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शुक्रवार, 4 जनवरी 2019

व्यावाहारिक प्रेम



      कैरेन के चर्च की एक महिला के रोग का निदान “ए एल एस” (Amyotrophic Lateral Sclerosis) हुआ जो एक बहुत कष्टदायक बीमारी है। इस बीमारी से मांसपेशियां और स्नायु तंत्रिकाएँ प्रभावित होती जाती हैं और  धीरे-धीरे रोगी लकवाग्रस्त होता चला जाता है। परिवार के बीमे में घर पर की जाने वाली देखभाल के खर्च का प्रावधान नहीं था, और उस महिला का दुखी पति उसे किसी नर्सिंग होम में छोड़ देने के लिए तैयार नहीं था।

      नर्स होने के नाते कैरेन जानती थी कि उसकी देखभाल कैसे करनी है, और वह उस महिला के घर जाकर उसकी देखभाल करने लगी। परन्तु कैरेन को शीघ्र ही बोध हो गया कि उस महिला की देखभाल करते हुए वह अपने परिवार का ध्यान नहीं रखने पाएगी, इसलिए उसने चर्च के लोगों से सहायता के लिए आग्रह किया और आगे आने वाले स्वयंसेवियों को उस महिला की देखभाल करने के लिए प्रशिक्षित करने लगी। बीमारी के बढ़ते जाने के साथ-साथ कैरेन ने सात वर्षों के अन्तराल में चर्च के 31 अन्य स्वयंसेवियों को उस महिला की देखभाल के लिए तैयार किया और उन्हें सिखाया। उन सब लोगों ने मिलकर उस परिवार को प्रेम, प्रार्थना, और व्यवहारिक सहायता में ढाँप लिया।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु के शिष्य प्रेरित यूहन्ना ने लिखा “जो कोई अपने परमेश्वर से प्रेम रखता है, वह अपने भाई से भी प्रेम रखे” (1 यूहन्ना 4:21)। कैरेन के प्रयास इस प्रकार के व्यवहारिक प्रेम का सजीव उदाहरण हैं। उसके पास न केवल योग्यता थी, वरन अनुकंपा और दर्शन भी था कि वह एक दुखी मित्र एवं परिवार की सहायता के लिए चर्च के लोगों को भी प्रोत्साहित कर सकी, उन्हें इस व्यवहारिक प्रेम की अभिव्यक्ति में सम्मिलित कर सकी। एक आवश्यकता में पड़े व्यक्ति की सहायता के लिए उसका व्यवहारिक प्रेम, कई औरों के लिए भी व्यवहारिक प्रेम को दर्शाने का माध्यम बन गया। - टिम गुस्ताफासन


यीशु ने कहा: अपने पड़ौसी से अपने समान प्रेम रखो।

परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। जिस से तुम अपने स्‍वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है। क्योंकि यदि तुम अपने प्रेम रखने वालों ही से प्रेम रखो, तो तुम्हारे लिये क्या फल होगा? क्या महसूल लेने वाले भी ऐसा ही नहीं करते? – मत्ती 5:44-46

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 4:20-5:5
1 John 4:20 यदि कोई कहे, कि मैं परमेश्वर से प्रेम रखता हूं; और अपने भाई से बैर रखे; तो वह झूठा है: क्योंकि जो अपने भाई से, जिस उसने देखा है, प्रेम नहीं रखता, तो वह परमेश्वर से भी जिसे उसने नहीं देखा, प्रेम नहीं रख सकता।
1 John 4:21 और उस से हमें यह आज्ञा मिली है, कि जो कोई अपने परमेश्वर से प्रेम रखता है, वह अपने भाई से भी प्रेम रखे।
1 John 5:1 जिसका यह विश्वास है कि यीशु ही मसीह है, वह परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है और जो कोई उत्पन्न करने वाले से प्रेम रखता है, वह उस से भी प्रेम रखता है, जो उस से उत्पन्न हुआ है।
1 John 5:2 जब हम परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, और उस की आज्ञाओं को मानते हैं, तो इसी से हम जानते हैं, कि परमेश्वर की सन्‍तानों से प्रेम रखते हैं।
1 John 5:3 और परमेश्वर का प्रेम यह है, कि हम उस की आज्ञाओं को मानें; और उस की आज्ञाएं कठिन नहीं।
1 John 5:4 क्योंकि जो कुछ परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है, वह संसार पर जय प्राप्त करता है, और वह विजय जिस से संसार पर जय प्राप्त होती है हमारा विश्वास है।
1 John 5:5 संसार पर जय पाने वाला कौन है केवल वह जिस का यह विश्वास है, कि यीशु, परमेश्वर का पुत्र है।
                                                                                                                                                        

