रेरितों 21:1-17



मंगलवार, 17 जुलाई 2018

खुला हाथ



      बिड्डी मेसन को 1891 में लॉस एन्जिल्स में एक अचिन्हित कब्र में दफना दिया गया। दासत्व में जन्मी महिला के लिए यह कोई अनहोनी बात नहीं थी, परन्तु बिड्डी जैसी मान्यता प्राप्त महिला के लिए यह असामान्य अवश्य था। न्यायालय में चले मुकद्दमे के द्वारा 1856 में अपनी स्वतंत्रता जीतने के पश्चात बिड्डी ने अपने नर्सिंग कौशल तथा बुद्धिमता पूर्ण व्यवासायिक निर्णयों के द्वारा कुछ संपत्ति एकत्रित कर ली थी। उसने अप्रवासी लोगों तथा कैदियों की दुर्दशा देखकर उनकी सहायता करना आरंभ किया, और उसके इस नियमित व्यवहार के कारण लोग उसके द्वार पर कतार बाँध कर खड़े होने लग गए। दासत्व से छूटने के मात्र 16 वर्ष में ही, 1872 में उसने अपने दामाद के साथ मिलकर आर्थिक योगदान के द्वारा लॉस एन्जिल्स में प्रथम अफ्रीकी मेथोडिस्ट एपिस्कोपल चर्च का आरंभ करवाया।

      बिड्डी ने परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस प्रेरित द्वारा कहे गए शब्दों: “...और प्रभु यीशु की बातें स्मरण रखना अवश्य है, कि उसने आप ही कहा है; कि लेने से देना धन्य है” (प्रेरितों 20:35) को अपने जीवन में जी कर के दिखाया। पौलुस सम्पन्नता से आया था, दासत्व से नहीं, फिर भी उसने मसीह यीशु एवँ दूसरों की सेवकाई के लिए सेवा का ऐसा जीवन चुना जिसमें अन्ततः वह कैद होकर शहीद हो गया।

      1988 में बिड्डी से सहायताप्राप्त लोगों ने बिड्डी मेसन के स्मरण में एक समाधि-शिला का अनावरण किया। उस आयोजन में उपस्थित होने वाले लोगों में लॉस एन्जिल्स के महापौर (मेयर) तथा, एक शताब्दी से भी पूर्व, बिड्डी के घर से आरंभ होने वाले उस छोटे से चर्च के लगभग 3000 सदस्य थे।

      बिड्डी ने कहा था, “एक खुला हाथ, आशीषित हाथ है, क्योंकि वह बहुतायत से देता और पाता है।” बिड्डी के हाथ ने जैसे उदारता से दिया, उसे वैसे ही उदारता से एक महान विरासत भी मिली। - टिम गुस्ताफ्सन


एक खुला हाथ, आशीषित हाथ है, 
क्योंकि वह बहुतायत से देता और पाता है। - बिड्डी मेसन

जिनका भला करना चाहिये, यदि तुझ में शक्ति रहे, तो उनका भला करने से न रुकना। - नीतिवचन 3:27