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 10-12
  • मत्ती 4



गुरुवार, 3 जनवरी 2019

प्रतीत



      डॉन एक फ़ार्म पर रहने वाला, और फार्म के पशुओं की द्ख्भाल करने वाला कुत्ता है। एक दिन वह अपने मालिक, टॉम, के साथ फार्म के एक भाग में कुछ पशुओं को देखने के लिए निकला। वे दोनों एकसाथ फार्म पर काम आने वाले एक छोटे ट्रक में उस क्षेत्र तक गए, और वहाँ पहुँचने पर टॉम ट्रक से उतरा, परन्तु ट्रक का हैंड ब्रेक लगाना भूल गया। डॉन ट्रक के चालक की सीट पर था और ढलान पर होने के कारण वह ट्रक आगे बढ़ता चला गया और टीले के नीचे पहुँच कर, वहाँ से निकलने वाली सड़क को पार करके सुरक्षित रुक गया। सड़क पर जाने वाले लोगों को लग रहा था कि मानो कुत्ता ट्रक चला रहा है। सही है, हर बात वैसी नहीं होती है, जैसी वह प्रतीत होती है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल की एक घटना है, प्रतीत हो रहा था कि परमेश्वर का भविष्यद्वक्ता एलीशा और उसका सेवक बन्दी बना कर आराम के राजा के पास ले जाए जाने वाले हैं। राजा की सेना ने उस नगर को घेर लिया था जिसमें एलीशा और उसका सेवक रहते थे। उस सेवक को लगा कि अब उनका अन्त निश्चित है, परन्तु एलीशा ने उसे आश्वस्त किया, “उसने कहा, मत डर; क्योंकि जो हमारी ओर हैं, वह उन से अधिक हैं, जो उनकी ओर हैं” (2 राजा 6:16)। फिर सेवक की सांत्वना के लिए एलीशा ने प्रार्थना की और वह सेवक उनके चारों ओर उपस्थित उन अलौकिक रक्षकों को देखने पाया जो उनकी सुरक्षा के लिए वहाँ परमेश्वर की ओर से तैनात किए गए थे।

      परिस्थितयाँ जो पूर्णतः आशाहीन दिखाई देती हैं, सदा ही वैसी नहीं होती हैं, जैसी हमें प्रतीत होती हैं। जब भी हम अभिभूत या असहाय अनुभव करें, हमें स्मरण करना चाहिए कि परमेश्वर हमारे साथ है, वह “क्योंकि वह अपने दूतों को तेरे निमित्त आज्ञा देगा, कि जहां कहीं तू जाए वे तेरी रक्षा करें” (भजन 91:11)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


जब हम यह स्मरण रखें कि परमेश्वर सदैव हमारे साथ बना रहता है, 
तो परिस्थितयाँ सदा ही उससे बेहतर प्रतीत होती हैं,
 जैसे वे हमें पहले लगती थीं।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों13:5-6