बाइबल पाठ: प्रेरितों 20:22-35
Acts 20:22 और अब देखो, मैं आत्मा में बन्‍धा हुआ यरूशलेम को जाता हूं, और नहीं जानता, कि वहां मुझ पर क्या क्या बीतेगा
Acts 20:23 केवल यह कि पवित्र आत्मा हर नगर में गवाही दे देकर मुझ से कहता है, कि बन्‍धन और क्‍लेश तेरे लिये तैयार हैं।
Acts 20:24 परन्तु मैं अपने प्राण को कुछ नहीं समझता: कि उसे प्रिय जानूं, वरन यह कि मैं अपनी दौड़ को, और उस सेवाकाई को पूरी करूं, जो मैं ने परमेश्वर के अनुग्रह के सुसमाचार पर गवाही देने के लिये प्रभु यीशु से पाई है।
Acts 20:25 और अब देखो, मैं जानता हूं, कि तुम सब जिनमें मैं परमेश्वर के राज्य का प्रचार करता फिरा, मेरा मुंह फिर न देखोगे।
Acts 20:26 इसलिये मैं आज के दिन तुम से गवाही देकर कहता हूं, कि मैं सब के लोहू से निर्दोष हूं।
Acts 20:27 क्योंकि मैं परमेश्वर की सारी मनसा को तुम्हें पूरी रीति से बताने से न झिझका।
Acts 20:28 इसलिये अपनी और पूरे झुंड की चौकसी करो; जिस में पवित्र आत्मा ने तुम्हें अध्यक्ष ठहराया है; कि तुम परमेश्वर की कलीसिया की रखवाली करो, जिसे उसने अपने लोहू से मोल लिया है।
Acts 20:29 मैं जानता हूं, कि मेरे जाने के बाद फाड़ने वाले भेड़िए तुम में आएंगे, जो झुंड को न छोड़ेंगे।
Acts 20:30 तुम्हारे ही बीच में से भी ऐसे ऐसे मनुष्य उठेंगे, जो चेलों को अपने पीछे खींच लेने को टेढ़ी मेढ़ी बातें कहेंगे।
Acts 20:31 इसलिये जागते रहो; और स्मरण करो; कि मैं ने तीन वर्ष तक रात दिन आंसू बहा बहा कर, हर एक को चितौनी देना न छोड़ा।
Acts 20:32 और अब मैं तुम्हें परमेश्वर को, और उसके अनुग्रह के वचन को सौंप देता हूं; जो तुम्हारी उन्नति कर सकता है, और सब पवित्रों में साझी कर के मीरास दे सकता है।
Acts 20:33 मैं ने किसी की चान्दी सोने या कपड़े का लालच नहीं किया।
Acts 20:34 तुम आप ही जानते हो कि इन्‍हीं हाथों ने मेरी और मेरे साथियों की आवश्यकताएं पूरी कीं।
Acts 20:35 मैं ने तुम्हें सब कुछ कर के दिखाया, कि इस रीति से परिश्रम करते हुए निर्बलों को सम्भालना, और प्रभु यीशु की बातें स्मरण रखना अवश्य है, कि उसने आप ही कहा है; कि लेने से देना धन्य है।
     

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 18-19
  • प्रेरितों 20:17-38



सोमवार, 16 जुलाई 2018

उपहार


      वह मात्र चाबियाँ रखने का गुच्छा ही है; जूते बाँधने के फीते से पाँच कुंडों को आपस में बांधकर बनाया गया। मेरी बेटी ने वह मुझे तब दिया था जब वह सात वर्ष की थी। आज वह फीता पुराना हो चुका है, कुंडों के टुकड़े टूटने लगे हैं, परन्तु उस उपहार के साथ जुड़ा हुआ सन्देश “मैं पापा से प्रेम करती हूँ” कभी पुराना नहीं पड़ेगा।

       सबसे कीमती उपहार उस से कीमती नहीं बनते हैं जिस सामग्री से वे बने हैं, वरन इस से कि हमें उन्हें किसने दिया है। किसी भी माता-पिता से उस मुट्ठी भर जंगली फूलों के गुच्छे की कीमत पूछिए, जो उन्हें नन्हें हाथों ने एकत्रित करके पकड़ाया है। सबसे अच्छे उपहार कीमत से नहीं, उनके पीछे छिपे प्रेम से आँके जाते हैं।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में ज़कर्याह ने इस बात को समझा। हम उसके इस भाव को भविष्यवाणी के उसके उस स्तुति गीत में देखते हैं जो उसने परमेश्वर की स्तुति और प्रशंसा के लिए कहा, जब परमेश्वर ने उसे और उसकी पत्नि इलिशिबा को एक पुत्र दिया, उनके माता-पिता बन सकने की आयु के अनेकों वर्षों के पश्चात। ज़कर्याह आनदित हुआ क्योंकि उसका पुत्र यूहन्ना को भविष्यद्वक्ता होना था और मानव-जाति के लिए परमेश्वर के सर्वोत्तम उपहार – आने वाले मसीहा का अग्रदूत बनना था। ज़कर्याह ने कहा: “यह हमारे परमेश्वर की उसी बड़ी करूणा से होगा; जिस के कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा। कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति दे, और हमारे पांवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए” (लूका 1:78-79)।