बाइबल पाठ: 2 राजा 6: 8-17
2 Kings 6:8 ओैर अराम का राजा इस्राएल से युद्ध कर रहा था, और सम्मति कर के अपने कर्मचारियों से कहा, कि अमुक स्थान पर मेरी छावनी होगी।
2 Kings 6:9 तब परमेश्वर के भक्त ने इस्राएल के राजा के पास कहला भेजा, कि चौकसी कर और अमुक स्थान से हो कर न जाना क्योंकि वहां अरामी चढ़ाई करने वाले हैं।
2 Kings 6:10 तब इस्राएल के राजा ने उस स्थान को, जिसकी चर्चा कर के परमेश्वर के भक्त ने उसे चिताया था, भेज कर, अपनी रक्षा की; और उस प्रकार एक दो बार नहीं वरन बहुत बार हुआ।
2 Kings 6:11 इस कारण अराम के राजा का मन बहुत घबरा गया; सो उसने अपने कर्मचारियों को बुला कर उन से पूछा, क्या तुम मुझे न बताओगे कि हम लोगों में से कौन इस्राएल के राजा की ओर का है? उसके एक कर्मचारी ने कहा, हे मेरे प्रभु! हे राजा! ऐसा नहीं,
2 Kings 6:12 एलीशा जो इस्राएल में भविष्यद्वक्ता है, वह इस्राएल के राजा को वे बातें भी बताया करता है, जो तू शयन की कोठरी में बोलता है।
2 Kings 6:13 राजा ने कहा, जा कर देखो कि वह कहां है, तब मैं भेज कर उसे पकड़वा मंगाऊंगा। और उसको यह समाचार मिला कि वह दोतान में है।
2 Kings 6:14 तब उसने वहां घोड़ों और रथों समेत एक भारी दल भेजा, और उन्होंने रात को आकर नगर को घेर लिया।
2 Kings 6:15 भोर को परमेश्वर के भक्त का टहलुआ उठा और निकल कर क्या देखता है कि घोड़ों और रथों समेत एक दल नगर को घेरे हुए पड़ा है। और उसके सेवक ने उस से कहा, हाय! मेरे स्वामी, हम क्या करें?
2 Kings 6:16 उसने कहा, मत डर; क्योंकि जो हमारी ओर हैं, वह उन से अधिक हैं, जो उनकी ओर हैं।
2 Kings 6:17 तब एलीशा ने यह प्रार्थना की, हे यहोवा, इसकी आंखें खोल दे कि यह देख सके। तब यहोवा ने सेवक की आंखें खोल दीं, और जब वह देख सका, तब क्या देखा, कि एलीशा के चारों ओर का पहाड़ अग्निमय घोड़ों और रथों से भरा हुआ है।
                                                                                                                                                        

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 7-9
  • मत्ती 3



बुधवार, 2 जनवरी 2019

उपहार



      अमेरिका में क्रिसमस के तुरंत बाद का समय दुकानों के लिए सबसे व्यस्त समय होता है जब लोग अनचाहे उपहारों को बदल कर उनके स्थान पर अन्य वस्तुएँ, जिनकी उन्हें वास्तव में आवश्यकता है, लेने के लिए आते हैं। परन्तु कुछ लोग होते हैं जिनके द्वारा दिए गए उपहार बिलुकल सही, और व्यक्ति की परिस्थति तथा आवश्य्कातानुसार होते हैं। उन्हें कैसे पता चल जाता है कि व्यक्ति को किस वस्तु की आवश्यकता है और उसकी परिस्थिति के लिए क्या सही है? सही उपहार देने की कुंजी पैसा नहीं है; वरन लोगों की साथ संबंध है; उनमें ली गई रुचि, उनकी बातों को सुनना, उनके साथ समय बिताना, और यह देखना कि वे किस चीज़ में आनन्द लेते हैं, किस की सराहना करते हैं।

      यह परिवार और मित्रों के लिए तो सही है; परन्तु परमेश्वर के विषय क्या? क्या कुछ ऐसा है जो परमेश्वर के लिए सार्थक और मूल्यवान है, जिसे हम उसे दे सकते हैं? क्या ऐसा कुछ है जो उसके पास अभी तक नहीं है?

      परमेश्वर के वचन बाइबल में रोमियों 11:33-36 परमेश्वर के लिए एक स्तुति गीत है, जिसमें उसकी महान बुद्धिमता, ज्ञान, और महिमा की बड़ाई करने के पश्चात यह आह्वान है कि हम अपने आप को उसे समर्पित कर दें: “इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है” (12:1), और फिर अपने चारों के सँसार से प्रभावित होकर सँसार के अनुरूप बनने के स्थान पर एक नया परिवर्तित जीवन जीने के लिए निवेदन: “और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए” (12:2)।

      आज परमेश्वर को देने के लिए हमारा सर्वोत्तम उपहार क्या होगा? हम, उसके द्वारा हमारे लिए किए गए उद्धार के महान कार्य, और हमें अपनी सन्तान बना लेने के लिए परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ, दीन, और सप्रेम होकर, उसके प्रति पूर्णतः – मन, ध्यान, और विचारों के साथ समर्पित हो सकते हैं। परमेश्वर हम में से प्रत्येक से, इसी की लालसा रखता है। - डेविड मैक्कैस्लैंड


वह सबसे अच्छा उपहार जो हम परमेश्वर को दे सकते हैं, स्वयँ हम ही हैं।

क्योंकि तू मेलबलि से प्रसन्न नहीं होता, नहीं तो मैं देता; होमबलि से भी तू प्रसन्न नहीं होता। टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता। - भजन 51:16-17

बाइबल पाठ: रोमियों 11:33-12:2
Romans 11:33 आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं!
Romans 11:34 प्रभु कि बुद्धि को किस ने जाना या उसका मंत्री कौन हुआ?
Romans 11:35 या किस ने पहिले उसे कुछ दिया है जिस का बदला उसे दिया जाए।
Romans 11:36 क्योंकि उस की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उस की महिमा युगानुयुग होती रहे: आमीन।
Romans 12:1 इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है।
Romans 12:2 और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 4-6
  • मत्ती 2



मंगलवार, 1 जनवरी 2019

धन्यवादी जीवन


सभी पाठकों को नव-वर्ष की शुभकामनाएँ

      अपने आत्मिक जीवन को और परिपक्व करने तथा परमेश्वर के प्रति और अधिक धन्यवादी होना सीखने के लिए सू ने अपने लिए एक “धन्यवादी-मर्तबान” बनाया। प्रति संध्या वह एक कागज़ पर कम से कम एक ऐसी बात जिसके लिए वह परमेश्वर की धन्यवादी रही है लिखकर उस मर्तबान में डाल देती थे। कुछ दिनों में उसके पास धन्यवादी होने के लिए कई विषय होते थे तो कुछ ऐसी भी दिन होते थे जिनमें उसे एक भी विषय कठिनाई से मिल पाता हो। वर्ष के अन्त समय पर उसने उस मर्तबान को खाली किया, और धन्यवाद के अपने सारे विषयों को पढ़ना आरंभ किया, और उसने पाया कि वह परमेश्वर द्वारा उसके जीवन में किए गए अद्भुत कार्यों के लिए फिर से धन्यवाद कर रही थी। परमेश्वर ने उसे साधारण से बातों, जैसे एक सुन्दर सूर्यास्त का दृश्य, या उद्यान में टहलें के लिए शीतल साँझ प्रदान की थे, या किसी अन्य समय पर परमेश्वर ने उसे किसी कठिन परिस्थति को संभालने का अनुग्रह, बुद्धिमता और सामर्थ्य दी, या किसी प्रार्थना का उत्तर दिया, या किसी परेशानी में सम्भाला और उससे निकाला।

      सू के इन अनुभवों से मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार द्वारा अपने अनुभवों के आधार पर कही गई बात स्मरण हो आई। दाऊद ने भजन 23 में लिखा कि परमेश्वर ने उसे ‘हरी-हरी चराइयों’ और ‘सुखदाई जल के झरनों’ के अनुभव दिए (पद 2-3)। उसने दाऊद को मार्गदर्शन, सुरक्षा, और शान्ति दी  (पद 3-4)। दाऊद का निषकर्ष था “निश्चय भलाई और करूणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा” (पद 6)।