      जो सबसे मधुर उपहार हमें मिल सकता है वह है परमेश्वर की करुणा और दया – प्रभु यीशु में होकर हमारे पापों की क्षमा। यह उपहार देने के लिए उसे क्रूस पर अपने प्राणों की कीमत चुकानी पड़ी, परन्तु हमारे प्रति अपने महान प्रेम के अन्तर्गत, वह इस उपहार को हमें सेंत-मेंत देता है। - जेम्स बैंक्स


प्रभु यीशु उपहार भी है और देने वाला भी।

उठ, प्रकाशमान हो; क्योंकि तेरा प्रकाश आ गया है, और यहोवा का तेज तेरे ऊपर उदय हुआ है। - यशायाह 60:1

बाइबल पाठ: लूका 1:67-79
Luke 1:67 और उसका पिता जकरयाह पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गया, और भविष्यद्ववाणी करने लगा।
Luke 1:68 कि प्रभु इस्राएल का परमेश्वर धन्य हो, कि उसने अपने लोगों पर दृष्टि की और उन का छुटकारा किया है।
Luke 1:69 और अपने सेवक दाऊद के घराने में हमारे लिये एक उद्धार का सींग निकाला।
Luke 1:70 जैसे उसने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा जो जगत के आदि से होते आए हैं, कहा था।
Luke 1:71 अर्थात हमारे शत्रुओं से, और हमारे सब बैरियों के हाथ से हमारा उद्धार किया है।
Luke 1:72 कि हमारे बाप-दादों पर दया कर के अपनी पवित्र वाचा का स्मरण करे।
Luke 1:73 और वह शपथ जो उसने हमारे पिता इब्राहीम से खाई थी।
Luke 1:74 कि वह हमें यह देगा, कि हम अपने शत्रुओं के हाथ से छूटकर।
Luke 1:75 उसके साम्हने पवित्रता और धामिर्कता से जीवन भर निडर रहकर उस की सेवा करते रहें।
Luke 1:76 और तू हे बालक, परमप्रधान का भविष्यद्वक्ता कहलाएगा, क्योंकि तू प्रभु के मार्ग तैयार करने के लिये उसके आगे आगे चलेगा,
Luke 1:77 कि उसके लोगों को उद्धार का ज्ञान दे, जो उन के पापों की क्षमा से प्राप्त होता है।
Luke 1:78 यह हमारे परमेश्वर की उसी बड़ी करूणा से होगा; जिस के कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा।
Luke 1:79 कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति दे, और हमारे पांवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए।
     

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 16-17
  • प्रेरितों 20:1-16


रविवार, 15 जुलाई 2018

बलिदान



      गर्मी की ऋतु में अमेरिका के दक्षिणी क्षेत्र में, जो स्वाभाविक रीति से काफी गर्म रहता है, यात्रा करते हुए, एक दोपहर को मैं और मेरी पत्नि एक स्थान पर आईस्क्रीम खाने के लिए रुके। वहाँ हमने एक दीवार पर एक संकेत लिखा हुआ देखा, “बर्फ में खेलना बिलकुल वर्जित है।” जिस इलाके में कभी बर्फ नहीं होती, वहाँ के लिए यह अनपेक्षित व्यंग्य मनोरंजक था।

      कभी-कभी अनपेक्षित रीति से बात को कहना सबसे अधिक प्रभावी होता है। परमेश्वर के वचन, बाइबल में प्रभु यीशु द्वारा कही गई कुछ बातों के विषय में विचार कीजिए: “जो अपने प्राण बचाता है, वह उसे खोएगा; और जो मेरे कारण अपना प्राण खोता है, वह उसे पाएगा” (मत्ती 10:39)। जिस राज्य का राजा अपने लोगों की सेवा करता हो (मरकुस 10:45), अपने प्राणों को खोना ही उन्हें पाने का एकमात्र तरीका हो सकता है। यह उस सँसार के लिए, जो अपनी ही उन्नति और सुरक्षा की धुन में लगा हुआ है, एक चौंका देने वाला सन्देश है।