      मैंने भी सोचा है कि मैं इस वर्ष अपने लिए एक ‘धन्यवादी मर्तबान’ बनाऊँगी। क्या आप भी मेरे साथ ऐसा करना चाहेंगे? आवश्यक नहीं कि यह ‘मर्तबान’ ही हो; आप धन्यवादी डायरी बना सकते हैं और उसमें लिख सकते हैं, या अपने फोन अथवा कम्प्यूटर में दैनिक धन्यवादी नोट बना सकते हैं, और चाहें तो उसे इन्तार्नैत के माध्यम से औरों के साथ साझा कर सकते हैं; आप अपने धन्यवाद को प्रतिदिन अपने फेसबुक, ट्विटर या अन्य ऐसे किसी सोशल मीडिया पर लिखकर साझा कर सकते हैं – विधियाँ अनेक हैं, आपकी इच्छा होनी चाहिए।

      मेरा विचार है कि ऐसा करने से हम पाएँगे कि परमेश्वर को धन्यवाद करने के लिए हमारे पास बहुतेरे विषय हैं, जिनमें परिवार और मित्र जनों का उपहार, हमारी भौतिक, आत्मिक, और भावनात्मक आवश्यकताओं की पूर्ति, अनेकों परिस्थितयों में हमारी देखभाल, संभाल, और प्रावधान इत्यादि सम्मिलित हैं। हम भी दाऊद के समान कहने पाएँगे कि परमेश्वर की भलाई, प्रेम, और करुणा निश्चय हमारे साथ आजीवन बनी रहेंगी। - ऐनी सेटास


जब भी आपको भलाइयाँ स्मरण आएँ, परमेश्वर का धन्यवाद कीजिए।

किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी। - फिलिप्पियों 4:6-7

बाइबल पाठ: भजन 23
Psalms 23:1 यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी।
Psalms 23:2 वह मुझे हरी हरी चराइयों में बैठाता है; वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता है;
Psalms 23:3 वह मेरे जी में जी ले आता है। धर्म के मार्गो में वह अपने नाम के निमित्त मेरी अगुवाई करता है।
Psalms 23:4 चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में हो कर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है।।
Psalms 23:5 तू मेरे सताने वालों के साम्हने मेरे लिये मेज बिछाता है; तू ने मेरे सिर पर तेल मला है, मेरा कटोरा उमण्ड रहा है।
Psalms 23:6 निश्चय भलाई और करूणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 1-3
  • मत्ती 1



सोमवार, 31 दिसंबर 2018

अभी



      हमारी नातिन मैगी, और उसकी छोटी बहन केटी, दोनों छोटी बच्चियाँ, घर के पीछे आँगन में खेल रही थीं। खेलते हुए कुछ समय बीता था कि मैगी ने माँ को पुकारा, “माँ जल्दी से यहाँ आओ! मैं यीशु को अपने हृदय में बुलाना चाहती हूँ और इसके लिए मुझे आपकी सहायता की आवश्यकता है!” लगता है कि उस समय पर उसे यीशु की अपनी आवश्यकता का बोध हुआ, और वह यीशु में विश्वास करने के लिए तैयार थी।

      मैगी द्वारा यीशु में विश्वास करने में सहायता के लिए अपनी माँ को पुकारना, परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस द्वारा उद्धार के विषय 2 कुरिन्थियों 6 में लिखे गए शब्दों को स्मरण दिलाता है। पौलुस उस वास्तविकता की चर्चा कर रहा था कि यीशु मसीह पुनः आने वाला है – साथ ही उसके मारे जाने और पुनरुत्थान को – और बता रहा था कि यह समय “परमेश्वर की प्रसन्नता का समय” है। हम उस समय में रहते हैं जब परमेश्वर का अनुग्रह और उद्धार सँसार के सभी लोगों को उपलब्ध है। उसने कहा, “क्योंकि वह तो कहता है, कि अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सुन ली, और उद्धार के दिन मैं ने तेरी सहायता की: देखो, अभी वह प्रसन्नता का समय है; देखो, अभी उद्धार का दिन है” (पद 2)। उन सब के लिए, जिन्होंने अभी तक यीशु से सेंत-मेंत में मिलने वाली पापों की क्षमा और उद्धार में विश्वास नहीं किया है, उन सब के लिए यह करने का समय अभी है; और यह अत्यावश्यक है।

      हो सकता है कि पवित्र आत्मा ने आपको आपकी इस आवश्यकत के विषय सचेत किया है, कि आप प्रभु यीशु में विश्वास ले आएँ। इसे टालें नहीं वरन तुरंत इस पर कार्यवाही करें, जैसे कि मैगी ने किया। अभी समय है; यीशु के पास आ जाएँ। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर के परिवार का सदस्य बनने के लिए आज और अभी  से बेहतर कोई अन्य समय नहीं है।

वरन जिस दिन तक आज का दिन कहा जाता है, हर दिन एक दूसरे को समझाते रहो, ऐसा न हो, कि तुम में से कोई जन पाप के छल में आकर कठोर हो जाए। - इब्रानियों 3:13

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:18-6:2
2 Corinthians 5:18 और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है।
2 Corinthians 5:19 अर्थात परमेश्वर ने मसीह में हो कर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।
2 Corinthians 5:20 सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो।
2 Corinthians 5:21 जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं।
2 Corinthians 6:1 और हम जो उसके सहकर्मी हैं यह भी समझाते हैं, कि परमेश्वर का अनुग्रह जो तुम पर हुआ, व्यर्थ न रहने दो।
2 Corinthians 6:2 क्योंकि वह तो कहता है, कि अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सुन ली, और उद्धार के दिन मैं ने तेरी सहायता की: देखो, अभी वह प्रसन्नता का समय है; देखो, अभी उद्धार का दिन है।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • मलाकी 1-4
  • प्रकाशितवाक्य 22



रविवार, 30 दिसंबर 2018

एकांत



      मैं चर्च के जिस कमरे में सहायता कर रही थी वहाँ बहुत कार्य और चहल-पहल थी। लगभग एक दर्जन बच्चे बातचीत कर रहे थे, खेल रहे थे। वहाँ इतनी अधिक गतिविधि हो रही थी कि कमरा गर्म होने लगा और मैंने दरवाज़े को थोड़ा सा खोल दिया। एक छोटे लड़के ने इसमें अपने बच निकलने का अवसर देखा, और जैसे ही उसे लगा कि उसे कोई नहीं देख रहा है, वह चुपचाप, दबे पाँव, दरवाज़े से बाहर निकल गया। मैं भी उसके पीछे-पीछे गई, और मुझे कोई अचरज नहीं हुआ यह देखकर कि वह सीधा अपने पिता की ओर जा रहा था।

      उस छोटे लड़के ने वह किया जो हमें करना चाहिए जब जीवन व्यस्त और अभिभूत करने वाला हो जाता है – अलग निकल कर पिता के पास चले जाएँ। प्रभु यीशु अपने स्वर्गीय पिता के साथ प्रार्थना में समय बिताने के अवसर ढूँढा करते थे। कोई यह कह सकता है कि उनकी शारीरिक ऊर्जा को कम करने वाली बातों का सामना और पूर्ति करने के लिए यही उनका तरीका था। परमेश्वर के वचन बाइबल में, मत्ती रचित सुसमाचार में, लिखा है कि प्रभु यीशु किसी एकांत स्थान की ओर जा रहे थे कि लोगों की भीड़ उनके पीछे हो ली। उनकी आवश्यकताओं को देखकर प्रभु ने चमत्कारिक रीति से उन्हें चंगाइयां दीं और उन्हें खिलाया भी। परन्तु यह सब करने के पश्चात वे “प्रार्थना करने को अलग पहाड़ पर चला गया” (पद 23)।