      व्यावाहारिक रीति से, हम अपना जीवन कैसे खो सकते हैं? उत्तर एक शब्द में कहा जा सकता है: “बलिदान” के द्वारा। जब हम बलिदान देते हैं, हम प्रभु यीशु की जीवन शैली को अपनाते हैं। हम अपनी आवश्यकताओं एवँ अभिलाषाओं को पूरा करने के प्रयासों के स्थान पर औरों की आवश्यकताओं और भलाई को प्राथमिकता देते हैं।

      प्रभु यीशु ने न केवल बलिदान के बारे में सिखाया, वरन उन्होंने समस्त मानव जाति के उद्धार के लिए अपने जीवन का बलिदान देने के द्वारा इसे व्यावाहारिक कर के भी दिखाया। क्रूस पर उनकी मृत्यु, हमारे प्रति सृष्टि के स्वामी और राजा के प्रेम का सर्वोच्च प्रगटीकरण बन गई, जिसने अपने ही शब्दों, “इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे” (यूहन्ना 15:13) को पूरा भी किया। - बिल क्राउडर


बलिदान का जीवन जीने से किसी बात की कोई हानि नहीं होती है। - हेनरी लिड्डों

क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे। - मरकुस 10:45

बाइबल पाठ: मत्ती 10:35-42
Matthew 10:32 जो कोई मनुष्यों के साम्हने मुझे मान लेगा, उसे मैं भी अपने स्‍वर्गीय पिता के साम्हने मान लूंगा।
Matthew 10:33 पर जो कोई मनुष्यों के साम्हने मेरा इन्कार करेगा उस से मैं भी अपने स्‍वर्गीय पिता के साम्हने इन्कार करूंगा।
Matthew 10:34 यह न समझो, कि मैं पृथ्वी पर मिलाप कराने को आया हूं; मैं मिलाप कराने को नहीं, पर तलवार चलवाने आया हूं।
Matthew 10:35 मैं तो आया हूं, कि मनुष्य को उसके पिता से, और बेटी को उस की मां से, और बहू को उस की सास से अलग कर दूं।
Matthew 10:36 मनुष्य के बैरी उसके घर ही के लोग होंगे।
Matthew 10:37 जो माता या पिता को मुझ से अधिक प्रिय जानता है, वह मेरे योग्य नहीं और जो बेटा या बेटी को मुझ से अधिक प्रिय जानता है, वह मेरे योग्य नहीं।
Matthew 10:38 और जो अपना क्रूस ले कर मेरे पीछे न चले वह मेरे योग्य नहीं।
Matthew 10:39 जो अपने प्राण बचाता है, वह उसे खोएगा; और जो मेरे कारण अपना प्राण खोता है, वह उसे पाएगा।
Matthew 10:40 जो तुम्हें ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजने वाले को ग्रहण करता है।
Matthew 10:41 जो भविष्यद्वक्ता को भविष्यद्वक्ता जानकर ग्रहण करे, वह भविष्यद्वक्ता का बदला पाएगा; और जो धर्मी जानकर धर्मी को ग्रहण करे, वह धर्मी का बदला पाएगा।
Matthew 10:42 जो कोई इन छोटों में से एक को चेला जानकर केवल एक कटोरा ठंडा पानी पिलाए, मैं तुम से सच कहता हूं, वह किसी रीति से अपना प्रतिफल न खोएगा।
     

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 13-15
  • प्रेरितों 19:19-41