      प्रभु यीशु ने अनेकों बार बहुतेरे लोगों की सहायता की, परन्तु उन्होंने अपने आप को थका हुआ और जल्दबाज़ी में पड़ा हुआ नहीं होने दिया। वे परमेश्वर के साथ अपने संबंध को प्रार्थना द्वारा पोषित करते थे। आप की क्या स्थिति है? क्या आप परमेश्वर के सामर्थ्य और भरपूरी का अनुभव करने के लिए उसके साथ एकांत में समय बिताएंगे? – जेनिफर बेन्सन शुल्ट


हम जब परमेश्वर के निकट आते हैं तो हमारे मन तार-ओ-ताज़ा और हमारा बल नया हो जाता है।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह  40:31

बाइबल पाठ: मत्ती 14:13-23
Matthew 14:13 जब यीशु ने यह सुना, तो नाव पर चढ़कर वहां से किसी सुनसान जगह एकान्‍त में चला गया; और लोग यह सुनकर नगर नगर से पैदल उसके पीछे हो लिए।
Matthew 14:14 उसने निकलकर बड़ी भीड़ देखी; और उन पर तरस खाया; और उसने उन के बीमारों को चंगा किया।
Matthew 14:15 जब सांझ हुई, तो उसके चेलों ने उसके पास आकर कहा; यह तो सुनसान जगह है और देर हो रही है, लोगों को विदा किया जाए कि वे बस्‍तियों में जा कर अपने लिये भोजन मोल लें।
Matthew 14:16 यीशु ने उन से कहा उन का जाना आवश्यक नहीं! तुम ही इन्हें खाने को दो।
Matthew 14:17 उन्होंने उस से कहा; यहां हमारे पास पांच रोटी और दो मछिलयों को छोड़ और कुछ नहीं है।
Matthew 14:18 उसने कहा, उन को यहां मेरे पास ले आओ।
Matthew 14:19 तब उसने लोगों को घास पर बैठने को कहा, और उन पांच रोटियों और दो मछिलयों को लिया; और स्वर्ग की ओर देखकर धन्यवाद किया और रोटियां तोड़ तोड़कर चेलों को दीं, और चेलों ने लोगों को।
Matthew 14:20 और सब खाकर तृप्‍त हो गए, और उन्होंने बचे हुए टुकड़ों से भरी हुई बारह टोकिरयां उठाईं।
Matthew 14:21 और खाने वाले स्‍त्रियों और बालकों को छोड़कर पांच हजार पुरूषों के अटकल थे।
Matthew 14:22 और उसने तुरन्त अपने चेलों को बरबस नाव पर चढ़ाया, कि वे उस से पहिले पार चले जाएं, जब तक कि वह लोगों को विदा करे।
Matthew 14:23 वह लोगों को विदा कर के, प्रार्थना करने को अलग पहाड़ पर चढ़ गया; और सांझ को वहां अकेला था।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 13-14
  • प्रकाशितवाक्य 21



शनिवार, 29 दिसंबर 2018

मुद्रिका



      जब विदेश से आए एक व्यक्ति से मेरी जान-पहचान हुई तो मेरा ध्यान उसके विशिष्ट अंग्रेज़ी उच्चारण और छोटे ऊंगली में पहनी हुई मुद्रिका पर गया। बाद में मुझे पता चला कि वह मुद्रिका मात्र आभूषण नहीं था, वह उसके परिवार के इतिहास का भी सूचक है, उस मुद्रिका पर बने पारिवारिक चिन्ह के द्वारा।

      यह परमेश्वर के वचन बाइबल में, हाग्गै की पुस्तक में उल्लेखित मुद्रिका के समान था। पुराने नियम के इस भविष्यद्वक्ता की इस संक्षिप्त सी पुस्तक में हाग्गै लोगों से परमेश्वर के मंदिर के पुनःनिर्माण को फिर से आरंभ करने का आह्वान करता है। उन लोगों को देश से निष्कासित कर दिया गया था, फिर वे लौट कर अपने देश आए और उन्होंने मंदिर के निर्माण का कार्य आरंभ किया। परन्तु शत्रुओं के विरोध के कारण मंदिर निर्माण का कार्य रुक गया था। हाग्गै के सन्देश में यहूदा के अगुवे जरूब्बाबेल के लिए भी प्रतिज्ञा थी कि उसे एक मुद्रिका के समान चुनकर अगुवा नियुक्त किया गया था।