शनिवार, 14 जुलाई 2018

विश्वासयोग्यता



      “हम आपकी नौकरी को समाप्त कर रहे हैं” एक दशक पहले मुझ से कहे गए इन शब्दों को सुनते ही मैं नौकरी के चले जाने के कारण घबरा गई, अन्दर से बुरी तरह से हिल गई। उस समय मैंने स्वयं को बिलकुल बिखरा हुआ अनुभव किया क्योंकि मेरी पहचान कुछ हद तक मेरे संपादक होने के पद के साथ जुड़ी हुई थी। हाल ही में मुझे फिर से वैसा ही दुःख हुआ जब मुझे ज्ञात हुआ कि मेरा बिना किसी की नौकरी करे, स्वतंत्रता से किए जाने वाले कार्य का भी अन्त हो रहा है। परन्तु इस समय, पहले के समान, मैंने अपने आप को बिखरा और अपनी नींव तक हिला हुआ अनुभव नहीं किया, क्योंकि समय के साथ मैंने परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को देखा और अनुभव किया है, और मैं जानती हूँ कि वह मेरे शोक को भी आनन्द में परिवर्तित कर सकता है।

      यद्यपि हम एक पतित सँसार में रहते हैं, जहाँ हमें अकसर दुखों और निराशाओं का सामना करना पड़ता है, परन्तु हमें स्मरण रखना चाहिए कि परमेश्वर हमें निराशा से आनन्द में ले जा सकता है, जैसा हम यशायाह द्वारा प्रभु यीशु के आने से संबंधित की गई  भविष्यवाणी में देखते हैं (यशायाह 61:1-3)। जब हम निराश होते हैं, तो प्रभु हमें आशा देता है; जब हमें लगता है कि हम क्षमा नहीं करने पाएँगे, वह हमें क्षमा करने की सामर्थ्य प्रदान करता है। वह हमें सिखाता है कि हमारी पहचान उसमें है, न कि हमारे कार्य में; और वह हमें अनिश्चित भविष्य का सामना करने का साहस देता है। जब हम “राख” का वस्त्र ओढ़ कर बैठे होते हैं, वह अपनी दया में हमें स्तुति का अंगरखा पहना देता है।

      जब हम हानि का सामना कर रहे होते हैं, तब हमें उदासी से भागना नहीं चाहिए, और न ही हमें कडुवा या कठोर बन  जाना चाहिए। जब हम बीते समयों में परमेश्वर की विश्वासयोग्यता के बारे में विचार करते हैं, तो हमें भरोसा होता है कि वह हमारे शोक को नृत्य में बदलने के लिए न केवल सक्षम है, वरन ऐसा करना भी चाहता है। वह हमें इतना अनुग्रह देना चाहता है कि हम इस जीवन में भी और आने वाले जीवन में भी आनद से भरे रहें। - एमी बाउचर पाई


हमारे दुःख के समय से भी परमेश्वर हमें उन्नति प्रदान कर सकता है।

फिर उसने उन से कहा, कि जा कर चिकना चिकना भोजन करो और मीठा मीठा रस पियो, और जिनके लिये कुछ तैयार नहीं हुआ उनके पास बैना भेजो; क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिये पवित्र है; और उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है। - नहेम्याह 8:10

बाइबल पाठ: यशायाह 61:1-4
Isaiah 61:1 प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूं; कि बंधुओं के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूं;
Isaiah 61:2 कि यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष का और हमारे परमेश्वर के पलटा लेने के दिन का प्रचार करूं; कि सब विलाप करने वालों को शान्ति दूं
Isaiah 61:3 और सिय्योन के विलाप करने वालों के सिर पर की राख दूर कर के सुन्दर पगड़ी बान्ध दूं, कि उनका विलाप दूर कर के हर्ष का तेल लगाऊं और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊं; जिस से वे धर्म के बांजवृक्ष और यहोवा के लगाए हुए कहलाएं और जिस से उसकी महिमा प्रगट हो।
Isaiah 61:4 तब वे बहुत काल के उजड़े हुए स्थानों को फिर बसाएंगे, पूर्वकाल से पड़े हुए खण्डहरों में वे फिर घर बनाएंगे; उजड़े हुए नगरों को जो पीढ़ी पीढ़ी में उजड़े हुए हों वे फिर नये सिरे से बसाएंगे।
     

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 10-12
  • प्रेरितों 19:1-20