      प्राचीन समय में मुद्रिका को पहचान के माध्यम के समान भी प्रयोग किया जाता था। अपने नाम का हस्ताक्षर करने के स्थान पर लोग अपनी मुद्रिका को गर्म मोम या नर्म मिट्टी पर दबाकर अपना चिन्ह बना देते थे। परमेश्वर की सन्तान होने के नाते हम मसीही भी सँसार पर अपनी छाप छोड़ते हैं – अपने कार्यों, व्यवहार, सुसमाचार प्रचार, आस-पास के लोगों के साथ प्रेम के व्यवहार, सँसार में शोषण की समाप्ति के लिए कार्य करने, आदि के द्वारा।

      हम में से प्रत्येक की अपने विशिष्ट छाप है जो दिखाती है कि हम कैसे परमेश्वर के स्वरूप में सृजे गए हैं और हमें परमेश्वर ने, उसके कार्यों के लिए, क्या-क्या वरदान, इच्छाएँ और बुद्धिमता प्रदान की है। अब यह हम पर है कि अपनी बुलाहट के अनुसार परमेश्वर के लिए इस सँसार में उसकी मुद्रिका का कार्य करें – लोगों पर उसके प्रेम और उद्धार की छाप छोडें। - एमी बाउचर पाई


हम परमेश्वर के वारिस और राजदूत हैं, संसार पर उसके प्रेम की छाप छोड़ने के लिए।

सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। - 2 कुरिन्थियों 5:20

बाइबल पाठ: हाग्गै 2:15-23
Haggai 2:15 अब सोच-विचार करो कि आज से पहिले अर्थात जब यहोवा के मन्दिर में पत्थर पर पत्थर रखा ही नहीं गया था,
Haggai 2:16 उन दिनों में जब कोई अन्न के बीस नपुओं की आशा से जाता, तब दास ही पाता था, और जब कोई दाखरस के कुण्ड के पास इस आशा से जाता कि पचास बर्तन भर निकालें, तब बीस ही निकलते थे।
Haggai 2:17 मैं ने तुम्हारी सारी खेती को लू और गरूई और ओलों से मारा, तौभी तुम मेरी ओर न फिरे, यहोवा की यही वाणी है।
Haggai 2:18 अब सोच-विचार करो, कि आज से पहिले अर्थात जिस दिन यहोवा के मन्दिर की नेव डाली गई, उस दिन से ले कर नौवें महीने के इसी चौबीसवें दिन तक क्या दशा थी? इसका सोच-विचार करो।
Haggai 2:19 क्या अब तक बीज खत्ते में है? अब तक दाखलता और अंजीर और अनार और जलपाई के वृक्ष नहीं फले, परन्तु आज के दिन से मैं तुम को आशीष देता रहूंगा।
Haggai 2:20 उसी महीने के चौबीसवें दिन को दूसरी बार यहोवा का यह वचन हाग्गै के पास पहुंचा, यहूदा के अधिपति जरूब्बाबेल से यों कह :
Haggai 2:21 मैं आकाश और पृथ्वी दोनों को कम्पाऊंगा,
Haggai 2:22 और मैं राज्य-राज्य की गद्दी को उलट दूंगा; मैं अन्यजातियों के राज्य-राज्य का बल तोडूंगा, और रथों को चढ़वैयों समेत उलट दूंगा; और घोड़ों समेत सवार एक दूसरे की तलवार से गिरेंगे।
Haggai 2:23 सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है, उस दिन, हे शालतीएल के पुत्र मेरे दास जरूब्बाबेल, मैं तुझे ले कर अंगूठी के समान रखूंगा, यहोवा की यही वाणी है; क्योंकि मैं ने तुझी को चुन लिया है, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 9-12
  • प्रकाशितवाक्य 20